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Hyundai Motor के IPO को हुंडई के पाकिस्तान प्रेम और महंगे वैल्यूएशन से लगा झटका!

HYUNDAI के IPO पर नजर डालें तो ये कुल 2.37 गुना भरा है। इसका रिटेल हिस्सा तो आधा ही भर पाया है। वहीं, NIIs की हिस्सेदारी सिर्फ 60 फीसदी भरी है। हालांकि क्यूआईबी से इस आईपीओ को कुछ ठीक रिस्पांस मिला है। आईपीओ का क्यूआईबी हिस्सा 6.97 गुना भरा है

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 19, 2024 पर 10:22 PM
Hyundai Motor के IPO को हुंडई के पाकिस्तान प्रेम और महंगे वैल्यूएशन से लगा झटका!
Piper Serica के फाउंडर अभय अग्रवाल का कहना है कि HYUNDAI आईपीओ अपने में एक बड़ा केस स्टडी है

Hyundai Motor के IPO से काफी उम्मीदें थीं। लेकिन ये IPO आखिरी दिन मुश्किल से भर पाया। क्या हुआ HYUNDAI के साथ? क्या वैल्युएशन महंगे थे या फिर निवेशकों के दिमाग में कुछ और चल रहा है? अब जिनको IPO में HYUNDAI के शेयर मिल जाएंगे, उनको क्या करना चाहिए? यहां हम इन्ही सवालों को जवाब खोजने की कोशिश कर रहे हैं। इस कोशिश में साथ दे रहे हैं। मार्केट एक्सपर्ट सुनील सुब्रमणियम,Rockstud Capital के मैनेजिंग पार्टनर अभिषेक अग्रवाल और Piper Serica के फाउंडर अभय अग्रवाल।

HYUNDAI के IPO पर नजर डालें तो ये कुल 2.37 गुना भरा है। इसका रिटेल हिस्सा तो आधा ही भर पाया है। वहीं, NIIs की हिस्सेदारी सिर्फ 60 फीसदी भरी है। हालांकि क्यूआईबी से इस आईपीओ को कुछ ठीक रिस्पांस मिला है। आईपीओ का क्यूआईबी हिस्सा 6.97 गुना भरा है। इस IPO का प्राइस बैंड 1865-1960 रुपए प्रति शेयर और इश्यू साइज 27,870 करोड़ रुपए है।

बाजार में आईपीओ का मोह नहीं हुआ खत्म

इस आईपीओ को मिले ठंडे रिस्पांस पर बात करते हुए सुनील में कहा कि ये कहना गलत होगा की बाजार में आईपीओ का मोह खत्म हो गया है। आईपीओ के लिए महौल अभी भी अच्छा है। HYUNDAI आईपीओ की बात करें तो इसके फ्लाप होने के पीछे दो-तीन कारण नजर आते हैं। इनमें से पहला है हाई प्राइसिंग। कंपनी ने आईपीओ में पूरे प्रॉफिट को अपने पास रख लिया। निवेशकों के लिए टेबल पर कुछ नहीं छोड़ा जो बाजार को पसंद नहीं आया।

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