Lawrence Bishnoi: 12वीं के बाद कॉलेज की पढ़ाई के लिए छोड़ा था घर, बन गया गैंगस्टर, कौन है लॉरेंस बिश्नोई?
Who is Lawrence Bishnoi: लॉरेंस बिश्नोई का अंडरवर्ल्ड की दुनिया में आना आसाना नहीं था। यह गैंग कई गैंग वॉर में शामिल रहा है। अक्सर बदला लेने के लिए हत्याओं को अंजाम देता रहा है। गैंग की गतिविधियां अलग-अलग इलाकों में फैली हुई हैं, खासतौर से उत्तर भारत में, जो राजनीति और व्यापार दोनों में प्रभावशाली हस्तियों को निशाना बनाता है
Lawrence Bishnoi: 12वीं के बाद कॉलेज की पढ़ाई के लिए छोड़ा था घर
लॉरेंस बिश्नोई गैंग का नाम हाल ही में पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला और महाराष्ट्र के राजनेता बाबा सिद्दीकी की हत्या समेत कई हाई-प्रोफाइल आपराधिक गतिविधियों में सामने आया। इन कथिक लिंक के चलते बिश्नोई गैंग जांच के दायरे में है। इसे बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान को बार-बार मिल रही धमकियों से भी जोड़ा गया है। उत्तर भारत में इस वक्त सबसे एक्टिव और खतरनाक गैं लॉरेंस बिश्नोई का ही है। आइए एक नजर डालते हैं कि आखिर ये गैंग कैसे बना, इसकी एक्टिविटी क्या है और इसमें कौन-कौन शामिल हैं। साथ ही जनते हैं गैंग के लीडर लॉरेंस बिश्नोई के बारे में भी...
कौन है लॉरेंस बिश्नोई?
लॉरेंस बिश्नोई 31 वर्षीय गैंगस्टर है, जो पंजाब के फिरोजपुर जिले के धत्तरांवाली गांव का रहने वाला है। किसानों के एक संपन्न परिवार से आने वाला लॉरेंस, बिश्नोई समुदाय से है। इस समुदाय के लोग पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के कुछ इलाकों में रहते हैं।
12वीं तक अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद, बिश्नोई हायर एजुकेशन के लिए 2010 में चंडीगढ़ चला गया। उसने पंजाब यूनिवर्सिटी के DAV कॉलेज में दाखिला लिया और जल्द ही छात्र राजनीति में शामिल हो गया। आखिरकार 2011-2012 में पंजाब यूनिवर्सिटी के छात्र संगठन (SOPU) का अध्यक्ष बना।
हालांकि, उसका रास्ता जल्द ही अपराध की ओर मुड़ गया। अब वो छात्र राजनीति के नाम पर ज्यादा गंभीर गतिविधियों में शामिल रहने लगा। उसके खिलाफ पहला मुकदमा 2010 में दर्ज किया गया था, जिसमें हत्या की कोशिश का आरोप भी शामिल था।
तब से बिश्नोई पर जबरन वसूली से लेकर हत्या तक के आरोपों की एक लंबी लिस्ट तैयार हो गई। साबरमती सेंट्रल जेल में बंद होने के बावजूद, वह सलाखों के पीछे से अपनी आपराधिक गतिविधियों को चलाने में कामयाब रहा है।
गैंग की दुश्मनी और बड़े आपराध
लॉरेंस बिश्नोई का अंडरवर्ल्ड की दुनिया में आना आसाना नहीं था। यह गैंग कई गैंग वॉर में शामिल रहा है। अक्सर बदला लेने के लिए हत्याओं को अंजाम देता रहा है। गैंग की गतिविधियां अलग-अलग इलाकों में फैली हुई हैं, खासतौर से उत्तर भारत में, जो राजनीति और व्यापार दोनों में प्रभावशाली हस्तियों को निशाना बनाता है।
बिश्नोई के सबसे करीबी सहयोगियों में जसविंदर सिंह, जिसे रॉकी के नाम से भी जाना जाता है, वह पंजाब के फाजिल्का का रहने वाला था और एक गैंगस्टर से नेता बना था। रॉकी ने बिश्नोई को राजस्थान-पंजाब सीमा पर श्री गंगानगर और भरतपुर जैसे शहरों में अपनी एक्टिविटी को बढ़ाने में मदद करने में अहम भूमिका निभाई। हालांकि, रॉकी की मई 2020 में हिमाचल प्रदेश में राइवल गैंगस्टर जयपाल भुल्लर ने हत्या कर दी थी।
बिश्नोई गैंग कई सीमा पार तस्करी, खासकर नशीले पदार्थों की तस्करी में भी शामिल रहा है। गुजरात ATS ने बिश्नोई पर भारत और पड़ोसी देशों के बीच तस्करी को बढ़ावा देने के लिए अपने नेटवर्क का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है, जिससे वह लोकल और इंटरेनेशनल क्राइम सर्कल में एक अहम व्यक्ति बन गया है।
बिश्नोई गैंग कैसे काम करता है?
