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Rubicon Research IPO Listing: 28% प्रीमियम पर ₹485 का फार्मा शेयर लिस्ट, आईपीओ को मिली थी 109 गुना बोली

Rubicon Research IPO Listing: रुबिकॉन रिसर्च एक फार्मा कंपनी है। अब इसके शेयर लिस्ट हुए हैं और आईपीओ को निवेशकों का जबरदस्त रिस्पांस मिला था। इसके आईपीओ के तहत नए शेयर जारी हुए हैं और ऑफर फॉर सेल के तहत भी शेयरों की बिक्री हुई है। चेक करें कंपनी की कारोबारी सेहत कैसी है और आईपीओ के पैसों का इस्तेमाल कैसे होगा?

अपडेटेड Oct 16, 2025 पर 4:54 PM
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Rubicon Research IPO Listing: रुबिकॉन रिसर्च का ₹1,377.50 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 9-13 अक्टूबर तक खुला था। आज इसके शेयरों की लिस्टिंग हुई है।

Rubicon Research IPO Listing: फार्मा कंपनी रुबिकन रिसर्च के शेयरों की आज घरेलू मार्केट में धांसू एंट्री हुई। इसके आईपीओ को भी निवेशकों का ताबड़तोड़ रिस्पांस मिला था और ओवरऑल इसे 109 गुना से अधिक बोली मिली थी। आईपीओ के तहत ₹485 के भाव पर शेयर जारी हुए हैं। आज BSE पर इसकी ₹620.10 और NSE पर ₹620.00 पर एंट्री हुई है यानी कि आईपीओ निवेशकों को करीब 28% का लिस्टिंग गेन (Rubicon Research Listing Gain) मिला। हालांकि आईपीओ निवेशकों की खुशी थोड़ी ही देर में फीकी हो गई जब शेयर टूट गए। टूटकर BSE पर यह ₹590.00 (Rubicon Research Share Price) पर आ गया।

निचले स्तर से शेयरों ने रिकवरी की और उछलकर यह ₹639.00 पर पहुंच गया। हल्की-फुल्की मुनाफावसूली के साथ दिन के आखिरी में यह ₹627.45 पर बंद हुआ है यानी कि पहले कारोबारी दिन की समाप्ति पर आईपीओ निवेशक अब 29.37% मुनाफे में हैं। एंप्लॉयीज अधिक फायदे में हैं क्योंकि उन्हें हर शेयर ₹46 के डिस्काउंट पर मिला है।

Rubicon Research IPO के पैसे कैसे होंगे खर्च


रुबिकॉन रिसर्च का ₹1,377.50 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 9-13 अक्टूबर तक खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों का धांसू रिस्पांस मिला था और ओवरऑल यह 109.35 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए आरक्षित हिस्सा 137.09 गुना (एक्स-एंकर), नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 102.70 गुना और खुदरा निवेशकों का हिस्सा 37.40 गुना और एंप्लॉयीज का हिस्सा 17.68 गुना भरा था।

इस आईपीओ के तहत ₹500.00 करोड़ के नए शेयर जारी हुए हैं। इसके अलावा ₹1 की फेस वैल्यू वाले 1,80,92,762 शेयरों की ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत बिक्री हुई है। ऑफर फॉर सेल का पैसा तो शेयर बेचने वाले शेयरहोल्डर जनरल अटलांटिक सिंगापुर आरआर को मिला है। वहीं नए शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों में से ₹310 करोड़ कर्ज हल्का करने और बाकी पैसे अधिग्रहण और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों पर खर्च होंगे।

Rubicon Research के बारे में

वर्ष 1999 में बनी रुबिकॉन रिसर्च एक फार्मा कंपनी है। जून 2025 तक के आंकड़ों के मुताबिक इसके पोर्टफोलियो में 72 एक्टिव एब्रेविएटेड न्यू ड्रग एप्लीकेशन (ANDA) और न्यू ड्रग एप्लीकेशन (NDA) प्रोडक्ट्स हैं जिन्हें अमेरिकी एफडीए से मंजूरी मिली हुई है। इसके पोर्टफोलियो मं 66 कॉमर्शियल प्रोडक्ट्स हैं जिसका अमेरिकी जेनेरिक मार्केट में $245.57 करोड़ का बाजार है और वित्त वर्ष 2024 में इसमें रुबिकॉन रिसर्च की हिस्सेदारी $19.5 करोड़ थी। जून 2025 के आंकड़ों के मुताबिक कंपनी के 17 नए प्रोडक्ट्स अभी अमेरिकी एफडीए एनएडीए अप्रूवल के इंतजार में हैं और 63 प्रोडक्ट्स डेवलपमेंट के अलग-अलग चरण में हैं। जून 2025 तक के आंकड़ों के मुताबिक कंपनी ने 350 से अधिक SKUs (स्टॉक कीपिंग यूनिट) की 96 ग्राहकों को बिक्री की है जिसमें तीन अहम होलसेलर्स रहे जिनकी अमेरिका में कंपनी के दवाईयों के थोक डिस्ट्रीब्यूशन में 90% से अधिक हिस्सेदारी है।

अमेरिका के बाहर बात करें तो कंपनी ने सीधे या किसी थर्ड पार्टी डिस्ट्रीब्यूशन पार्टनर्स के जरिए ऑस्ट्रेलिया, यूके, सिंगापुर, सऊदी अरब और यूएई में 48 प्रोडक्ट एप्लीकेशंस या ता रजिस्टर्ड किए हैं या फाइल हुए हैं। अप्रूवल के बाद इनके कॉमर्शियल एक्टिविटीज की उम्मीद है। रुबिकॉन रिसर्च भारत, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में भी कुछ ग्राहकों को कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग सर्विसेज मुहैया कराती है। भारत में इसकी तीन मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी हैं। इसके अलावा दो आरएंडडी फैसिलिटीज हैं जिसमें से एक भारत में हैं और एक कनाडा में दोनों की जांच अमेरिकी एफडीए ने की है।

कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो यह लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2023 में इसे ₹16.89 करोड़ का शुद्ध घाटा हुआ था लेकिन अगले ही वित्त वर्ष 2024 में यह ₹91.01 करोड़ के शुद्ध मुनाफे में आ गई जो अगले वित्त वर्ष 2025 में बढ़कर ₹134.36 करोड़ पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी की टोटल इनकम सालाना 75% से अधिक की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर ₹1,296.22 करोड़ पर पहुंच गई। चालू वित्त वर्ष 2026 की बात करें तो पहली तिमाही अप्रैल-जून 2025 में कंपनी को ₹43.30 करोड़ का शुद्ध मुनाफा और ₹356.95 करोड़ की टोटल इनकम हासिल हो चुकी है। वहीं जून तिमाही के आखिरी में कंपनी पर ₹495.78 करोड़ का कर्ज रहा और ₹397.50 करोड़ रिजर्व और सरप्लस में रहे।

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डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।

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