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Hexaware Technologies IPO: आज 12 फरवरी से खुला यह आईपीओ, पैसा लगाएं या नहीं? जानें GMP क्या दे रहा संकेत

Hexaware Technologies IPO: हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज लिमिटेड का इनीशियल पब्लिक ऑफर (IPO) बुधवार 12 फरवरी से खुलने जा रहा है। निवेशक इस आईपीओ के लिए 14 फरवरी तक बोली लगा सकते हैं। हालांकि आईपीओ खुलने से पहले ग्रे मार्केट में इसके लिए कुछ खास उत्साह नहीं दिख रहा है। कंपनी का ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) फिलहाल 3.5 रुपये चल रहा है, जो इसके इश्यू प्राइस से महज 3.5 फीसदी का प्रीमियम दिखाता है

अपडेटेड Feb 12, 2025 पर 12:01 AM
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Hexaware Technologies IPO: हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज दूसरी बार भारतीय शेयर बाजार में एंट्री करने जा रही है

Hexaware Technologies IPO: हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज लिमिटेड का इनीशियल पब्लिक ऑफर (IPO) बुधवार 12 फरवरी से खुलने जा रहा है। निवेशक इस आईपीओ के लिए 14 फरवरी तक बोली लगा सकते हैं। हालांकि आईपीओ खुलने से पहले ग्रे मार्केट में इसके लिए कुछ खास उत्साह नहीं दिख रहा है। ग्रे मार्केट पर नजर रखने वाले जानकारों के मुताबिक, हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज का ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) फिलहाल 3.5 रुपये चल रहा है, जो इसके इश्यू प्राइस से महज 3.5 फीसदी का प्रीमियम दिखाता है।

IPO से जुड़ी जानकारी

हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज के आईपीओ का साइज करीब 8,750 करोड़ रुपये है। आईटी सर्विस मुहैया कराने वाली इस कंपनी ने अपने शेयरों के लिए 674 से 708 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया है। यह आईपीओ पूरी तरह तरह से ऑफर फॉर सेल (OFS) होगा, जिसके जरिए कंपनी की प्रमोटर कार्लाइल अपनी हिस्सेदारी बेचेगी। इसका मतलब है कि इस आईपीओ से कंपनी को कोई पैसा नहीं मिलेगा।

रिटेल निवेशक इस आईपीओ के लिए लॉट साइज के हिसाब से बोली लगा सकते हैं। एक लॉट में कंपनी के 21 शेयर होंगे। इसका मतलब है कि निवेशकों को एक लॉट की बोली लगाने के लिए 14,868 रुपये का निवेश करना होगा।


भारत में आईटी सेक्टर का सबसे बड़ा IPO

Hexaware का यह IPO भारत के आईटी सेक्टर का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ होगा। यह टाटा ग्रुप की कंपनी TCS का रिकॉर्ड तोड़ेगा, जिसने साल 2004 में 4,713 करोड़ रुपये का आईपीओ लॉन्च किया था। IPO के बाद, प्रमोटर कार्लाइल ग्रुप की कंपनी में हिस्सेदारी 95% से घटकर 74.1% रह जाएगी। ऊपरी प्राइस बैंड पर कंपनी का अनुमानित मार्केट कैप ₹43,247 करोड़ रुपये होगा।

दूसरी बार शेयर बाजार में एंट्री कर रही कंपनी

बता दें कि हेक्सावेयर दूसरी बार भारतीय शेयर बाजार में एंट्री करने जा रही है। इससे पहले सितंबर 2020 में यह कंपनी शेयर बाजारों से डीलिस्ट हो गई थी। उस वक्त कंपनी के मोटरों ने 475 रुपये प्रति शेयर की डीलिस्टिंग कीमत स्वीकार कर ली थी।

कंपनी के अगर कारोबार की बात करें तो, साल 2023 में हेक्सावेटर का कॉन्सटैंट करेंसी पर रेवेन्यू ग्रोथ 12.8 फीसदी रहा, जो परसिस्टेंट सिस्टम्स (17.6%) और कोफोर्ज (14.5%) जैसी इसकी राइवल कंपनियों के मुकाबले कम था। हालांकि यह LTIMindtree और Mphasis जैसी कंपनियों से अधिक था।

मौजूदा वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में कंपनी के रेवेन्यू का 73.4% हिस्सा अमेरिकी बाजार से आया। वहीं बाकी हिस्सा यूरोप और एशिया-प्रशांत इलाके के दूसरे देशों से आया। कंपनी के कुल रेवेन्यू का लगभग 50% BFSI (बैंकिंग, फाइनेंस, इंश्योरेंस) और हेल्थकेयर से आता है। 2024 के पहले नौ महीनों में, टॉप 5 क्लाइंट्स का रेवेन्यू में योगदान 25.8% था। वहीं इसके टॉप 10 क्लाइंट्स का रेवेन्यू में योगदान 35.7% रहा।

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