Zerodha के CEO और को-फाउंडर नितिन कामत का कहना है कि डिजिटाइजेशन से पहले प्लेटफॉर्म पर कस्टमर्स को जोड़ना काफी मुश्किल था। उन्होंने शनिवार बताया कि पहले स्टॉक ब्रोकरेज साइट के हर ग्राहक को 40 से अधिक पेज वाले फॉर्म पर हस्ताक्षर करके इसे कूरियर करना पड़ता था। इसके बाद उसे कन्फर्मेशन के लिए भी कई दिनों तक इंतजार भी करना पड़ता था। हालांकि, अब डिजिटाइजेशन के चलते प्रक्रिया काफी आसान हो गई है। कामत ने खुलासा किया कि उनके प्लेटफॉर्म पर शुरुआती 60000 कस्टमर बनने में 6 साल लग गए थे।
60000 कस्टमर बनने में लगे 6 साल
कामत ने आगे कहा कि डिजिटाइजेशन और डिजिलॉकर, eKYC और eSign जैसी टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से कस्टमर्स के लिए अकाउंट खोलना और फाइनेंशियल सर्विसेज को एक्सेस करना काफी आसान हो गया है।
कामत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट करते हुए कहा, "हमें पहले 60 हजार ग्राहक बनाने में 6 साल लग गए। इन्हें 40 से अधिक पेज के फॉर्म पर हस्ताक्षर करके कूरियर करना पड़ा और कई दिनों तक इंतजार करना पड़ा। हालांकि, अगले 6 सालों में हमें 1 करोड़ ग्राहक मिले, जिन्होंने पेपरलेस प्रक्रिया के जरिए आवेदन किया। यह eKYC, डिजिटल हस्ताक्षर (eSign), और डिजिटल डॉक्यूमेंट (Digilocker) के चलते संभव हुआ।"
"डिजिटाइजेशन से बढ़ी प्रोडक्टिविटी "
कामत ने कहा कि डिजिटाइजेशन के साथ प्रोडक्टिविटी, सेविंग में भारी बढ़ोतरी हुई है और कंपनियों और ग्राहकों के लिए यह काफी फायदेमंद साबित हुआ है। उन्होंने कहा कि इसके चलते सैकड़ों लाखों पेजों को प्रिंट और ट्रांसपोर्ट नहीं करना पड़ा। इसके साथ ही कस्टमर्स का कीमती समय भी बर्बाद नहीं हुआ।
उन्होंने आगे कहा, "2017 के अंत में लगभग 5 लाख ग्राहकों के साथ हमारी टीम में लगभग 900 लोग थे। आज हमारी टीम में करीब 1,100 लोग और 1.3 करोड़ ग्राहक हैं। इस दौरान हमारी कस्टमर सपोर्ट क्वालिटी में सुधार हुआ है। हमने कई अन्य चीजें सही की हैं, लेकिन फिजिकल प्रोसेस को खत्म करने से काफी मदद मिली है।"