Blackbuck IPO: 'ब्लैकबक' के जरिए ट्रक ऑपरेटर्स को डिजिटल प्लेटफॉर्म मुहैया कराने वाली जिंका लॉजिस्टिक्स सॉल्यूशन का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए कल 13 नवंबर को खुलेगा। ऐसे समय में जब मार्केट में हाहाकार मचा हुआ है और बिकवाली का दबाव बना हुआ है, जिंका लॉजिस्टिक्स की ग्रे मार्केट में स्थिति और मजबूत हुई है। आईपीओ के अपर प्राइस बैंड से यह ग्रे मार्केट में यह 24-25 रुपए यानी 8-9 फीसदी की GMP (ग्रे मार्केट प्रीमियम) रेंज में है। पिछले हफ्ते यह 3 फीसदी की जीएमपी पर ट्रेड हो रहा है यानी इसकी सेहत काफी मजबूत हुई है। हालांकि मार्केट एक्सपर्ट के मुताबिक ग्रे मार्केट से मिले संकेतों की बजाय कंपनी के फंडामेंटल्स और फाइनेंशियल्स के आधार पर ही निवेश से जुड़ा फैसला लेना चाहिए।
ब्लैकबक के ₹1,114.72 करोड़ के आईपीओ में ₹259-₹273 के प्राइस बैंड और 54 शेयरों के लॉट में13-18 नवंबर तक पैसे लगा सकेंगे। एंप्लॉयीज को हर शेयर पर 25 रुपये का डिस्काउंट मिलेगा। इश्यू का 75 फीसदी हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB), 15 फीसदी नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) और 10 फीसदी खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित है। आईपीओ के तहत शेयरों का अलॉटमेंट 19 नवंबर को फाइनल होगा। फिर BSE और NSE पर 21 नवंबर को एंट्री होगी। इश्यू का रजिस्ट्रार केफिन टेक है। इस आईपीओ के तहत 550 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी होंगे। इसके अलावा ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत 1 रुपये की फेस वैल्यू वाले 2,06,85,800 शेयरों की बिक्री होगी। ऑफर फॉर सेल का पैसा तो शेयर बेचने वाले शेयरहोल्डर्स को मिलेगा। वहीं नए शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल कंपनी सेल्स और मार्केटिंग, एनबीएफसी सब्सिडियरी ब्लैकबक फिनसर्व, प्रोडक्ट डेवलपमेंट और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।
Zinka Logistics Solution के बारे में
अप्रैल 2015 में बनी जिंका लॉजिस्टिक्स सॉल्यूशन ट्रक ऑपरेटर्स को एक डिजिटल प्लेटफॉर्म ब्लैकबक मुहैया कराती है। वित्त वर्ष 2024 के आंकड़ों के मुताबिक इसके जरिए 9,63,345 ट्रक ऑपरेटर्स ने कारोबार किया जो देश के सभी ट्रक ऑपरेटर्स का 27.52 फीसदी है। इसके ब्लैकबक ऐप पर पेमेंट्स, टेलीमेटिक्स, फ्रेट मार्केटप्लेस और वीईकल फाइनेंसिंग जैसी सर्विसेज मिलती हैं।
कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो वित्त वर्ष 2022 में इसे 284.56 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2023 में बढ़कर 290.50 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। हालांकि अगले वित्त वर्ष 2024 में स्थिति सुधरी और इसे 193.95 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू सालाना 42 फीसदी से अधिक की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर 316.51 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। चालू वित्त वर्ष 2024-25 की बात करें तो पहली तिमाही अप्रैल-जून 2024 में 32.38 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा और 98.33 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल हुआ।