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जब मनमोहन सिंह ने जिन्ना के सिर में मार दी थी हॉकी बॉल! पूर्व PM ने खुद सुनाया था 1945 का ये किस्सा

Manmohan Singh Death: अब तक हम सभी ने मनमोहन सिंह की विशेषताएं और उपलब्धियों के बारे में तो जान ही लिया है, लेकिन उनका एक किस्सा मुस्लिम लीग के अध्यक्ष और पाकिस्तान के कायदे आजम मोहम्मद अली जिन्ना से जुड़ा है, जो बहुत ही काम लोगों को मालूम है। ये बात आजादी से पहले की है, जब भारत का बंटवारा नहीं हुआ था। साल 1945 मनमोहन सिंह की जिन्ना से लाहौर में मुलाकात हुई थी और ये कोई आम मुलाकात नहीं थी

अपडेटेड Dec 27, 2024 पर 8:32 PM
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Manmohan Singh Death: साल 1945 मनमोहन सिंह की जिन्ना से लाहौर में मुलाकात हुई थी और ये कोई आम मुलाकात नहीं थी

2004 से 2014 तक भारत के 13वें प्रधान मंत्री के रूप में कार्य करने वाले डॉ. मनमोहन सिंह न केवल एक अनुभवी नौकरशाह थे, बल्कि अपनी विनम्रता और सरल स्वभाव के लिए दुनिया भर में कुछ सबसे सम्मानित व्यक्तियों में से एक थे। मनमोहन सिंह का बृहस्पतिवार रात को निधन हो गया। वह 92 साल के थे। अब तक हम सभी ने मनमोहन सिंह की विशेषताएं और उपलब्धियों के बारे में तो जान ही लिया है, लेकिन उनका एक किस्सा मुस्लिम लीग के अध्यक्ष और पाकिस्तान के कायदे आजम मोहम्मद अली जिन्ना से जुड़ा है, जो बहुत ही काम लोगों को मालूम है।

ये बात आजादी से पहले की है, जब भारत का बंटवारा नहीं हुआ था। साल 1945 मनमोहन सिंह की जिन्ना से लाहौर में मुलाकात हुई थी और ये कोई आम मुलाकात नहीं थी, क्योंकि मनमोहन ने जिन्ना के सिर में हॉकी की बॉल मार दी थी।

शौकीन हॉकी खिलाड़ी थे मनमोहन सिंह


मनमोहन सिंह अपनी जवानी में एक शौकीन हॉकी खिलाड़ी थे। उन्होंने एक बार बेंगलुरु में कुछ चुनिंदा मीडियाकर्मियों को बताया कि उनकी हॉकी स्टीक से मारी गई एक गेंद गलती से मुहम्मद अली जिन्ना को लग गई थी।

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करने के लिए बेंगलुरु गए मनमोहन सिंह ने एक अनौपचारिक लंच के भोजन के दौरान कुछ मीडियाकर्मियों के सामने इस "टॉप सीक्रेट" का खुलासा किया।

मनमोहन ने जिन्ना को मारी हॉकी की गेंद

उन्होंने कहा, "मैं 1945 में लाहौर में जिन्ना से मिला था। वह मेरे घर के पास ही रहते थे और हम उनके घर के पास हॉकी खेलते थे। एक दिन मेरी हॉकी से मारी गई गेंद मिस्टर जिन्ना को लग गई, सौभाग्य से उन्हें कोई चोट नहीं आई। जिन्ना अपने घर के बाहर खड़े होकर हमें खेलते हुए देख रहे थे, तभी मेरा शॉट उन्हें लग गया।”

जब एक पत्रकार ने मजाक में उनसे कहा कि तो यह जिन्ना पर पहला हमला था और मनमोहन सिंह को इसका श्रेय लेना चाहिए, तो डॉ. सिंह शर्माकर मुस्कुरा दिए।

जिन्ना को नहीं पता चला था

डॉ. सिंह ने बताया कि वह लाहौर के एक जूनियर कॉलेज मैदान में हॉकी खेल रहे थे। यह मैदान पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना के बंगले के ठीक बगल में था।

उन्होंने याद किया, “मैंने गेंद को गोल पोस्ट की ओर मारा लेकिन गेंद निशाने से चूक गई और मोहम्मद अली जिन्ना के सिर पर लगी, जब वह बंगले के बरामदे में खड़े थे। मिस्टर जिन्ना को नहीं पता था कि उनके सिर पर क्या लगा।”

अमर रहेंगे मनमोहन सिंह

जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और नरेंद्र मोदी के बाद डॉ. मनमोहन सिंह चौथे सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले प्रधान मंत्री थे और नेहरू के बाद पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद फिर से चुने जाने वाले पहले प्रधान मंत्री थे। वह अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन देश की प्रगति में उनका योगदान उन्हें हमेशा अमर रखेगा।

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