HDFC Bank की सहायक कंपनी एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज के IPO को कैपिटल मार्केट रेगुलेटर SEBI से मंजूरी मिल गई है। यह IPO 12,500 करोड़ रुपये का है। इसमें 2,500 करोड़ रुपये के नए इक्विटी शेयर रहेंगे। साथ ही प्रमोटर HDFC Bank की ओर से 10,000 करोड़ रुपये का ऑफर फॉर सेल रहेगा। अभी HDFC Bank के पास कंपनी में 94.3% हिस्सेदारी है। HDB फाइनेंशियल सर्विसेज ने अक्टूबर 2024 में सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के पास अपना ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) दाखिल किया था।
कंपनी को शेयर बाजारों में लिस्ट कराने का फैसला भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से अक्टूबर 2022 में जारी किए गए एक आदेश का पालन करता है। इस फैसले के तहत अपर लेयर नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFCs) के तौर पर कैटेगराइज NBFC के लिए, इस कैटेगरी में नोटिफाई किए जाने के 3 साल के अंदर यानि सितंबर 2025 तक स्टॉक एक्सचेंजेस में लिस्ट होना जरूरी है। HDB फाइनेंशियल सर्विसेज इसी कैटेगरी में आती है।
IPO के बाद भी बनी रहेगी HDFC Bank की सहायक कंपनी
कंपनी की फाइलिंग के अनुसार, प्रपोज्ड IPO के बावजूद HDB फाइनेंशियल सर्विसेज, HDFC Bank की सहायक कंपनी बनी रहेगी। कंपनी 1,680 शाखाओं के माध्यम से काम करती है। इसके सबसे बड़े लोन सेगमेंट्स में व्हीकल फाइनेंस और प्रॉपर्टी के एवज में लोन शामिल हैं।
IPO के पैसों का कैसे होगा इस्तेमाल
IPO में 2500 करोड़ रुपये के नए शेयरों को जारी कर हासिल होने वाली इनकम का इस्तेमाल कंपनी के टियर-1 कैपिटल बेस को मजबूत करने के लिए किया जाएगा, ताकि भविष्य की पूंजी जरूरतों को पूरा किया जा सके।
HDB Financial Services की ताकत
- HDFC Bank से मजबूत सपोर्ट
- विस्तृत खुदरा क्षेत्र में मजबूत मौजूदगी
- मजबूत कैपिटल स्ट्रक्चर और डायवर्सिफाइड फंडिंग प्रोफाइल
HDB Financial Services के लिए प्रमुख जोखिमों में इसकी मध्यम श्रेणी की एसेट क्वालिटी के साथ-साथ असुरक्षित और जोखिम वाले सेगमेंट्स में निवेश को रखा गया है।
HDB Financial Services की वित्तीय स्थिति
HDB फाइनेंशियल सर्विसेज की वित्त वर्ष 2022-23 में लोन बुक सालाना आधार पर 17 प्रतिशत बढ़कर 66,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। वित्त वर्ष 2023-24 में कंपनी का ऑपरेशंस से कुल रेवेन्यू सालाना आधार पर बढ़कर 14,171 करोड़ रुपये हो गया। एक साल पहले यह 12,402 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2024 में मुनाफा भी बढ़कर 2,460 करोड़ रुपये हो गया, जो वित्त वर्ष 2023 में 1,959 करोड़ रुपये था।