Hyundai Motor के IPO से काफी उम्मीदें थीं। लेकिन ये IPO आखिरी दिन मुश्किल से भर पाया। क्या हुआ HYUNDAI के साथ? क्या वैल्युएशन महंगे थे या फिर निवेशकों के दिमाग में कुछ और चल रहा है? अब जिनको IPO में HYUNDAI के शेयर मिल जाएंगे, उनको क्या करना चाहिए? यहां हम इन्ही सवालों को जवाब खोजने की कोशिश कर रहे हैं। इस कोशिश में साथ दे रहे हैं। मार्केट एक्सपर्ट सुनील सुब्रमणियम,Rockstud Capital के मैनेजिंग पार्टनर अभिषेक अग्रवाल और Piper Serica के फाउंडर अभय अग्रवाल।
HYUNDAI के IPO पर नजर डालें तो ये कुल 2.37 गुना भरा है। इसका रिटेल हिस्सा तो आधा ही भर पाया है। वहीं, NIIs की हिस्सेदारी सिर्फ 60 फीसदी भरी है। हालांकि क्यूआईबी से इस आईपीओ को कुछ ठीक रिस्पांस मिला है। आईपीओ का क्यूआईबी हिस्सा 6.97 गुना भरा है। इस IPO का प्राइस बैंड 1865-1960 रुपए प्रति शेयर और इश्यू साइज 27,870 करोड़ रुपए है।
बाजार में आईपीओ का मोह नहीं हुआ खत्म
इस आईपीओ को मिले ठंडे रिस्पांस पर बात करते हुए सुनील में कहा कि ये कहना गलत होगा की बाजार में आईपीओ का मोह खत्म हो गया है। आईपीओ के लिए महौल अभी भी अच्छा है। HYUNDAI आईपीओ की बात करें तो इसके फ्लाप होने के पीछे दो-तीन कारण नजर आते हैं। इनमें से पहला है हाई प्राइसिंग। कंपनी ने आईपीओ में पूरे प्रॉफिट को अपने पास रख लिया। निवेशकों के लिए टेबल पर कुछ नहीं छोड़ा जो बाजार को पसंद नहीं आया।
इसके अलावा हाल के दिनों में भारत में राष्ट्रवादी सोच बहुत जोर पर है। मालदीव के मामले से ये साफ भी होता है। मालदीव की तरफ से भारत के प्रधानमंत्री की बारे में किए गए गलत कमेंट्स की वजह से भारतीय पर्यटकों ने मालदीव से मुंह मोड़ लिया था। ऐसा ही कुछ HYUNDAI के साथ भी हुआ जान पड़ता है। हाल के दिनों में HYUNDAI की तरफ से सोशल मीडिया पर कुछ पाकिस्तानी समर्थक पोस्टें डाली गई थी। जिसको देख कर बहुत से भारतीय निवेश बिदक गए हो सकते हैं। इसके चलते भी इस आईपीओ को रिटेल निवेशकों की बेरुखी का सामना करना पड़ा है। कंपनी इतनी अच्छी है फिर भी रिटेल निवेशकों ने HYUNDAI आईपीओ से मुंह मोड़ लिया इसकी वजह HYUNDAI का पाकिस्तान प्रेम भी हो सकता है।
सुनील का कहना है कि HYUNDAI आईपीओ की वजह से दो आने वाले आईपीओ को घबराने की जरूरत नहीं है। बाजार में पैसा बहुत है। लेकिन इसके लिए शर्त ये है कि आईपीओ की प्राइसिंग सही होनी चाहिए। प्रोमोटरों को निवेशकों के लिए भी टेबल पर पैसा छोड़ना चाहिए। ऐसा होने पर आने वाले IPOs को बाजार में कोई दिक्कत नहीं होगी।
HYUNDAI आईपीओ पर लिस्टिंग गेन की कोई उम्मीद नहीं
Piper Serica के फाउंडर अभय अग्रवाल का कहना है कि HYUNDAI आईपीओ अपने में एक बड़ा केस स्टडी है। इसका रिटेल और एचएनआई हिस्सा पूरा भरा ही नहीं। सिर्फ QIB के दम पर ये आईपीओ चल सका। इस आईपीओ की प्राइसिंग ऐसी थी जिससे निवेशकों के लिए लिस्टिंग गेन की बहुत संभावना ही नहीं बची थी। लेकिन कंपनी के शेयरों पर निवेशकों को गेन नहीं मिलेगा शायद यह बात भी सही नहीं है। शेयर का प्रदर्शन आगे कंपनी के प्रदर्शन पर निर्भर करेगा। HYUNDAI आईपीओ पर लिस्टिंग गेन की कोई उम्मीद नहीं लगानी चाहिए। लेकिन कंपनी के आगे के प्रदर्शन पर नजर रखना चाहिए।
HYUNDAI आईपीओ के डिस्काउंट पर लिस्ट होने का भी डर
Rockstud Capital के मैनेजिंग पार्टनर अभिषेक अग्रवाल की भी इस आईपीओ से दूर रहने की सलाह है। उनका कहना है कि वर्तमान में जो स्थिति है उसको देखते हुए लगता है कि कहीं लिस्टिंग गेन न मिलकर लिस्टिंग में ही करेक्शन देखने को मिल जाय।
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