क्या आपने कभी सोचा है कि सागर (Sea) और महासागर (Ocean) में क्या अंतर है? दिखने में तो दोनों विशाल पानी के भंडार लगते हैं लेकिन इनके बीच का फर्क वाकई हैरान कर देने वाला है। सागर वो जगह है जहां नदियां अपना सफर खत्म करती हैं और महासागर वो अनंत जलराशि है जो पूरी पृथ्वी को घेरती है। सागर इंसानों के करीब होते हैं जहां मछलियां और समुद्री शैवाल जैसे जीवन के स्रोत मिलते हैं । जबकि महासागर इतने गहरे और विशाल होते हैं कि वहां का रहस्य आज भी वैज्ञानिकों के लिए चुनौती है।
तो चलिए इस रोचक दुनिया की तह में जाते हैं और जानते हैं कि सागर और महासागर कैसे एक-दूसरे से बिल्कुल अलग हैं और इनके बारे में जानकर आप इन दोनों के बीच के अंतर को और भी अच्छे से समझ पाएंगे।
सागर और महासागर की परिभाषा
सागर वह खारे पानी का क्षेत्र होता है जहां नदियां आकर अपना पानी उड़ेल देती हैं। सागर महासागरों के मुकाबले छोटे और कम गहरे होते हैं। सागर इंसानों के लिए बहुत उपयोगी हैं क्योंकि यहां मछलियां, समुद्री शैवाल और अन्य भोजन के स्रोत मिलते हैं। उदाहरण के लिए जापान सागर और लाल सागर।
महासागर विशाल जलक्षेत्र होते हैं जो पृथ्वी के 72% हिस्से को ढकते हैं। ये बहुत गहरे होते हैं और यहां पानी का अंतहीन विस्तार होता है। महासागर में विभिन्न समुद्री जीव-जंतु जैसे शार्क, व्हेल और केकड़े पाए जाते हैं।
महासागर की गहराई इतनी ज्यादा होती है कि इसे मापना आसान नहीं है। प्रशांत महासागर की सबसे गहरी जगह मारियाना ट्रेंच है जिसकी गहराई 36,200 फीट मापी गई है। वैज्ञानिक मानते हैं कि यह भी इसकी अधिकतम गहराई नहीं है। औसतन महासागरों की गहराई 3,800 मीटर तक होती है।सागर की गहराई इसके मुकाबले काफी कम होती है। इसे मापना आसान है और यह इंसानों के करीब होता है।
सागर हमेशा जमीन से जुड़े होते हैं। जैसे जापान सागर और लाल सागर ये जमीन के किनारे से जुड़े हैं। दूसरी ओर महासागर खुले जल क्षेत्र होते हैं जो किसी भी जमीन से सीधे जुड़े नहीं होते।इसके अलावा सागर धीरे-धीरे महासागर में मिल जाते हैं लेकिन महासागर कभी सागर का हिस्सा नहीं बनते।
महासागर पृथ्वी के संतुलन को बनाए रखते हैं। ये जलवायु को नियंत्रित करते हैं, कार्बन डाइऑक्साइड अवशोषित करते हैं और समुद्री जीवों को आश्रय देते हैं। सागर पर्यटन, मछली पालन और व्यापार के लिए जरूरी हैं। यहां से हमें समुद्री भोजन और प्राकृतिक संसाधन मिलते हैं।