LIC IPO: आखिरकार लंबे इंतजार के बाद देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी LIC (लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) का IPO आज यानी बुधवार 4 मई से रिटेल निवेशकों के लिए खुल गया है। LIC हर भारतीय के लिए एक जाना-पहचाना नाम है और आज यह देश के इतिहास के सबसे बड़े IPO के साथ शेयर बाजार में कदम रख रही है।
LIC के IPO के लिए निवेशक 9 मई तक पैसा लगा सकते हैं। कंपनी ने अपने IPO के लिए 902-949 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड रखा है। एक शेयर की फेस वैल्यू 10 रुपये है। हालांकि इसके साथ ही LIC ने पॉलिसीहोल्डर्स को प्रति शेयर 60 रुपये और रिटेल इनवेस्टर्स को प्रति शेयर 45 रुपये का डिस्काउंट देने का ऐलान भी किया है।
न्यूनतम 14,235 रुपये करने होंगे निवेश
रिटेल निवेशक एलआईसी के आईपीओ के लिए लॉट के हिसाब से बोली लगा सकते हैं। एक लॉट में 15 शेयर होंगे। इसका मतलब है कि LIC IPO के लिए बोली लगाने वाले न्यूनतम 1 लॉट के लिए 14,235 रुपये (949*15) लगाने होंगे। निवेशक न्यूनतम एक और अधिकतम 14 लॉट के लिए बोली लगा सकते हैं।
सरकार बेच रही 3.5 फीसदी हिस्सेदारी
LIC IPO के जरिए सरकार इस कंपनी में अपनी 3.5 फीसदी हिस्सेदारी या 22.13 करोड़ शेयर बेच रही है और इससे उसे 21,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है। फिलहाल LIC की पूरी 100 फीसदी हिस्सेदारी सरकार के पास है और IPO के बाद सरकार की हिस्सेदारी इसमें घटकर 96.50 फीसदी पर आ जाएगी।
एंकर निवेशकों से मिला जबरदस्त रिस्पॉन्स
LIC पहले ही एंकर निवेशकों से करीब 5,000 करोड़ रुपये से अधिक रुपये जुटा चुकी है। कंपनी को एंकर निवेशकों से जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला था और यह एंकर इश्यू खुलने के कुछ ही घंटों में ओवर-सब्सक्राइब हो गया था।
LIC IPO का ग्रे मार्केट प्रीमियम
LIC के शेयर मंगलवार को ग्रे मार्केट में 85 रुपये या अपने 949 रुपये इश्यू प्राइस से करीब 10 फीसदी के प्रीमियम पर कारोबार कर थे। एलआईसी के शेयर स्टॉक एक्सचेंजों में 17 मई को लिस्ट होगा।
मोतीलाल ओसवाल एसेट मैनेजमेंट कंपनी के एसोसिएट डायरेक्टर एवं फंड मैनेजर मनीष सोंथालिया ने इस इश्यू को अट्रैक्टिव बताया है। उनका मानना है कि एलआईसी की जो वैल्यूएशन तय की गई है, उससे इनवेस्टर्स को लॉस होने का डर नहीं है। कई दूसरे एनालिस्ट्स ने भी इस इश्यू में पैसे लगाने की सलाह इनवेस्टर्स को दी है। ब्रोकरेज फर्म इनवेस्टमेंट्ज डॉट कॉम ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, "हमारा मानना है कि एलआईसी को अपने डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क का फायदा मिलेगा। फ्यूचर ग्रोथ में हाई-मार्जिन नॉन-पार्टिसिपेटिंग प्रोडक्ट्स का बड़ा हाथ हो सकता है।"