Weather Today: कई राज्यों में अप्रैल महीने में ही आसमान से अंगारे बरस रहे हैं। लोग बेहाल हैं। शुक्रवार को तो देश में कई जगहों पर पारा ने पिछले कई साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। पूर्वी उत्तर प्रदेश का बांदा भट्ठी बन गया। वहा पारा 47.4 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा। अप्रैल में इतनी गर्मी बांदा में कभी रिकॉर्ड नहीं की गई थी। इससे पहले 29 अप्रैल 1979 को बांदा में अधिकतम तापमान 46.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। पूरे देश के हिसाब से भी शुक्रवार को बांदा में सबसे ज्यादा तापमान दर्ज किया गया।
देश के कई इलाकों में पारा 46 डिग्री के पार चला गया है। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (इलाहाबाद) में 46.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यहां 1999 में अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। झांसी में शुक्रवार को 46.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। झांसी में 2010 के बाद इतनी गर्मी पड़ी है। यानी झांसी में 12 साल बाद पारा 46 डिग्री सेल्सियस पार कर गया।
लखनऊ में 45.1 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। 29 अप्रैल को राजधानी लखनऊ में सबसे ज्यादा गर्मी पड़ी। इसके पहले लखनऊ में 30 अप्रैल 1999 को 45 डिग्री तापमान दर्ज किया गया था, जो अब तक का सबसे ज्यादा था। हरियाणा के गुरुग्राम और मध्य प्रदेश के सतना में भी गर्मी से लोगों का हाल बेहाल रहा। इन इलाकों में इस महीने सबसे ज्यादा तापमान दर्ज किया गया। गुरुग्राम में 45.9 डिग्री सेल्सियस और सतना में 45.3 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया। उत्तर प्रदेश के कुल 9 शहर ऐसे हैं, जहां दिन का अधिकतम तापमान 45 डिग्री या उसके ऊपर दर्ज किया गया है।
दिल्ली को मिल सकती है गर्मी से राहत
देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लगातार दूसरे दिन अधिकतम तापमान 43.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया। यह 12 साल में अप्रैल महीने में किसी एक दिन का सबसे ज्यादा तापमान है। दिल्ली में 18 अप्रैल 2010 को अधिकतम तापमान 43.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। महीने का अब तक का सबसे ज्यादा उच्च तापमान 45.6 डिग्री सेल्सियस है, जो 29 अप्रैल 1941 को दर्ज किया गया था। मौसम विभाग के मुताबिक, दिल्ली में रविवार को आंशिक रूप से बादल छाए रहने के आसार हैं। हल्की बारिश और धूल भरी आंधी के साथ 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। जिससे गर्मी से अस्थायी राहत मिल सकती है।
पंजाब में कोयले की कमी नहीं
देश की राजधानी समेत कई राज्यों में कोयले की किल्लत के चलते बिजली संकट पैदा होते दिख रहा है। कुछ राज्यों में 7 से 8 घंटे बिजली कटौती देखने को मिल रही है। वहीं, पंजाब के डिप्टी चीफ इंजीनियर (Deputy chief engineer) संजीव प्रभाकर (Sanjeev Prabhakar) ने एक बयान जारी कर कहा है कि राज्य में कोई कोयले की कमी नहीं है। भीषण गर्मी के चलते बिजली की मांग में 30-40 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। अगर कही बिजली कटौती हुई तो वो 2 थर्मल प्लांटों में तकनीकी समस्याओं के कारण थी। इस दौरान 800 मेगावाट की आपूर्ति प्रभावित हुई है।