भारत में पॉड होटलों की लोकप्रियता इंटरनेशनल एयरपोर्ट्स के मुकाबले कम है। पॉड में ठहरना उन लोगों के लिए बेहतर विकल्प होता है, जो फ्लाइट्स के बीच में छोटी अवधि के लिए आराम करना चाहते हैं। ग्लोबल स्तर पर पॉड की सफलता के पीछे दो मुख्य वजहें हैं- इसका किफायती होना और बुनियादी सुविधाओं की मौजूदगी।
इस तरह के ठिकाने यात्रियों को सीमित बजट में जरूरी सुविधाएं मुहैया कराते हैं और बिना किसी तरह के झंझट के उन्हें सीमित समय के लिए आराम करने की सुविधा मिल जाती है। भारत में यात्रा के बढ़ते चलन के बीच कहा जा सकता है कि पॉड स्टे में ग्रोथ की संभावना है। खास तौर पर, मुंबई, बेंगलुरु या नोएडा जैसी ज्यादा ट्रैफिक वाली जगहों पर इसकी बेहतर ग्रोथ देखने को मिल सकती है।
हाल में नोएडा में एक महिला ने 8 घंटे के लिए पॉड होटल बुक किया और सोशल मीडिया पर अपना पूरा अनुभव भी साझा किया। इस महिला ने बताया कि ठहरने के इस ठिकाने में क्या-क्या सुविधाएं हैं। महिला की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, पॉड होटल न सिर्फ किफायती होते हैं, बल्कि इसमें सुविधाओं की भी कोई कमी नहीं है।
पॉड होटलों में आम तौर पर ये सुविधाएं मौजूद होती हैं:
-इसमें कॉमन वॉशरूम होता है, जबकि महिला यात्रियों के लिए अलग रेस्टरूम होता है।
- पॉड के अंदर पंखा, लाइट, छोटा टेलीविजन, पढ़ने वाली लाइट और चार्जिंग प्वाइंट आदि होते हैं।
- पॉड की नैप टैप गो (Nap Tap Go) सर्विस के तहत प्राइवेट रूम भी बुक करने का विकल्प होता है। इसके कॉमन रूम का माहौल काफी बेहतर होता है, जहां यात्री एक-दूसरे से बात कर सकते हैं। सौम्या नामक महिला ने 'X'प्लेटफॉर्म पर बताया कि उन्होंने 8 घंटे के लिए नैप टैप गो (Nap Tap Go) की सर्विस ली और उसके लिए 1,000 रुपये चुकाए। उन्होंने बताया, ' जापान में पॉड होटल काफी कॉमन हैं, इसलिए मैं यहां भी इसे ट्राई करना चाहती थी। मुझे शुरू में थोड़ी आशंका थी, लेकिन यह असुरक्षित नहीं लगा।'