एलआईसी के आईपीओ में आज बोली लगाने का आखिरी मौका है। यह इश्यू अब तक 1.93 गुना सब्सक्राइब हुआ है। यह आईपोओ ऐसे वक्त आया है, जब स्टॉक मार्केट पर काफी प्रेशर है। पिछले दो हफ्ते में मार्केट 5 फीसदी से ज्यादा गिर चुका है। यूक्रेन क्राइसिस खत्म नहीं हो रहा है। इंडिया में भी इंटरेस्ट रेट बढ़ गया है। इसके बावजूद एलआईसी का आईपीओ पूरी तरह सब्सक्राइब हो गया है। आज शाम तक इसके करीब 2.5 गुना तक सब्सक्राइब हो जाने की उम्मीद है।
क्या आपने इस आईपीओ में बोली लगाने से पहले यह तय किया है कि आपका मकसद लिस्टिंग गेंस है या आप लंबी अवधि के लिए पैसे लगा रहे हैं? पहले मार्केट एक्सपर्ट्स ने कहा था कि यह इश्यू उन इनवेस्टर्स के लिए भी अट्रैक्टिव है, जो सिर्फ लिस्टिंग गेंस यानी फटाफट मुनाफा कमाने के लिए इसमें पैसे लगा रहे हैं। लेकिन अब हालात बदल गए हैं। इश्यू खुलने के बाद से मार्केट का सेंटिमेंट अच्छा नहीं रहा है। इसका असर ग्रे मार्केट में एलआईसी के शेयरों के प्रीमियम पर पड़ा है।
इश्यू के आखिरी दिन यानी सोमवार को ग्रे मार्केट में एलआईसी के शेयर पर प्रीमियम घटकर सिर्फ 24 रुपये रह गया है। एक दिन पहले तक यह प्रीमियम 60 रुपये तक था। एक समय प्रीमियम करीब 100 रुपये पर पहुंच गया था। लेकिन, दुनिया भर के शेयर बाजारों में आई गिरावट का असर इंडियन मार्केट पर भी पड़ा है। यह कहा जा सकता है कि एलआईसी का IPO खराब वक्त पर ओपन हुआ है।
अब बाजार के जानकार इस इश्यू को लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट अपॉर्चुनिटी मान रहे हैं। उनका कहना है कि इनवेस्टर्स को इस इश्यू में लिस्टिंग गेंस के लिए इनवेस्ट नहीं करना चाहिए। उनका कहना है कि सरकार ने आईपीओ के लिए एलआईसी का वैल्यूएशन बहुत कम रखा है। इसलिए यह इश्यू अट्रैक्टिव है। मार्केट के खराब हालात के बावजूद लॉन्ग टर्म में इस शेयर के अच्छे परफॉर्मेंस को लेकर कोई संदेह नहीं है।
स्वस्तिका इनवेस्टमार्ट के हेड ऑफ रिसर्च संतोष मीणा ने कहा कि दूसरी इंश्योरेंस कंपनियों के मुकाबले एलआईसी की वैल्यूएशन कम है। इनवेस्टर्स को यह समझना चाहिए कि इंश्योरेंस लॉन्ग टर्म बिजनेस है। इसलिए उन्हें इस इश्यू में लॉन्ग टर्म के लिए इनवेस्ट करना चाहिए।