DAM Capital IPO: कैसा है डैम कैपिटल का आईपीओ, क्या आपको इनवेस्ट करना चाहिए?

DAM Capital Advisors एक इनवेस्टमेंट बैंक है। यह स्टॉक ब्रोकिंग सर्विसेज भी ऑफर करती है। तेजी से बढ़ते प्राइमरी मार्केट्स और सेकेंडरी मार्केट्स का फायदा इस कंपनी को मिलेगा। BSE और CDSL इसके उदाहरण हैं। डैम कैपिटल ने आईपीओ में स्टॉक की कीमत सही लेवल पर रखी है

अपडेटेड Dec 19, 2024 पर 2:30 PM
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इस इश्यू में शेयर का अपर प्राइस बैंड 283 रुपये है। यह FY24 की अर्निंग्स का 28 गुना है। यह हाई ROE वाली कंपनी के लिए अट्रैक्टिव है।

डैम कैपिटल एडवाइजर्स का आईपीओ 19 दिसंबर को खुल गया है। यह इश्यू 840 करोड़ रुपये का है। यह ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) है। इसका मतलब है कि धर्मेश मेहता सहित दूसरे प्रमोटर्स इस इश्यू के जरिए डैम कैपिटल के अपने शेयर बेचेंगे। यह आईपीओ ऐसे वक्त आया है, जब इंडिनय स्टॉक मार्केट्स में सेंटिमेंट कमजोर है। 19 दिसंबर को मार्केट्स के प्रमुख सूचकांकों सेंसेक्स और निफ्टी में बड़ी गिरावट देखने को मिली।

कैपिटल मार्केट्स में गतिविधियां बढ़ने से फायदा

DAM Capital Advisors एक इनवेस्टमेंट बैंक है। यह स्टॉक ब्रोकिंग सर्विसेज भी ऑफर करती है। तेजी से बढ़ते प्राइमरी मार्केट्स और सेकेंडरी मार्केट्स का फायदा इस कंपनी को मिलेगा। BSE और CDSL इसके उदाहरण हैं। स्टॉक मार्केट्स में गतिविधियां बढ़ने का फायदा दोनों स्टॉक्स को मिला है। इनकी वैल्यूएशन प्रीमियम पर हैं। डैम कैपिटल ने आईपीओ में स्टॉक की कीमत सही लेवल पर रखी है। इससे निवेशकों को अच्छा मुनाफा होने की गुंजाइश है।


इनवेस्टमेंट बैंकिंग बिजनेस की खास बातें

निवेशकों को यह बात में ध्यान रखने की जरूरत है कि इनवेस्टमेंट बैंकिंग बिजनेस साइकिल में चलता है। जब कैपिटल मार्केट्स में गतिविधियां बढ़ती हैं तो डील्स की संख्या और वॉल्यूम बढ़ जाती है। इससे इनवेस्टमेंट बैंकों की अर्निंग्स बढ़ जाती है। इस तरह इनवेस्टमेंट बैंकों का बिजनेस सेकेंडरी मार्केट्स की स्थितियों पर निर्भर है। इस आईपीओ में शेयर की कीमत अट्रैक्टिव है, जिससे इश्यू पर दांव लगाने वाले इवेस्टर्स को लिस्टिंग गेंस हो सकती है।

आईपीओ के लिए यह साल शानदार रहा है

साल 2024 प्राइमरी और सेकेंडरी दोनों मार्केट्स के लिए अच्छा रहा है। इस साल अक्टूबर तक करीब 46 कंपनियों के आईपीओ आ चुके हैं, जिनके जरिए कंपनियों ने 90,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। आगे भी कई कंपनियों के आईपीओ आने वाले हैं। कंपनियां QIP, राइट्स इश्यू से भी पैसे जुटा रही हैं। हाल में गिरावट के बावजूद स्टॉक मार्केट के फंडामेंटल्स मजबूत हैं। तीसरी तिमाही में कंपनियों की अर्निंग्स ग्रोथ अच्छी रहने की उम्मीद है। इसका पॉजिटिव असर स्टॉक मार्केट पर पड़ेगा।

बीते पांच सालों में कंपनी की अच्छी ग्रोथ

डैम कैपिटल तेजी से बढ़ने वाले मर्चेंट बैंकों में से एक है। खासकर 2019 में धर्मेश मेहता के अधिग्रहण करने के बाद इसकी ग्रोथ तेज रही है। आईपीओ और क्यूआईपी के लिहाज से FY21 में इसका मार्केट शेयर 8.2 फीसदी था, जो FY24 में बढ़कर 12.1 फीसदी हो गया। यह कंपनी मुख्य रूप से दो सेगमेंट्स-मर्चेंट बैंकिंग और इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज में ऑपरेट करती है। मर्चेंट बैंकिंग में इक्विटी कैपिटल मार्केट्स, मर्जर एंड एक्विजिशन, प्राइवेट इक्विटी और स्ट्रक्चर्ड फाइनेंशियल एडवायजरी शामिल हैं। कंपनी की कुल इनकम में इनकी हिस्सेदारी 67 फीसदी है। यह प्रतिद्वंद्वी कंपनियों में सबसे ज्यादा है। इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज में ब्रोकिंग और रिसर्च शामिल हैं। इनकी कुल इनकम में 28 हिस्सेदारी है।

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क्या आपको इनवेस्ट करना चाहिए?

इस इश्यू में शेयर का अपर प्राइस बैंड 283 रुपये है। यह FY24 की अर्निंग्स का 28 गुना है। यह हाई ROE वाली कंपनी के लिए अट्रैक्टिव है। ICICI Securities और Motilal Oswal Financial Services पहले से लिस्टेड हैं, जो डैम कैपिटल की प्रतिद्वंद्वी कंपनियां हैं। इक्विटी बिजनेस से इनकी इनकम ज्यादा है। कैपिटल मार्केट्स में गतिविधियां बढ़नी तय हैं। इनवेस्टर्स डैम कैपिटल के इश्यू में निवेश कर सकते हैं। यह इश्यू इक्विटी मार्केट और प्राइमरी मार्केट में इनवेस्टर्स की बढ़ती दिलचस्पी का फायदा उठाने का मौका देता है।

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