Ranveer Allahbadia Row: यूट्यूबर और पॉडकास्टर रणवीर इलाहाबादिया को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (3 मार्च) को रणवीर इलाहाबादिया को सोशल मीडिया पर अपने पॉडकास्ट और शो अपलोड करने की अनुमति दे दी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक इलाहाबादिया को दी की गई गिरफ्तारी से संरक्षण की अवधि बढ़ा दी है। शीर्ष अदालत ने उसे गुवाहाटी में जांच में शामिल होने के लिए कहा है। असम पुलिस और मुंबई पुलिस कॉमेडियन समय रैना के यूट्यूब शो 'इंडियाज गॉट लैटेंट' पर रणवीर इलाहाबादिया की विवादास्पद टिप्पणी की जांच कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को रणवीर इलाहाबादिया पर अपने ऑनलाइन शो प्रसारित करने पर प्रतिबंध हटा दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने निर्देश दिया कि उनके शो शालीनता और नैतिकता के मानकों को बनाए रखेंगे। 18 फरवरी के अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबादिया पर महाराष्ट्र, राजस्थान और असम पुलिस द्वारा उनकी अश्लील टिप्पणियों पर दर्ज एफआईआर में गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण के लिए कोई भी शो प्रसारित न करने की शर्त लगाई थी।
हालांकि, जस्टिस सूर्यकांत और एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने 'द रणवीर शो' पर प्रतिबंध इस आधार पर हटा दिया कि इलाहाबादिया 280 लोगों को रोजगार दे रहे थे। वह अपनी आजीविका के लिए पूरी तरह से यूट्यूब वीडियो/पॉडकास्ट पर निर्भर थे। इलाहाबादिया के वकील अभिनव चंद्रचूड़ ने अदालत को बताया कि पॉडकास्टर कोई भी अपशब्द नहीं बोलेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने रणवीर इलाहाबादिया के वकील से कहा कि मौलिक अधिकार थाली में नहीं परोसे गए हैं, कुछ प्रतिबंध हैं। शीर्ष अदालत ने रणवीर इलाहाबादिया से 'द रणवीर शो' के सभी आयु वर्ग के लिए उपयुक्त होने का वचन देने को कहा।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा कि सोशल मीडिया कंटेंट को रेग्यूलेट करने के लिए दिशानिर्देश तैयार करें और सभी से सुझाव लें। सुप्रीम कोर्ट ने रणवीर इलाहाबादिया को फिलहाल विदेश यात्रा की अनुमति देने से इनकार करते हुए कहा कि उनके जांच में शामिल होने के बाद ही अनुमति दी जा सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने रणवीर इलाहाबादिया को 'द रणवीर शो' में इस मामले के बारे में बात करने से प्रतिबंधित किया है। शीर्ष अदालत ने रणवीर इलाहाबादिया को अपने कार्यक्रम में शालीनता बनाए रखने की शर्त पर शो का प्रसारण फिर से शुरू करने की अनुमति दी।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर 1.6 करोड़ से अधिक फॉलोअर वाले इलाहाबादिया ने माता-पिता और यौन संबंधों के बारे में टिप्पणी करके विवाद खड़ा कर दिया था। इलाहाबादिया ने बाद में एक वीडियो जारी कर माफी मांगी। लेकिन यह मुद्दा शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। शिवसेना सांसद नरेश म्हास्के ने यह मुद्दा संसद में भी उठाया। उन्होंने सोशल मीडिया को रेग्यूलेट करने के लिए एक कानून बनाने की मांग की।