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Vikash Yadav: जिस विकास यादव की अमेरिका को है तलाश, उसे दिल्ली पुलिस कर चुकी है गिरफ्तार! लॉरेंस बिश्नोई के नाम पर जबरन वसूली का आरोप

Vikash Yadav Wanted by FBI: विकास यादव पर आरोप है कि उन्होंने शिकायतकर्ता राज कुमार वालिया से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के लिए काम करने वाले एक अंडरकवर एजेंट के रूप में मुलाकात की। उसके बाद यादव ने वालिया का अपहरण कर लिया और उसे खाली चेक पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया। एक व्यापारी ने दिसंबर 2023 में पुलिस को शिकायत दी थी

अपडेटेड Oct 19, 2024 पर 1:34 PM
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Vikash Yadav Wanted by FBI: खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने के आरोप में FBI ने विकास यादव को वांटेड घोषित किया है

Vikash Yadav Wanted by FBI: खालिस्तानी आतंकी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने के मामले में अमेरिका ने जिस कथित पूर्व भारतीय अधिकारी विकास यादव को वांटेड बताया है। उसे दिल्ली पुलिस ने दो महीने पहले गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के नाम पर जबरन वसूली के एक मामले में गिरफ्तार किया था। इस मामले में मार्च 2024 में दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की थी। हालांकि, अप्रैल 2024 में विकास यादव को जमानत मिल गई थी। अमेरिकी एजेसिंयों ने भारत सरकार के पूर्व अधिकारी विकास यादव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजकीय यात्रा के आस-पास अमेरिका में सिख अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित नाकाम साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया है।

विकास यादव को खालिस्तानी आतंकवादी और अमेरिकी नागरिक गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश में कथित संलिप्तता के सिलसिले में एफबीआई तलाश रही है। इस बीच खबर आई है कि विकास को पिछले साल दिल्ली पुलिस की आतंकवाद निरोधी शाखा की विशेष सेल ने जबरन वसूली के आरोप में गिरफ्तार किया था। कुछ महीने तिहाड़ जेल में बिताने के बाद वह जमानत पर बाहर है।

जबरन वसूली मामले की जांच से पता चला है कि यादव ने शिकायतकर्ता राज कुमार वालिया से अंडरकवर एजेंट के तौर पर मुलाकात की थी। FIR में कहा गया है कि वह राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के लिए काम करने वाले एक सरकारी अधिकारी के तौर पर काम कर रहे थे। यादव ने वालिया से एनआईए कार्यालय के बाहर उसका अपहरण करने और पैसे वसूलने से पहले मुलाकात की थी।


पुलिस अधिकारियों को समाचार रिपोर्टों के माध्यम से यादव के "वांटेड" व्यक्ति होने की जानकारी मिली। सूत्रों ने संकेत दिया कि यादव पिछले साल एक पार्टी में एक कॉमन फ्रेंड के जरिए वालिया से मिला था। रोहिणी के रहने वाले शिकायतकर्ता व्यापारी ने दिसंबर 2023 में पुलिस को शिकायत दी थी कि उसके जानकर ने एक महीने पहले नवंबर 2023 में विकास यादव को उससे मिलवाया था और कहा था कि ये एक सीनियर सरकारी अधिकारी है।

FIR में क्या लिखा है?

एफआईआर के अनुसार, विकास यादव ने वालिया से मुलाकात की जो रोहिणी में रहता है और पश्चिमी दिल्ली के मोती नगर में एक कैफे और लाउंज चलाता है। यादव ने अब्दुल्ला के रूप में पहचाने जाने वाले अपने सहयोगी के साथ मिलकर वालिया से कहा कि उसे गंभीर खतरा है और उसे पिछले साल 11 दिसंबर को दिल्ली में एनआईए कार्यालय के पास मिलने के लिए कहा।

एफआईआर में कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा गया है, "शिकायतकर्ता अपने दोस्त अभिजीत के साथ विकास यादव से मिलने गया था, जो आरोपी अब्दुल्ला के साथ मौजूद था। इसके बाद आरोपी अब्दुल्ला ने उसे कार में धकेल दिया। आरोपियों ने शिकायतकर्ता को प्रताड़ित किया और उसके साथ मारपीट की तथा गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के नाम पर पैसे मांगे। आरोपियों ने उसे पीटा, इंजेक्शन लगाए और उसकी गर्दन के पीछे मारा। उन्होंने शिकायतकर्ता के कैफे से बैंक चेक बुक भी ली और खाली चेक पर उसके हस्ताक्षर लिए। बाद में उसे चुप रहने की धमकी देते हुए उसकी कार के पास छोड़ दिया।"

एफआईआर में आगे कहा गया है कि वापस लौटने के बाद वालिया ने पाया कि आरोपियों ने उसके कैफे में रखे 50,000 रुपये भी ले लिए थे और सभी सीसीटीवी रिकॉर्डिंग डिलीट कर दी थी। पुलिस को दिए गए अपने खुलासे में यादव ने कहा था कि उसके पिता सीमा सुरक्षा बल (BSF) में काम करते थे और 2007 में उनकी मृत्यु हो गई थी। साल 2015 में उनकी शादी हुई थी।

यादव के बारे में FBI क्या कहती है?

अमेरिकी संघीय अभियोजकों ने न्यूयॉर्क स्थित एक अमेरिकी अदालत में दायर एक अभियोग में दावा किया है कि विकास यादव (39) कैबिनेट सचिवालय में कार्यरत था जहां भारत की विदेशी खुफिया सेवा रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) का मुख्यालय है। यादव पर पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश में भूमिका के संबंध में भाड़े के हत्यारों की मदद से हत्या को अंजाम देने का प्रयास करने और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगाए गए हैं।

न्याय विभाग ने कहा कि यादव अब भी फरार है। पहले अभियोग पत्र में यादव को सीसी 1 (सह-साजिशकर्ता) के रूप में चिह्नित किया गया है। नई दिल्ली में विदेश विभाग के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने अमेरिकी न्याय विभाग के अभियोग में शामिल व्यक्ति की पहचान को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में गुरुवार को पुष्टि की थी कि "आरोपी अब भारत सरकार का कर्मचारी नहीं है।" उसके साथ इस कथित साजिश में शामिल सह-आरोपी निखिल गुप्ता को पिछले वर्ष चेक गणराज्य में गिरफ्तार किया गया था। प्रत्यर्पण के बाद वह अमेरिकी जेल में बंद है।

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