Vande Bharat Train: मेक इन इंडिया का गौरव कही जाने वाली वंदे भारत इस महीने बेंगलुरु से चेन्नई और मैसूर शहरों के बीच अपनी जर्नी शुरू करेगी। ये वंदे भारत ट्रेन की दक्षिण भारत में शुरुआत होगी। सेमी हाई स्पीड ट्रेन सर्विस का फायदा ले रहे लोगों का मानना है कि वंदे भारत मौजूदा शताब्दी एक्सप्रेस की तरह ही होगी और इसे रिप्लेस नहीं करेगी। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी 11 नवंबर को कर्नाटक की यात्रा के दौरान पांचवीं वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। मैसूर के सांसद प्रताप सिम्हा ने News18 को बताया कि वंदे भारत एक्सप्रेस कोचेन्नई और मैसूर के बीच शुरू होगी और प्रधान मंत्री इसे झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। ये ट्रेन 6 घंटे 40 मिनट में मैसूर से चेन्नई की दूरी पूरी कर लेगी।
वंदे भारत ट्रेन की खासियत
भारतीय रेलवे वेंद भारत को ऑपरेट करती है। ये बिजली से चलने वाली सेमी हाई स्पीड ट्रेन है, जो अब तक की लॉन्च की गई ट्रेनों का सबसे बेस्ट वर्जन है। एयरकंडीशन कोच और रिकलाइनर सीट इस ट्रेन की खासियत है। एग्जीक्यूटिव क्लास की सीटों में 180 डिग्री रोटेटेबल सीटें होंगी, जबकि इकॉनोमी क्लास की सीटों को आगे की ओर खिसकाया जा सकता है, जैसे कि कारों में होता है। एक्सप्रेस ट्रेन बुधवार को छोड़कर सभी दिनों में चलेगी। चेन्नई, बेंगलुरु और मैसूर के बीच 16 डिब्बों के साथ चलेगी और इसमें 1,128 यात्रियों के बैठने की क्षमता है।
6 घंटा 40 मिनट में पहुंच जाएंगे मैसूर से चेन्नई
वंदे भारत का इकोनॉमी क्लास या एसी चेयर कार में मैसूर और चेन्नई के बीच का बेसिक किराया 921 रुपये होगा और एग्जीक्यूटिव क्लास से यात्रा करने वालों से 1,880 रुपये चार्ज देना होगा। जो लोग मैसूर और बेंगलुरु के बीच सर्विस का फायदा उठाना चाहते हैं, उन्हें इकोनॉमी क्लास में 368 रुपये और एग्जीक्यूटिव क्लास में 768 रुपये का चार्ज देना होगा। मैसूर और चेन्नई के बीच एक तरफ से 504 किमी की दूरी को पूरा करने में लगभग 6 घंटे 40 मिनट का समय लगेगा। वंदे भारत पर टिकट का किराया शताब्दी किराए से लगभग 39% अधिक है और ऐसा इसलिए है क्योंकि रिजर्वेशन और खाने पीने के शुल्क के लिए 40 रुपये एसी चेयर कार के लिए और 75 रुपये एक्जिक्यूटिव क्लास के लिए देने होंगे।
ये है वंदे भारत ट्रेन की खासियत
आमतौर पर एक ट्रेन का वजन 1,400 से 1,500 टन के बीच होता है, लेकिन इस ट्रेन का वजन 850 टन होता है। अधिकांश बुलेट ट्रेनें 100 मील प्रति घंटे की गति तक पहुंचने के लिए शून्य से 58 सेकंड का समय लेती हैं। वहीं, दक्षिण भारत में लॉन्च होने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस इसे 52 सेकंड में पार कर लेगी।