ट्रैवलिंग करना हमेशा से ही काफी थकाने वाला होता है। अगर आप किसी लंबी दूरी की यात्रा पर निकले हैं, तो फिर नींद का झोंका आपको छू कर न जाए ऐसा होना मुश्किल है, फिर चाहे आप पहले से ही अच्छी तरह से आराम क्यों न कर चुके हों। क्या आपने कभी ऐसा सोचा है कि ऐसा क्यों होता है, हमें अक्सर ट्रैवल शुरू करते ही नींद क्यों आने लगती है। इसके पीछे कई तरह के कारण होते हैं। आइए जानते हैं, मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में साइकोथेरेपी और स्लीप कंसल्टेंट डॉ. अपर्णा रामकृष्णन इस पर क्या कहती हैं
यात्रा के दौरान नींद आने के पीछे की वजह
एक ही रफ्तार में चलना: जब हम ट्रैवल करते हैं, तो गाड़ी एक लय में चलती रहती है, जिससे हमें अक्सर नींद आने लगती है। ट्रेन और कार में सफर के दौरान लोगों को काफी रिलैक्स फील होता है। इसके साथ ही व्यक्ति को काफी आराम भी महसूस होता है, जिससे उसे नींद आने लगती है।
कम शोर और कम जगह: गाड़ी के इंजन की लगातार गूंज से एक हल्का शोर पैदा होता रहता है, जो दिमाग को थका या फिर एनर्जी डाउन कर सकता है। जब हम यात्रा करते हैं, तो गाड़ी में देखने के लिए सीमित जगह होती है, जिसके वजह से हमारे देखने और सुनने की क्षमता में काफी कमी आती है और व्यक्ति की सतर्कता कम होने लगती है। जब हमारे दिमाग को व्यस्त रखने वाली चीजें कम होती हैं, तो फिर व्यक्ति को आसानी से नींद आने लगती है।
नेचुरल लाइट की कमी: कारों और ट्रेनों में नेचुरल लाइट कम हो जाती है। नेचुरल लाइट का हमें नींद से जगाने में बहुत ज्यादा योगदान होता है। यह हमारे नींद से जगने के सर्कल को कंट्रोल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सूरज की रोशनी हमारे शरीर को जागने और आराम करने का संकेत देती है। उसके न होने से हमें नींद की इच्छा और ज्यादा बढ़ जाती है।
थकान और नींद की कमी: जो लोग पहले से ही थक गए हैं या पूरी नींद नहीं लिए होते हैं। वे यात्रा के दौरान नींद का शिकार आसानी से हो सकते हैं। चलती हुई गाड़ी और शांत और आरामदायक माहौल में शरीर को आराम करने का सबसे अच्छा मौका मिल जाता है। इस तरह लंबी यात्रा के दौरान उन लोगों को झपकी आने लगती है, जिन्होंने पर्याप्त नींद नहीं ली है। कुछ व्यक्ति चलती गाड़ी में ज्यादातर सिर्फ बाहर की ओर देखते रहते हैं, जिससे उनको नींद आने लगती है। तो वहीं दूसरी ओर जो लोग चलती गाड़ी में पढ़ाई करते या गाना सुनते हैं उनको नींद आने के चांस बहुत कम होती है।
पूरी तरह से आराम मिलना: रात में अच्छी तरह आराम किया हुआ व्यक्ति आमतौर पर यात्रा के दौरान उसको नींद नहीं आती है। अच्छी नींद लेने के बाद व्यक्ति की चीचों को लेकर सतर्कता बढ़ जाती है, जिससे उसको नींद नहीं आती है। अगर व्यक्ति पूरे दिन काम करने के बाद अच्छे से आराम नहीं करता है, तो यात्रा शुरू करते ही उसको नींद आने लगती है।