Afcons Infra IPO: एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर के आईपीओ को निवेशकों का अच्छा रिस्पॉन्स मिला और यह कुल 2.63 गुना सब्सक्राइब हो गया। हालांकि, ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) की बात करें तो इसमें सुस्ती नजर आ रही है। यह आईपीओ 25 अक्टूबर से 29 अक्टूबर तक सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। कंपनी का इरादा पब्लिक इश्यू के जरिए 5430 करोड़ रुपये जुटाने का है। इसका इश्यू प्राइस 440-463 रुपये प्रति शेयर तय किया गया था। अब कंपनी के शेयरों की लिस्टिंग BSE, NSE पर 4 नवंबर को होनी है।
Afcons Infra की लिस्टिंग को लेकर ये है एक्सपर्ट्स की राय
मेहता इक्विटीज लिमिटेड के सीनियर वीपी रिसर्च एनालिस्ट प्रशांत तापसे का मानना है कि निगेटिव लिस्टिंग की संभावना बहुत अधिक है। यह लंबी अवधि के निवेशकों के लिए लिस्टिंग के पहले दिन अधिक निवेश करने का अवसर हो सकता है। उन्होंने कहा, "उम्मीद से कम सब्सक्रिप्शन आंकड़ों और पैरेंट क्रेडिट वेटेज के बाद चल रहे सुस्त बाजार मूड को देखते हुए लिस्टिंग अपने इश्यू प्राइस से 5% + या – फ्लैट होगी।"
उन्होंने कहा कि कंपनी को हेल्दी ऑर्डर बुक, भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जटिल, चुनौतीपूर्ण और यूनित ईपीसी प्रोजेक्ट्स को एग्जीक्यूट करने का मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड है। कंपनी के पास वर्षों से स्टेबल वित्तीय प्रदर्शन के साथ-साथ कंपनी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए एक एफिशिएंट मैनेजमेंट टीम है। स्टॉक्सबॉक्स के रिसर्ट एनालिस्ट सागर शेट्टी ने कहा कि लिस्टिंग के दिन इंफ्रा कंपनी के लिए मामूली प्रॉफिट की संभावना के बीच यह कमज़ोर लाभ संभवतः कमज़ोर मार्केट सेंटीमेंट का असर है।
क्या है Afcons Infra पर ग्रे मार्केट का लेटेस्ट अपडेट
एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर के आईपीओ के GMP में बड़ी गिरावट देखी गई है। 19 अक्टूबर को यह आईपीओ 225 रुपये के प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा था, जो कि 2 नवंबर तक घटकर महज 10 रुपये पर आ गया है। इस हिसाब से कंपनी के शेयरों की लिस्टिंग 473 रुपये के भाव पर हो सकती है। अगर ऐसा होता है तो निवेशकों को महज 2.16 फीसदी का मुनाफा होगा।
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