ARCIL IPO: भारत की पहली एसेट रीकंस्ट्रक्शन कंपनी 'आर्सिल' अपना पब्लिक इश्यू लाना चाहती है। इसके लिए कंपनी ने कैपिटल मार्केट रेगुलेटर SEBI के पास ड्राफ्ट पेपर जमा कर दिए हैं। इस IPO में कंपनी के मौजूदा शेयरहोल्डर्स- एवेन्यू इंडिया रिसर्जेंस Pte, भारतीय स्टेट बैंक, लेथ इनवेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड और फेडरल बैंक की ओर से 10.54 करोड़ शेयरों का ऑफर फॉर सेल (OFS) रहेगा। नए शेयर जारी नहीं होंगे। इसलिए IPO से होने वाली पूरी कमाई शेयर बेचने वालों के पास जाएगी।
ARCIL में एवेन्यू इंडिया रिसर्जेंस Pte के पास 69.73 प्रतिशत हिस्सेदारी है। यह कंपनी अमेरिका की ग्लोबल इनवेस्टमेंट फर्म एवेन्यू कैपिटल ग्रुप की कंपनी है। इसके अलावा 19.95 प्रतिशत हिस्सेदारी भारतीय स्टेट बैंक के पास है। दोनों ही ARCIL के प्रमोटर हैं। पब्लिक शेयरहोल्डर्स की बात करें तो सिंगापुर स्थित GIC वेंचर्स के मालिकाना हक वाली लेथ इनवेस्टमेंट, फेडरल बैंक, साउथ इंडियन बैंक और कर्नाटक बैंक के पास 10.18 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
OFS में एवेन्यू इंडिया रिसर्जेंस पीटीई 6.87 करोड़ शेयर, SBI 1.94 करोड़ शेयर, लेथ इनवेस्टमेंट पीटीई 1.62 करोड़ शेयर और फेडरल बैंक 10.35 लाख तक शेयरों को बिक्री के लिए रखेंगे।
एसेट रीकंस्ट्रक्शन कंपनी (इंडिया) लिमिटेड (ARCIL) साल 2002 में इनकॉरपोरेट हुई थी। इसके एसेट्स अंडर मैनेजमेंट यानि AUM का आंकड़ा 16,852.6 करोड़ रुपये है। कंपनी भारत में दिल्ली समेत 12 राज्यों में 13 ऑफिस के जरिए ऑपरेट करती है। यह बैंकों और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस से उनके नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स खरीदती है।
FY25 में ARCIL को ₹355 करोड़ का मुनाफा
पिछले वित्त वर्ष 2025 में आर्सिल ने 355.3 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया। यह एक साल पहले के मुनाफे 305.3 करोड़ रुपये से 16.4 प्रतिशत अधिक है। वित्त वर्ष 2025 में कंपनी का रेवेन्यू 4.6 प्रतिशत बढ़कर 596.4 करोड़ रुपये हो गया, जो वित्त वर्ष 2024 में 570.1 करोड़ रुपये था। ARCIL के IPO के लिए IIFL कैपिटल सर्विसेज, IDBI कैपिटल मार्केट्स एंड सिक्योरिटीज और JM फाइनेंशियल को मर्चेंट बैंकर अपॉइंट किया गया है।
Disclaimer: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।