‘सोशल मीडिया एक बीमारी है’ इन दिनों हर दूसरे व्यस्क के मुंह से यही शब्द सुनाई देते हैं। आप इंस्टाग्राम (Instagram Viral) और फेसबुक (Facebook Post) खोलते हैं वहां महंगी गाड़ियों में घूम रहे, बड़े घरों में रह रहे लोगों की जिंदगियों को देखते हैं। ऐसे में ज्यादातर लोगों का मन करता है कि वो भी वैसी ही जिंदगी जिएं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स (Social Media Platform) पर दिखाए जा रहे ग्लैमर, परेशान करने वाले ट्रेंड्स की वजह से युवाओं में Money Dysmorphia जैसी परेशानियां बढ़ रही हैं। ये एक ऐसी अवस्था है जब कोई भी यंगस्टर अपने खर्चों को नहीं समझ पाता है और जिसके बाद एक के बाद एक गलत फैसले लेता जाता है।
लोगों के मनी गोल्स को लेकर मामला गर्म
Qualtrics for Intuit Credit Karma ने 2013 में एक स्टडी की थी। इस स्टडी के बाद मिलेनियल्स और जेन जी को लेकर काफी जरूरी बातें पता लगीं। युवाओं को अपनी फाइनेंशियल सिचुएशन के बारे में पता ही नहीं रहता 59% और 48% इस बात का दावा करते हैं कि वो अपने मनी गोल्स के बारे में जानते ही नहीं है ना ही उन्हें फॉलो कर पाते हैं।
लग्जरी लाइफस्टाइल को लेकर गहमा गहमी
इंस्टाग्राम ने उन्हें लग्जरी लाइफस्टाइल की ओर आकर्षित किया है। इस वजह से ही यंग जेनरेशन की फाइनेंशियल आकांक्षाएं बदली हैं। oXYGen Financial के CEO Ted Jenkin के मुताबिक सोशल मीडिया ही युवाओं को महंगे वेकेशन, डिजाइनर बैग और हर सुविधा से लैस किचन जैसी लग्जरी चीजों के पीछे भागने के लिए मजबूर कर रहा है। इस प्रेशर की वजह से आज के यंगस्टर्स मनी डिस्मोर्फिया महामारी का शिकार हो गए हैं।
स्टडी से एक और बात का पता चलता है। कई बार यंगस्टर्स अपनी जेब और बैंक अकाउंट में मौजूद पैसे से भी ज्यादा की धन दौलत होने का दिखावा करने लगता है। फाइनेंशियल स्टेबिलिटी आने से पहले ही सभी लुई वित्तों के बैग से लेकर दुनिया के फेमस टूरिस्ट स्पॉट्स पर घूमने लगते हैं। इन्ही सब इश्यूज से जूझ रहे Gen Z ने 2024 में एक नई अप्रोच अपनाने का फैसला लिया है। वो अब Loud Budgeting जैसे ऑप्शंस पर फोकस करने लगे हैं। Tik Toker लुकास बैटल ने इसे शांत लग्जरी बताया है।
लाउड बजटिंग के लिए प्रेरित करना
Loud Budgeting को ज्यादा पैसा खर्च करने के खिलाफ एक मुहिम है। लोगों में समझ डेवलप करना ताकि वो सोसायटी के प्रेशर में आकर महंगी लग्जरी लाइफ के झांसे में ना आएं और समझदारी से खर्च करें। टिक टॉक प्लेटफॉर्म्स पर लाउड बजटिंग को प्रमोट किया जा रहा है। अब देखना ये है कि ये आइडिया यंगस्टर्स तक पहुंच रहा है या नहीं। ये तरीका सामाजिक प्रेशर से जेनरेशन को बचा पाता है या नहीं ये देखना होगा।