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Rubicon Research IPO Allotment: अलॉटमेंट चेक करने का स्टेपवाइज तरीका, लिस्टिंग पर इतने मुनाफे की है गुंजाइश

Rubicon Research IPO: रुबिकॉन रिसर्च एक फार्मा कंपनी है। अब इसक शेयरों की घरेलू स्टॉक मार्केट में बीएसई और एनएसई पर लिस्टिंग होने वाली है। इसके आईपीओ को हर कैटेगरी के निवेशकों से शानदार रिस्पांस मिला। चेक करें कि ग्रे मार्केट से रुबिकॉन रिसर्च के शेयरों की लिस्टिंग पर कितने मुनाफे के संकेत मिल रहे हैं?

अपडेटेड Oct 14, 2025 पर 2:09 PM
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Rubicon Research IPO: रुबिकॉन रिसर्च का आईपीओ 9-13 अक्टूबर के बीच खुला था। अब इसके लिस्टिंग की तैयारी है।

Rubicon Research IPO Allotment: फार्मा कंपनी रुबिकन रिसर्च के ₹1,377 करोड़ के आईपीओ को हर कैटेगरी के निवेशकों का अच्छा रिस्पांस मिला था और ओवरऑल इसे 109 गुना से अधिक बोली मिली थी। अब आज इसके शेयरों का अलॉटमेंट होने वाला है। अलॉटमेंट फाइनल होने के बाद इसे या तो बीएसई की वेबसाइट पर या रजिस्ट्रार एमयूएफजी की वेबसाइट पर देख सकते हैं। ग्रे मार्केट में बात करें तो इसके शेयर आईपीओ के अपर प्राइस बैंड से ₹133 यानी 27.42% की GMP (ग्रे मार्केट प्रीमियम) पर हैं। इससे शेयरों की मजबूत लिस्टिंग के संकेत मिल रहे हैं। हालांकि मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक यह ग्रे मार्केट से मिले संकेतों की बजाय कंपनी की कारोबारी सेहत और लिस्टिंग के दिन मार्केट की परिस्थिति पर निर्भर रहेगा। शेयरों की BSE, NSE पर 16 अक्टूबर को एंट्री होगी।

BSE की साइट पर ऐसे करें चेक

https://www.bseindia.com/investors/appli_check.aspx, इस लिंक पर जाएं।


इश्यू टाइप 'Equity' चुनें। इश्यू नाम Rubicon Research चुनें।

एप्लीकेशन नंबर या पैन भरें।

फिर I'm not a robot पर क्लिक करें।

सर्च पर क्लिक करें।

शेयरों का अलॉटमेंट स्टेटस स्कीन पर दिखने लगा कि कितने शेयर अलॉट हुए।

रजिस्ट्रार की साइट पर ऐसे करें स्टेटस चेक

https://in.mpms.mufg.com/Initial_Offer/public-issues.html, लिंक पर क्लिक करें।

सेलेक्ट कंपनी पर क्लिक करके Rubicon Research चुनें।

पैन, एप्लीकेशन नंबर, डीपी/क्लाइंट आईडी, अकाउंट नंबर/IFSC में से कोई भी चुनें। फिर जो विकल्प चुना है, उसके मुताबिक डिटेल्स दें। जैसे कि पैन चुना है तो पैन भरें।

