Wayanad Landslide: भूस्खलन से 16 घंटे पहले वायनाड प्रशासन को किया गया था अलर्ट! लेकिन अधिकारी नहीं हुए सचेत, अब तक 158 लोगों की मौत

Wayanad Landslide: सेना, नौसेना और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) के बचाव दल मलबे में दबे लोगों की तलाश कर रहे हैं। भूस्खलन की घटनाएं मंगलवार (30 जुलाई) को तड़के दो बजे से चार बजे के बीच हुईं, जिससे अपने घरों में सो रहे लोगों को बचने का मौका नहीं मिल पाया

अपडेटेड Jul 31, 2024 पर 2:41 PM
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Wayanad Landslide: भूस्खलन की घटनाओं में मारे गए लोगों की संख्या बढ़कर 158 हो गई है

Kerala Wayanad Landslide: केरल के वायनाड जिले में भूस्खलन की घटनाओं में मारे गए लोगों की संख्या बढ़कर 158 हो गई है और 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं। बचावकर्मी मलबे में दबे लोगों की तलाश में जुटे हैं, जिससे मृतकों की संख्या और बढ़ने की आशंका है। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार (31 जुलाई) को बताया कि भूस्खलन के बाद मुंडक्कई और चूरलमाला इलाकों में 180 से अधिक लोग लापता हैं। जबकि हादसे में 300 से ज्यादा मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं।

सेना, नौसेना और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) के बचाव दल मलबे में दबे लोगों की तलाश कर रहे हैं। भूस्खलन की घटनाएं मंगलवार (30 जुलाई) को तड़के दो बजे से चार बजे के बीच हुईं, जिससे अपने घरों में सो रहे लोगों को बचने का मौका नहीं मिल पाया। वायनाड जिला प्रशासन की ओर से मंगलवार देर रात जारी आंकड़ों के अनुसार, नीलमबुर और मेप्पडी से करीब 30 मानव अंग भी बरामद किए गए हैं।

16 घंटे पहले वायनाड प्रशासन को किया गया था अलर्ट


कलपेट्टा स्थित ह्यूम सेंटर फॉर इकोलॉजी एंड वाइल्डलाइफ बायोलॉजी ने आपदा से पूरे 16 घंटे पहले मुंदक्कई और आसपास के क्षेत्रों में भूस्खलन के बारे में जिला प्रशासन को सचेत कर दिया था, जिसमें दो गांव नष्ट हो गए। केंद्र ने सोमवार 29 जुलाई को सुबह 9 बजे अलर्ट जारी किया था। ह्यूम सेंटर केरल में 200 से अधिक स्थानों से बारिश के आंकड़े जुटाने का काम करता है।

ह्यूम के निदेशक सी के विष्णुदास ने कहा, "हमारे पास वायनाड में व्यापक बारिश निगरानी प्रणाली है, जिसमें 200 से अधिक मौसम केंद्र हैं जो दैनिक डेटा प्रदान करते हैं। हमारे डेटा ने संकेत दिया था कि मुंदक्कई के पास मौसम केंद्र पुथुमाला में रविवार को 200 मिमी बारिश हुई, उसके बाद रात में 130 मिमी बारिश हुई। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि लगभग 600 मिमी बारिश से भूस्खलन हो सकता है। इसे देखते हुए हमने तुरंत अलर्ट जारी किया कि आगे की बारिश से भूस्खलन हो सकता है।"

उन्होंने बताया कि रविवार को पहली बार बारिश होने के 48 घंटे के भीतर इस क्षेत्र में 572 मिमी बारिश हुई, जिसके कारण विनाशकारी भूस्खलन हुआ। विष्णुदास ने कहा, "हमने जिला प्रशासन को जानकारी दे दी थी। हालांकि, हमें नहीं पता कि अधिकारियों ने इसके साथ क्या किया।" ह्यूम सेंटर फॉर इकोलॉजी पिछले चार सालों से लगातार बारिश की जानकारी शेयर कर रहा है। 2020 में मुंडक्कई में आसन्न भूस्खलन के बारे में उनकी चेतावनी के कारण क्षेत्र में लोगों को सफलतापूर्वक शिफ्ट किया गया, जिससे हताहतों की संख्या कम हुई।

विष्णुदास ने कहा, "हम हर दिन स्थानीय समुदायों और सरकार को अलर्ट देते हैं।" 1 जून से पुथुमाला, लक्कीडी, थोंडरनाड और मणिक्कुन्नू माला सहित वायनाड के कई स्थानों पर 3,000 मिमी से अधिक बारिश हुई है।" विष्णुदास ने बताया कि वायनाड में भी यही हुआ है। बदलते वर्षा पैटर्न को जलवायु परिवर्तन के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।

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विष्णुदास ने कहा, "मानसून के शुरुआती चरण में, हम आम तौर पर 100-150 मिमी के बीच सामान्य बारिश देखते हैं। हालांकि, अंतिम चरण में, हम 200 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में बड़े, घने बादलों के विकास को देख रहे हैं, जिससे असाधारण रूप से भारी बारिश और उसके बाद भूस्खलन हो रहा है। यह जरूरी है कि हम इन बादलों और वर्षा के आंकड़ों को ट्रैक करें और निगरानी करें ताकि इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।"

Akhilesh

Akhilesh

First Published: Jul 31, 2024 2:39 PM

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