IT मंत्री ने क्यों डिलीट किया Starlink के स्वागत वाला ट्वीट? अश्विनी वैष्णव पर विपक्ष हुआ हमलावर
Starlink In India Row: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के ट्वीट को डिलीट करने के बाद सोशल मीडिया यूजर्स और विपक्षी नेताओं ने सवाल उठाया। उन्होंने पूछा कि आईटी मंत्री ने अपना ट्वीट क्यों डिलीट किया? विपक्षी दलों के नेताओं ने पोस्ट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए सवाल किया कि क्या इसका मतलब यह है कि भारत सरकार की मंजूरी अभी भी लंबित है
Starlink In India Row: अश्विनी वैष्णव ने स्टारलिंक का भारत में स्वागत वाला पोस्ट अचानक से डिलीट कर दिया है
Starlink In India Row: सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव गुरुवार (13 मार्च) को एक X पोस्ट (ट्वीट) को हटाने के बाद आलोचनाओं के घेरे में आ गए। इसमें उन्होंने अमेरिकी अरबपति एलॉन मस्क की किफायती सैटेलाइट इंटरनेट देने वाली कंपनी 'स्टारलिंक' का भारत में स्वागत किया था। केंद्रीय मंत्री ने बुधवार (12 मार्च) को स्टारलिंक का भारत में स्वागत करते हुए कहा था कि इससे दूरदराज के इलाकों में रेलवे परियोजनाओं को मदद मिलेगी। हालांकि, उन्होंने इसके बाद अपने इस पोस्ट को डिलीट कर दिया। इसके बाद वे विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं।
रिलायंस इंडस्ट्रीज की डिजिटल सर्विस कंपनी जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड और भारती एयरटेल ने भारत में अपने ग्राहकों को स्टारलिंक की हाई-स्पीड सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस देने के लिए स्पेसएक्स के साथ समझौत किया है। दावा किया जा रहा है कि इससे ग्राहकों के लिए ग्लोबल कनेक्टिविटी का एक नया युग शुरू होगा।
वैष्णव ने बुधवार (12 मार्च) को माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में कहा, "स्टारलिंक, भारत में आपका स्वागत है! इससे दूरदराज के क्षेत्रों की रेलवे परियोजनाओं को मदद मिलेगी।" आपको जानकारी के लिए बता दें कि वैष्णव सूचना एवं प्रसारण के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री भी हैं।
उनकी यह टिप्पणी अरबपति उद्योगपति मुकेश अंबानी की जियो प्लेटफॉर्म्स और सुनील मित्तल की भारती एयरटेल के साथ दो अलग-अलग समझौते के बाद आई थी। ये समझौते मस्क के नेतृत्व वाली कंपनी स्पेसएक्स द्वारा भारत में स्टारलिंक की ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवाएं लाने के लिए किए गए हैं।
विपक्ष ने बोला हमला
केंद्रीय मंत्री के ट्वीट को डिलीट करने के बाद सोशल मीडिया यूजर्स और विपक्षी नेताओं ने सवाल उठाया। विपक्ष ने पूछा कि आईटी मंत्री ने अपना ट्वीट क्यों डिलीट किया? कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने अब हटा दिए गए पोस्ट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए सवाल किया कि क्या इसका मतलब यह है कि भारत सरकार की मंजूरी अभी भी लंबित है।
TMC सांसद साकेत गोखले ने लिखा कि भारत के आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्वीट किया कि स्टारलिंक, भारत में आपका स्वागत है। फिर उन्होंने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया। गोखले ने दावा किया कि एलॉन मस्क के स्टारलिंक को अभी तक सरकारी मंजूरी नहीं मिली है। इसे कोई सैटेलाइट स्पेक्ट्रम भी आवंटित नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि अश्विनी वैष्णव के ट्वीट से साफ पता चलता है कि पीएम मोदी ट्रंप और मस्क के लिए हरसंभव प्रयास करने जा रहे हैं। सांसद ने पूछा कि एलन मस्क से बीजेपी को कितना मिल रहा है?
वहीं, कांग्रेस नेता शमा मोहम्मद ने लिखा कि आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने स्टारलिंक का स्वागत करते हुए अपना ट्वीट क्यों हटा दिया? BJP ने UPA पर भ्रष्टाचार का झूठा आरोप लगाया, जबकि ऐसा कुछ था ही नहीं। उन्होंने आरोप लगाया कि लेकिन अब उन्होंने नीलामी को दरकिनार कर दिया है और प्रशासनिक रूप से स्पेक्ट्रम वितरित किया है। वे एलॉन मस्क और ट्रंप के लिए झुक रहे हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाल रहे हैं और भारत में एकाधिकार बना रहे हैं।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने X पर पोस्ट कर कहा कि 12 घंटों के भीतर एयरटेल और जियो दोनों ने स्टारलिंक के साथ साझेदारी की घोषणा की है, जबकि अब तक वे इसके भारत में आने को लेकर लगातार आपत्तियां जताते आ रहे थे। उन्होंने दावा किया कि यह पूरी तरह से स्पष्ट है कि स्टारलिंक के मालिक एलॉन मस्क के माध्यम से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का सद्भाव हासिल करने के मकसद से ये साझेदारियां किसी और ने नहीं। बल्कि स्वयं प्रधानमंत्री मोदी द्वारा कराई गई हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा कि लेकिन कई सवाल बाकी हैं। शायद सबसे महत्वपूर्ण सवाल राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित है। राष्ट्रीय सुरक्षा की मांग होने पर संचार को चालू या बंद करने की शक्ति किसके पास होगी? क्या यह स्टारलिंक या उसके भारतीय भागीदार होंगे? रमेश ने सवाल किया कि क्या अब इसके प्रति कोई प्रतिबद्धता है कि स्टारलिंक का भारत में प्रवेश सुगम हो गया है?