सबमिट करें।

शेयरों का अलॉटमेंट स्टेटस स्कीन पर दिखने लगा कि कितने शेयर अलॉट हुए।

Rubicon Research IPO को मिला था तगड़ा रिस्पांस

रुबिकॉन रिसर्च के ₹1,377.50 करोड़ के आईपीओ में निवेशकों ने ₹461-₹485 के प्राइस बैंड और 30 शेयरों के लॉट में पैसे लगाए। इस इश्यू को हर कैटेगरी के निवेशकों का अच्छा रिस्पांस मिला और ओवरऑल यह 109.35 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए आरक्षित हिस्सा 102.70 गुना (एक्स-एंकर), नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 152.87 गुना और खुदरा निवेशकों का हिस्सा 37.40 गुना और एंप्लॉयीज का हिस्सा 17.68 गुना भरा था। इस आईपीओ के तहत ₹500.00 करोड़ के नए शेयर जारी हो रहे हैं। इसके अलावा ₹1 की फेस वैल्यू वाले 1,80,92,762 शेयरों की ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत बिक्री हो रही है। ऑफर फॉर सेल का पैसा तो शेयर बेचने वाले शेयरहोल्डर्स को मिलेगा। वहीं नए शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों में से ₹310 करोड़ कर्ज हल्का करने और बाकी पैसे अधिग्रहण और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों पर खर्च होंगे।

Rubicon Research के बारे में

वर्ष 1999 में बनी रुबिकॉन रिसर्च एक फार्मा कंपनी है। जून 2025 तक के आंकड़ों के मुताबिक इसके पोर्टफोलियो में 72 एक्टिव एब्रेविएटेड न्यू ड्रग एप्लीकेशन (ANDA) और न्यू ड्रग एप्लीकेशन (NDA) प्रोडक्ट्स हैं जिन्हें अमेरिकी एफडीए से मंजूरी मिली हुई है। इसके पोर्टफोलियो मं 66 कॉमर्शियल प्रोडक्ट्स हैं जिसका अमेरिकी जेनेरिक मार्केट में $245.57 करोड़ का बाजार है और वित्त वर्ष 2024 में इसमें रुबिकॉन रिसर्च की हिस्सेदारी $19.5 करोड़ थी। जून 2025 के आंकड़ों के मुताबिक कंपनी के 17 नए प्रोडक्ट्स अभी अमेरिकी एफडीए एनएडीए अप्रूवल के इंतजार में हैं और 63 प्रोडक्ट्स डेवलपमेंट के अलग-अलग चरण में हैं। जून 2025 तक के आंकड़ों के मुताबिक कंपनी ने 350 से अधिक SKUs (स्टॉक कीपिंग यूनिट) की 96 ग्राहकों को बिक्री की है जिसमें तीन अहम होलसेलर्स रहे जिनकी अमेरिका में कंपनी के दवाईयों के थोक डिस्ट्रीब्यूशन में 90% से अधिक हिस्सेदारी है।

अमेरिका के बाहर बात करें तो कंपनी ने सीधे या किसी थर्ड पार्टी डिस्ट्रीब्यूशन पार्टनर्स के जरिए ऑस्ट्रेलिया, यूके, सिंगापुर, सऊदी अरब और यूएई में 48 प्रोडक्ट एप्लीकेशंस या ता रजिस्टर्ड किए हैं या फाइल हुए हैं। अप्रूवल के बाद इनके कॉमर्शियल एक्टिविटीज की उम्मीद है। रुबिकॉन रिसर्च भारत, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में भी कुछ ग्राहकों को कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग सर्विसेज मुहैया कराती है। भारत में इसकी तीन मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी हैं। इसके अलावा दो आरएंडडी फैसिलिटीज हैं जिसमें से एक भारत में हैं और एक कनाडा में दोनों की जांच अमेरिकी एफडीए ने की है।

कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो यह लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2023 में इसे ₹16.89 करोड़ का शुद्ध घाटा हुआ था लेकिन अगले ही वित्त वर्ष 2024 में यह ₹91.01 करोड़ के शुद्ध मुनाफे में आ गई जो अगले वित्त वर्ष 2025 में बढ़कर ₹134.36 करोड़ पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी की टोटल इनकम सालाना 75% से अधिक की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर ₹1,296.22 करोड़ पर पहुंच गई। चालू वित्त वर्ष 2026 की बात करें तो पहली तिमाही अप्रैल-जून 2025 में कंपनी को ₹43.30 करोड़ का शुद्ध मुनाफा और ₹356.95 करोड़ की टोटल इनकम हासिल हो चुकी है। वहीं जून तिमाही के आखिरी में कंपनी पर ₹495.78 करोड़ का कर्ज रहा और ₹397.50 करोड़ रिजर्व और सरप्लस में रहे।

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डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।

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