Lenskart IPO: सॉफ्टबैंक के निवेश वाली आईवियर स्टार्टअप लेंसकार्ट का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 31 अक्टूबर को खुलेगा। इसके आईपीओ का इंतजार काफी लंबे समय से किया जा रहा था और अब इसके ₹7,278 करोड़ के आईपीओ में जल्द ही पैसे लगाने का मौका मिलेगा। हालांकि इसके बिजनेस को लेकर कुछ रिस्क हैं तो निवेश से पहले इनके बारे में जान लेना चाहिए। इनकी डिटेल्स नीचे दी जा रही है। वैसे ग्रे मार्केट में बात करें तो इसके शेयर ₹70 यानी 17.41% की GMP (ग्रे मार्केट प्रीमियम) पर हैं। हालांकि मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक ग्रे मार्केट से मिले संकेतों की बजाय कंपनी के फंडामेंटल्स और फाइनेंशियल के आधार पर ही निवेश का फैसला लेना चाहिए।
Lenscart के बिजनेस को लेकर ये हैं रिस्क
लेंसकार्ट कुछ कच्चा माल और फ्रेम चीन से मंगाती है। चीन में इसकी ज्वाइंट वेंचर बोआफेंग फ्रेमकार्ट टेक (Boafeng Framekart Technology) की एक मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी है। इस ज्वाइंट वेंचर में लेंसकार्ट की 51% हिस्सेदारी है। यह ज्वाइंट वेंचर वर्ष 2018 में बना था और चश्मा के लेंस, फ्रेम और एक्सेसरीज बनाने और बिक्री के काम में है। अब अगर चीन में सप्लायर्स से कच्चे माल और फिनिश्ड गुड्स की सप्लाई प्रभावित होती है तो लेंसकार्ट के कारोबार को झटका लग सकता है।
मजबूत तकनीकी से झटके की आशंका
लेंसकार्ट आईवियर इंडस्ट्री की कंपनी है जिसमें तकनीकी बदलाव और नई खोज हो रही है। अब LASIC (लेजर-असिस्टेड इन सितु केराटोमिलुसिस) और SMILE (स्मॉल इनसिजन लेंटिक्यूल एक्स्ट्रैक्शन) सर्जरी जैसी तकनीक आगे बढ़ती है तो चश्मे की बिक्री पर असर पड़ सकता है। इन दोनों सर्जरी का बाजार तेजी से आगे बढ़ रहा है और नए मार्केट में यह पांव पसार रहा है।
रिटेल फ्रेंचाइजी पर पूरा कंट्रोल नहीं
लेंसकार्ट के कई रिटेल स्टोर फ्रेंचाइजी के जरिए चल रहे हैं। जून 2025 तक के आंकड़ों के मुताबिक दुनिया भर में इसके 472 फ्रेंचाइजी स्टोर्स हैं जोकि इसके कुल रिटेल स्टोर नेटवर्क का करीब 22% है। फ्रेंचाइजी एग्रीमेंट के तहत यह अपने ब्रांड नाम के साथ-साथ ट्रेडमार्क, डिजाइन, पेटेंट और डिजाइन इत्यादि इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी के इस्तेमाल का राइट्स देती है और बदले में इसे फिक्स्ड वन-टाइम लाइसेंस फीस मिलता है। हालांकि कंपनी को फ्रेंचाइजी पर पूरा ऑपरेशनल या फाइनेंशियल कंट्रोल नहीं मिलता है। ऐसे में एक रिस्क ये हो जाता है कि कोई फ्रेंचाइजी ऐसा काम कर दे जो लेंसकार्ट के ब्रांज स्टैंडर्ड, ऑपरेशनल पॉलिसी या स्ट्रैटेजिक ऑब्जेक्टिव्स के मुताबिक न हो।
लेंसकार्ट के ₹7,278 करोड़ के आईपीओ में ₹382-₹402 के प्राइस बैंड और 37 शेयरों के लॉट में पैसे लगा सकेंगे यह इश् 31 अक्टूबर को खुलेगा और 4 नवंबर को बंद होगा इश्यू का 75% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए आरक्षित है जबकि 15% नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) और 10% खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित है। आईपीओ के तहत शेयरों का अलॉटमेंट 6 नवंबर को फाइनल होगा। फिर बीएसई और एनएसई पर 10 नवंबर को एंट्री होगी। इश्यू का रजिस्ट्रार एमयूएफजी इनटाइम है।
इस आईपीओ के तहत ₹2,150.00 करोड़ के नए शेयर जारी होंगे। इसके अलावा ₹2 की फेस वैल्यू वाले 12,75,62,573 शेयरों की ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत बिक्री होगी। ऑफर फॉर सेल का पैसा तो शेयर बेचने वाले फाउंडर शेयरहोल्डर्स सॉफ्टबैंक और टेमासेक को मिलेगा। वहीं नए शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों में से ₹272.62 करोड़ नए कोको स्टोर बनाने, ₹591.44 करोड़ कोको स्टोर्स के लीज/रेंट/लाइसेंस एग्रीमेंट, ₹213.38 करोड़ टेक्नोलॉजी और क्लाउड इंफ्रा, ₹320.06 करोड़ मार्केटिंग और बाकी पैसे अधिग्रहण और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में होंगे।
लेंसकार्ट एक आईवियर कंपनी है जिसकी देश के मेट्रो, टियर-1 और टियर-2 शहरों में मौजूदगी है और साथ ही दक्षिण पूर्व एशिया और मिडिल ईस्ट में भी इसका कारोबार फैला हुआ है। देश में इसके 2,067 स्टोर्स हैं और विदेशों में 656 स्टोर्स हैं। कंपनी के कारोबारी सेहत की बात करें तो वित्त वर्ष 2025 में ₹297 करोड़ का शुद्ध मुनाफा हुआ था जबकि वित्त वर्ष 2024 में यह ₹10 करोड़ के घाटे में थी। कंपनी का रेवेन्यू इस दौरान 22% उछलकर ₹6,625 करोड़ पर पहुंच गया।
डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।