आईपीओ की वजह से एचडीबी फाइनेंशियल सुर्खियों में है। साइज के हिसाब से यह बड़े आईपीओ में से एक है। यह इश्यू 25 जून को खुलेगा और 27 जून को बंद हो जाएगा। कंपनी के स्ट्रेंथ, एचडीएफसी बैंक पर निर्भरता और फ्यूचर प्लान के बारे में जानने के लिए मनीकंट्रोल ने एचडीबी फाइनेंशियल के एमडी और सीईओ रमेश जी से बातचीत की। मनीकंट्रोल ने आईपीओ में शेयरों की कीमतों के बारे में भी सवाल पूछे।
इनवेस्टर्स और बैंकर्स से बातचीत के तय हुई वैल्यूएशन
रमेश ने कहा कि हम पिछले कुछ समय से रोड शो कर रहे थे। हमने भारत और विदेश में निवेशकों से मुलाकात की। उनसे बातचीत की। उन्होंने कहा, "हमारा मानना है कि वैल्यू के बारे में फैसला इनवेस्टर्स और बैंकर्स से बातचीत के बाद लिया गया।" कंपनी ने एक शेयर की कीमत 700-740 रुपये रखी है। यह अनलिस्टेड मार्केट में चल रही शेयर की कीमतों के मुकाबले 40 फीसदी कम है। कंपनी के शेयर 2 जुलाई को स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होंगे।
ग्राहकों के मामले में एचडीएफसी बैंक पर निर्भर नहीं
एचडीएफसी बैंक जैसे बड़े बैंक से जुड़े होने के फायदों के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि हम एचडीएफसी बैंक की सब्सिडियरी हैं। एचडीबी फाइनेंशियल की शुरुआत उन इलाकों में सेवाएं देने के लिए हुई थी, जहां बैंकों की कमी है। इसके अलावा हमारा फोकस उन ग्राहकों पर रहा है, जिन्हें दूसरे बैंक लोन नहीं देना चाहते। हमारी मौजूदगी देशभर में है। हमें ग्राहकों के बारे में एचडीएफसी बैंक से किसी तरह की मदद नहीं मिलती है।
कैपिटल के मामले में एचडीएफसी बैंक से मिलती है मदद
HDB Financial के सीईओ ने कहा कि एक कंपनी के रूप में अपने ग्राहक हमने खुद बनाए हैं। हमारा रिस्क मैनेजमेंट, टेक्नोलॉजी और इंफ्रास्ट्रक्चर इंडिपेंडेंट हैं। हमारी ब्रांच और एचडीएफसी बैंक की ब्रांच की जगह भी अलग-अलग है। ऑपरेशन के मामले में हम एचडीएफसी बैंक पर निर्भर नहीं हैं। हालांकि, कैपिटल और स्ट्रॉन्ग रिस्क मैनेजमेंट प्रोसेसेज के मामले में हमें अपने पेरेंट बैंक का फायदा मिलता है।
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कंपनी में एचडीएफसी बैंक की हिस्सेदारी 75 फीसदी बनी रहेगी
रमेश ने कहा कि हम 17 साल से सेवाएं दे रहे हैं। 1,100 शहरों में हमारी ,770 ब्रांचेज हैं। FY22 में हमारे ग्राहकों की संख्या 90 लाख थी, जो FY25 में बढ़कर 1.9 करोड़ हो गई। हम सिर्फ रिटेल बिजनेस में हैं। हमारे एयूएम में टॉप 20 ग्राहकों की हिस्सेदारी 0.4 फीसदी से भी कम है। यह आईपीओ कंपनी के लिए सिर्फ एक सफर है, यह मंजिल नहीं है। आईपीओ के बाद भी एचडीबी फाइनेंशियल एचडीएफसी बैंक की सब्सिडियरी बनी रहेगी। इसमें बैंक की 75 फीसदी हिस्सेदारी भी बनी रहेगी।