Ashneer Grover ने Ankur Warikoo की किताब पर ली चुटकी, बोला सस्ता आइटम, समझें क्या है पूरा मामला
भारतपे (BharatPe) के को-फाउंडर और शार्ट टैंक इंडिया (Shark Tank India) के जज अश्नीर ग्रोवर ने एक किताब 'दोगलापन' लिखी है। वहीं दूसरी तरफ Groupon के भारतीय कारोबार और nearbuy.com के पूर्व सीईओ अंकुर वारिकू (Ankur Warikoo) ने पिछले साल 2021 में “Do Epic Shit” और इस साल 2022 में “Get Epic Shit Done” लिखी है
Ashneer Grover की किताब अमेजन पर 368 रुपये की है जबकि Ankur Warikoo की 'गेट एपिक शिट डन' की किताब 299 रुपये में है।
भारतपे (BharatPe) के को-फाउंडर और शार्ट टैंक इंडिया (Shark Tank India) के जज अश्नीर ग्रोवर ने एक किताब 'दोगलापन' लिखी है। वहीं दूसरी तरफ Groupon के भारतीय कारोबार और nearbuy.com के पूर्व सीईओ अंकुर वारिकू (Ankur Warikoo) ने पिछले साल 2021 में “Do Epic Shit” और इस साल 2022 में “Get Epic Shit Done” लिखी है। 40 वर्षीय ग्रोवर ने शनिवार को वारिकू की किताब पर चुटकी ली है। ग्रोवर ने वारिकू की किताब को 'सस्ता आइटम' कहा है। वारिकू की दोनों किताबों को Juggernaut Books ने प्रकाशित किया है और इनका टारगेट ऑडिएंस 18-30 साल के रीडर्स हैं। वहीं ग्रोवर ने Doglapan में उन्होंने स्टार्टअप्स और जिंदगी की कड़वी सच्चाईयों के बारे में लिखा है और वे इसके प्रमोशन में व्यस्त हैं। यह बेस्टसेलर साबित हो रही है। हालांकि ग्रोवर का कहना है कि यह सेल्फ-हेल्प बुक यानी खुद की मदद करने वाली किताब नहीं है।
ग्रोवर की किताब 200 रुपये से अधिक कीमत में मिल रही है तो एक ट्विटर यूजर ने खुद को स्टुडेंट बताते हुए आग्रह किया कि इसकी कीमत घटाकर 200 रुपये तक लाई जाए। स्टुडेंट का कहना है कि इससे यह मॉस प्रोडक्ट यानी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच जाएगी। इस पर ग्रोवर ने एक ट्वीट किया है, "सस्ते में एक और आइटम है आप के लिए- गेट एपिट शिट डन। यह वारिकू की किताब है और अमेजन पर इसकी कीमत 299 रुपये है तो ग्रोवर की किताब 368 रुपये में है।
Saste mein ek aur item hai aap ke liye - Get Epic Shit Done
वारिकू पीएचडी ड्रॉप आउट हैं और कंटेट क्रिएटर हैं। उनके इंस्टाग्राम पर 20 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं। वह पर्सनल ग्रोथ और फाइनेंस से जुड़ी वीडियोज बनाते हैं जो बहुत पॉपुलर है। उनकी किताब 'गेट एपिक शिट डन' का टारगेट 18-30 ऐज ग्रुप के रीडर्स हैं। वहीं दूसरी तरफ ग्रोवर ने अपनी किताब में अपनी कहानी कही है। उन्होंने इसमें कई लोगों पर आरोप लगाया है जिन्होंने उन्हें नीचे गिराया है। किताब के उपसंहार में उन्होंने अपने परिवार और कंपनी के फाउंडर्स की चर्चा की है। इसके अलावा मैनेजमेंट, इंवेस्टर्स और अन्य स्टेकहोल्डर्स का एकाध बार जिक्र किया है।
ग्रोवर ने लिखा है कि अगर आप अपनी पत्नी के साथ काम करते हैं तो उन्हें को-फाउंडर्स बनाने और बोर्ड में शामिल करने में कोई हिचक नहीं होनी चाहिए। उन्होंने निवेशक को सिर्फ एक वेंडर कहा है। ग्रोवर की किताब “Malviya Nagar – Where it all began” चैप्टर से शुरू होती है। वह मालवीय नगर में पैदा हुए थे जो साउथ दिल्ली में है। उन्होंने अपनी जिंदगी के हर किस्से के लिए अलग-अलग चैप्टर रखा है। ग्रोफर्स में अपने दिनों, पत्नी माधुरी जैन, भारतपे के शुरूआत की कहानी और शार्टटैंक इंडिया के लिए अलग-अलग चैप्टर है।