Law and Order: UPSC एग्जाम पास करने वालों में आईएएस (IAS) के बाद जिस पोस्ट की सबसे ज्यादा डिमांड होती है वो आईपीएस (IPS) है। IPS बनने के बाद जब इनकी पोस्टिंग होती है तो एक कंफ्यूजन की स्थिति लोगों के सामने आती है। दरअसल होता ये है कि कुछ राज्यों, कमिश्नरेट वाले इलाकों या फिर केंद्र शासित प्रदेशों में पुलिस का सिस्टम अलग-अलग होता है। ऐसे में एक ही परीक्षा को पास करके बना IPS किसी राज्य में जाकर SSP कहलाता है तो कहीं वह DCP कहलाता है। वहीं अगर DSP की बात करें तो यह राज्य पुलिस का एक प्रतिनिधि होता है, जो राज्य पुलिस अधिकारियों को निर्देश देता है।
डीएसपी (DSP) एक अंग्रेजी का शब्द है। जिसका फुल फॉर्म Deputy Superintendent Of Police होता है। जिसे हिंदी में हम पुलिस उपाधीक्षक कहते हैं। हर DSP जिले के SP या SSP को रिपोर्ट करता है। सामान्य पुलिस व्यवस्था में यह पद जिले में थानों के हिसाब से होते हैं। इनकी तैनाती सर्किल में होती है। हर सर्किल के अधीन दो या उससे अधिक थाने होते हैं। जिनके एसएचओ या एसओ अपने डीएसपी को रिपोर्ट करते हैं।
उत्तर प्रदेश जैसे कई राज्यों में सर्किल में तैनात DSP को सीओ यानी सर्किल ऑफिसर भी कहा जाता है। जबकि पुलिस से संबंधित अन्य आंतरिक विभागों में ये अफसर DSP ही कहलाते हैं। DSP के पद पर तैनात अधिकारी राज्य पुलिस सेवा से आते हैं. जो पीपीएस (PPS) कहलाते हैं. इनकी वर्दी के कंधों पर तीन सिल्वर स्टार होते हैं। राज्य सरकार के कानूनों के अनुसार कुछ सालों के सेवा के बाद उन्हें IPS में प्रमोट किया जा सकता है। राज्य पुलिस बल के उच्च पदस्थ अधिकारियों को डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस के रूप में जाना जाता है। एक डीएसपी की भूमिका अपने जूनियरों के काम और रिपोर्ट की जांच करना और सीनियर अधिकारियों को रिपोर्ट करना, SP के तहत काम करना है।
DCP का मतलब पुलिस उपायुक्त है। पुलिस उपायुक्त भारतीय पुलिस या राज्य पुलिस सेवाओं में एक सीनियर पद होता है। यही जिले की कमान संभालते हैं। एक DCP पुलिस के कार्यों की देखरेख और पर्यवेक्षण का प्रभारी होता है और आपराधिक प्रशासन के प्रमुख के रूप में भी काम करता है। केंद्र शासित प्रदेश या जिले में शांति और व्यवस्था बनाए रखने का कर्तव्य और अधिकार पुलिस उपायुक्त पर होता है।