सालों से, बिश्नोई गैंग जबरन वसूली, तस्करी और कॉन्ट्रैक्ट किलिंग समेत कई आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा है। जो बात इस गुट को अलग करती है, वो है जेल के भीतर से काम करने की इसकी क्षमता है।
जेल में बंद होने के बावजूद, बिश्नोई ने अपना आपराधिक साम्राज्य चलाना जारी रखा है। अक्सर वो बाहर अपने साथियों के संपर्क में रहता है या जेल में तस्करी कर लाए गए मोबाइल फोन का इस्तेमाल करता है।
यह गैंग दुश्मनों को खत्म करने या टारगेट को डराने-धमकाने के लिए हिंसक रणनीति का इस्तेमाल करने के लिए जाना जाता है। इसके कई ऑपरेशन एक मैसेज भेजने के लिए डिजाइन किए गए हैं, जैसा कि सिद्धू मूसेवाला और बाबा सिद्दीकी की हत्याओं में देखा गया है।
इसके घातक अपराध के कारण, ये गैंग नॉर्थ इंडिया में सबसे ज्यादा खूंखार गैंग में से एक बना गया है। खासकर पंजाब, हरियाणा और राजस्थान जैसे राज्यों में।
हाई-प्रोफाइल हत्याओं के अलावा, बिश्नोई गैंग अमीर व्यापारियों और राजनेताओं से जबरन वसूली में भी शामिल रहा है। ऐसे ही एक हालिया मामला दिल्ली से सामने आया, जहां नादिर शाह नाम के एक अफगान नागरिक को गैंग से जबरन वसूली की धमकियां मिली थीं। अलग-अलग क्षेत्रों और उद्योगों में व्यक्तियों को टारगेट करने की गिरोह की क्षमता ये बताती है कि इसका असर कितने बड़े स्तर पर है।
मुंबई में अंडरवर्ल्ड को फिर से जगा रहा बिश्नोई!
मुंबई के पुराने अंडरवर्ल्ड गैंग जैसे दाऊद इब्राहिम, छोटा राजन और रवि पुजारी के गिरोह पिछले एक दशक में काफी हद तक खत्म हो गए हैं, लेकिन अब पुलिस को शक है कि लॉरेंस बिश्नोई का गैंग इस जगह को भरने की कोशिश कर रहा है।
उत्तर भारत में अपनी जड़ों के साथ, यह गैंग मुंबई तक अपनी पहुंच बढ़ा रहा है, खासकर बॉलीवुड इंडस्ट्री और स्थानीय राजनीति में अपने संबंधों के जरिए।
मुंबई पुलिस बिश्नोई गैंग के बढ़ते खतरे से अच्छी तरह वाकिफ है। गैंग को शहर में पैर जमाने से रोकने के लिए कई उपाय किए गए हैं, जिसमें उसके साथियों की निगरानी बढ़ाना और सलमान खान जैसे हाई-प्रोफाइल टारगेट के लिए सुरक्षा बढ़ाना शामिल है।
बाबा सिद्दीकी की हत्या
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) से जुड़े महाराष्ट्र के प्रमुख राजनेता बाबा सिद्दीकी की 12 अक्टूबर, 2024 की रात को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। 66 साल के सिद्दीकी का लंबा राजनीतिक करियर था। वह 2004 और 2008 के बीच कांग्रेस-NCP सरकार में राज्य मंत्री रहे थे। वह सलमान खान और शाहरुख खान सहित बॉलीवुड सितारों के साथ अपने करीबी संबंधों के लिए भी जाने जाते थे और अक्सर उनके साथ सार्वजनिक रूप से दिखाई देते थे।
सिद्दीकी की हत्या की जांच में तेजी से लॉरेंस बिश्नोई गिरोह की ओर इशारा किया गया। मुंबई पुलिस एक सोशल मीडिया पोस्ट की पुष्टि कर रही थी, जिसमें लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के एक कथित सदस्य की ओर से बाबा सिद्दीकी की हत्या की बात कही गई थी।
अधिकारियों के अनुसार, क्राइम ब्रांच संभावित कॉन्ट्रैक्ट किलिंग, व्यापार या राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता या झुग्गी पुनर्वास परियोजना पर धमकी सहित अलग-अलग एंगस से भी जांच कर रही है।
इस खुलासे ने लॉरेंस बिश्नोई नाम के गैंगस्टर को फिर से सुर्खियों में ला दिया है, जिसका नाम पिछले कुछ सालों में कई हाई-प्रोफाइल अपराधों में सामने आया है।