DroneAcharya Aerial Innovations IPO: आज भविष्य की तकनीक में पैसे लगाने का मौका खुल गया है। पुणे की ड्रोन स्टार्टअप ड्रोनआचार्य एरियल इनोवेशंस का 34 करोड़ रुपये का आईपीओ आज 13 दिसंबर को खुला है। इस इश्यू को लेकर ग्रे मार्केट में शानदार रुझान दिख रहा है और इसके शेयर 70 रुपये की GMP (ग्रे मार्केट प्रीमियम) पर ट्रेड हो रहे हैं। यह ड्रोनआचार्य एरियल इनोवेशंस के आईपीओ के लिए पॉजिटिव संकेत हैं। हालांकि बाजार के जानकारों के मुताबिक ग्रे मार्केट से मिले संकेतों की बजाय कंपनी के फंडामेंटल्स और फाइनेंशियल्स के आधार पर ही निवेश का फैसला लेना चाहिए।
DroneAcharya Aerial Innovations IPO की डिटेल्स
ड्रोनआचार्य के 34 करोड़ रुपये के आईपीओ के तहत 62.90 लाख नए इक्विटी शेयर जारी होंगे। इसका 50 फीसदी हिस्सा QIB (क्वालिफाईड इंस्टीट्यूशनल बॉयर्स), 15 फीसदी हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स (HNI) और 35 फीसदी खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित है। इस आईपीओ के तहत 15 दिसंबर तक पैसे लगा सकेंगे। इश्यू के लिए 52-54 रुपये का प्राइस बैंड और 2000 शेयरों का लॉट साइज तय किया गया है यानी कि खुदरा निवेशकों को इसमें 1.08 लाख रुपये लगाने होंगे। आईपीओ की सफलता के बाद शेयरों का अलॉटमेंट 20 दिसंबर को और लिस्टिंग 23 दिसंबर को होगी। इसके शेयरों की लिस्टिंग बीएसई एसएमई पर होगी। नए शेयरों को जारी कर जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल कंपनी ड्रोन और अन्य चीजों की खरीदारी के साथ- साथ आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।
इश्यू से जुड़े पॉजिटिव प्वाइंट्स
ड्रोनआचार्य एरियल इनोवेशंस ड्रोन टेक्नोलॉजी की कंपनी है। इस कंपनी में निवेशक शंकर शर्मा के मुताबिक सर्वे, डिलीवरी और सर्विलांस के लिए ड्रोन का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में आने वाले समय में इस सेग्मेंट में तेज ग्रोथ के आसार हैं। शंकर शर्मा के मुताबिक इस कंपनी ने कम समय में ही तेजी से ग्रोथ किया है और आगे भी इसका रास्ता शानदार दिख रहा है। इसके अलावा एक और पॉजिटिव यह है कि हाल ही में ड्रोनआचार्य ने 46 लाख डॉलर का निवेश हासिल किया था जो किसी भी ड्रोन स्टार्टअप के लिए सबसे अधिक है।
कंपनी की वित्तीय सेहत सुधर रही है। हालांकि इसके एसेट्स और रेवेन्यू के हिसाब से ड्रोनआचार्य एरियल इनोवेशंस का प्रॉफिट मार्जिन कम है।
कंपनी के बारे में डिटेल्स
ड्रोनआचार्य एआई ने मार्च 2022 से लेकर अब तक 180 से अधिक ड्रोन पायलट्स को प्रशिक्षित कर दिया है। यह देश के उन पहले निजी कंपनियों में शुमार है जिसे इस साल DGCA (डायरेक्टरोट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) से RPTO (रिमोट पायलट ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन) का लाइसेंस मिला। इसने वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही अप्रैल-जून 2022 में 3.09 करोड़ रुपये का कारोबार किया था और 72.06 लाख रुपये का शुद्ध मुनाफा हासिल हुआ था। अब कंपनी की योजना पूरी तरह तरह ऐसा स्वदेशी ड्रोन बनाने की है जिसे जमीन और पानी के भीतर सर्वे के लिए कस्टमाइज किया जाएगा।
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