5G services may increased the mobile bill: देश में दिग्गज टेलीकॉम कंपनियों ने 5G लॉन्च कर दिया है। मोबाइल नेटवर्क पर 4G के बाद 5G की सुविधा मिलेगी। इसके साथ उपभोक्ताओं के मोबाइल नेटवर्क की स्पीड बढ़ेगी। लेकिन स्पीड के साथ ही आपके मोबाइल (Mobile Postpaid Plan) का बिल भी जल्द बढ़ने वाला है। ऐसी खबरें हैं कि टेलीकॉम कंपनियां जल्द ही टैरिफ बढ़ा सकती हैं। 5G लॉन्च करने के साथ ही इसके रोलआउट के लिए निधि की व्यवस्था के चलते कंपनियों को अतिरिक्त पैसे की जरूरत होगी। लिहाजा माना जा रहा है कि टेलीकॉम कंपनियों द्वारा टैरिफ बढ़ाया जा सकता है। ऐसी खबरें हैं कि पोस्टपेड प्लान पर 20% का इजाफा किया जा सकता है। पिछली बार टैरिफ एक साल पहले बढ़ा है।
अबकी बार दरें कितनी बढ़ सकती हैं। दरें बढ़ाने की जरूरत क्यों है। आखिर टैरिफ रिवीजन की आवश्यकता क्यों पड़ी है। इस पर जानकारी देते हुए सीएनबीसी-आवाज़ के असीम मनचंदा ने कहा कि उपभोक्ताओं के लिए मोबाइल का इस्तेमाल महंगा होने जा रहा है। टेलीकॉम कंपनियां जल्द टैरिफ बढ़ा सकती हैं। सूत्रों के मुताबिक टेलीकॉम कंपनियां पोस्टपेड प्लान पर 20% तक दरें बढ़ सकती हैं।
वहीं फिच रेटिंग्स के मुताबिक टेलीकॉम कंपनियों द्वारा उपभोक्ताओं के मोबाइल के टैरिफ प्लान में 15-20% की बढ़ोतरी हो सकती है। जबकि JM फाइनेंशियल का कहना है कि टेलीकॉम कंपनियां एक बार में दरें नहीं बढ़ायेंगी। कंपनियों द्वारा 2-3 किश्तों में टैरिफ की दरें बढ़ाई जा सकती हैं। टैरिफ बढ़ाने की वजह 5G लागू करने के लिए पैसे जुटाना बताया जा रहा है।
असीम ने आगे कहा कि टेलीकॉम कंपनियों द्वारा 5G रोलआउट को फंड करने के लिए टैरिफ में बढ़ोतरी किये जाने की उम्मीद है। नई सर्विस को सुचारू रूप से लागू करने के लिए 5G में कंपनियों को 1.5 से 2 लाख करोड़ रुपये का निवेश करना होगा। इस बीच टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन-आइडिया के CEO ने भी दरें बढ़ाने की वकालत की है। बता दें कि पिछली बार नवंबर 2021 में टैरिफ 20-25% बढ़ा था।