इंटीग्रिस मेडटेक ने आईपीओ के लिए ड्राफ्ट पेपर्स फाइल कर दिए हैं। कंपनी का आईपीओ 3,500-4,000 करोड़ रुपये का हो सकता है। कंपनी इश्यू में 925 करोड़ रुपये के नए शेयर इश्यू करेगी। ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) के जरिए मौजूदा शेयरहोल्डर्स 21.67 करोड़ शेयर बेचेंगे। कंपनी फाइनल प्रोस्पेकटस फाइल करने से पहले प्री-आईपीओ प्लेसमेंट से 185 करोड़ रुपये जुटाने पर विचार कर सकती है।
स्टेंट मैन्युफैक्चरिंग मार्केट में बड़ी हिस्सेदारी
Integris Medtech ने आईपीओ से मिले पैसे में से 696.39 करोड़ रुपये का इस्तेमाल कर्ज चुकाने और बाकी का इस्तेमाल सामान्य कारोबारी जरूरतों के लिए करेगी। यह आईपीओ ऐसे वक्त आ रहा है, जब कंपनी ने देश में दूसरे सबसे बड़े कोरोनेरी स्टेंट मैन्युफैक्चरिंग के रूप में अपनी मजबूत जगह बना चुकी है। ड्रग-इलूटिंग स्टेंट्स में इसकी 22 फीसदी बाजार हिस्सेदारी है। यह दक्षिण एशिया में साइंटिफिक लेबोरेट्री सॉल्यूशंस ऑफर करने वाली सबसे बड़ी कंपनी है।
एवरस्टोन कैपिटल ने 2019 में किया था निवेश
इंटीग्रिस की शुरुआत गुरमीत सिंह चुघ और पुनिता शर्मा ने की थी। शुरुआत में यह कार्डियोलॉजी प्रोडक्ट्स बनाती थी। तब से यह मेडटेक प्लेटफॉर्म के रूप में उभर चुकी है। इस कंपनी में 2019 में एवरस्टोन कैपिटल ने निवेश किया था। उसके बाद से इसकी ग्रोथ तेज हुई। इसने यूरोप और एशिया में कई स्ट्रेटेजिक अधिग्रहण किए हैं। अब तक यह 17 अधिग्रहण कर चुकी है।
65 से ज्यादा देशों को करती है प्रोडक्ट्स की सप्लाई
इंटीग्रिस ने अपने ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस में कहा है, "हमारी बिल्ड, पार्टनर और अधिग्रहण की स्ट्रेटेजी का मकसद ग्रोथ और पहुंच बढ़ाने के साथ ही टेक्नोलॉजी के मामले में गैप को भरना है। कंपनी का फोकस इनोवेशन और सर्विस डिलीवरी को मजबूत बनाने पर है।" कंपनी के पांच मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स हैं। ये इंडिया, जर्मनी और नीदरलैंड्स में हैं। कंपनी 65 से ज्यादा देशों को 2,500 SKU की सप्लाई करती है। यह 2,000 से ज्यादा हॉस्पिटल्स को सेवाएं देती है।
FY25 में कमाया 70 करोड़ रुपये प्रॉफिट
कंपनी ने FY24 में 4.8 करोड़ रुपये का लॉस उठाया था। लेकिन, FY25 में इसने 70.6 करोड़ रुपये प्रॉफिट कमाया। FY25 में कंपनी का एडजस्टेड PAT 103 करोड़ रुपये था। यह FY24 में 21.4 करोड़ रुपये था। कंपनी का 60 फीसदी से ज्यादा रेवेन्यू इंटरनेशनल मार्केट्स से आता है। इससे फॉरेन मार्केट पर कंपनी के फोकस का पता चलता है। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज, एक्सिस कैपिटल, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स और आईआईएफएल इस इश्यू के बुक रनिंग लीड मैनेजर्स हैं।