पेमेंट और आइडेंटिटी कार्ड बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी मणिपाल पेमेंट एंड आइडेंटिटी सॉल्यूशंस लिमिटेड (MPISL) ने अपने IPO की मदद से 1,200 करोड़ रुपये जुटाने का प्लान बनाया है। खबर है कि कंपनी ने कॉन्फिडेंशियल रूट से कैपिटल मार्केट रेगुलेटर SEBI के पास ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) जमा कर दिया है। कॉन्फिडेंशियल रूट कंपनियों को लिस्टिंग पर अंतिम फैसले पर पहुंचने तक गोपनीयता की सुविधा देता है। अगर जरूरी हो तो वे बाद में बाजार की स्थितियों के आधार पर महत्वपूर्ण जानकारी का खुलासा किए बिना ड्राफ्ट को वापस भी ले सकती हैं।
कॉन्फिडेंशियल प्री-फाइलिंग कंपनियों को सेंसिटिव बिजनेस डिटेल्स या फाइनेंशियल मेट्रिक्स और रिस्क्स को गोपनीय रखने की इजाजत देती है, खासकर कॉम्पिटीटर्स से। दूसरी ओर स्टैंडर्ड DRHP (ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस) फाइलिंग के बाद एक पब्लिक डॉक्युमेंट बन जाता है।
IPO में नए शेयरों के साथ-साथ OFS भी
IPO में नए शेयरों के साथ-साथ मौजूदा शेयरहोल्डर्स की ओर से ऑफर फॉर सेल भी रहेगा। गौतम पई परिवार के नेतृत्व में प्रमोटर्स के पास MPISL में 60 प्रतिशत हिस्सेदारी है। बाकी हिस्सेदारी नुवामा वेल्थ मैनेजमेंट सहित इंस्टीट्यूशनल और पब्लिक शेयरहोल्डर्स के पास है। IPO से कंपनी की वैल्यूएशन करीब 12,000 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है। कंपनी इसी वित्त वर्ष में IPO लाकर लिस्ट होना चाहती है।
मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र का कहना है, "प्रमोटर्स कंपनी की लिस्टिंग के बाद 51 प्रतिशत हिस्सेदारी बनाए रखने की सोच रहे हैं। IPO की इनकम में से एक बड़ा हिस्सा उनकी प्रमोटर लेवल की एंटिटीज में से एक के कर्ज को चुकाने में इस्तेमाल किया जाएगा।"
क्लाइंट्स में बैंक, फिनटेक फर्म और सरकारी विभाग भी शामिल
MPISL का एक बड़ा क्लाइंट बेस है, जिसे यह क्रेडिट, डेबिट, स्मार्ट और सरकार द्वारा जारी आईडी कार्ड की सप्लाई करती है। इसके क्लाइंट्स में बड़े सरकारी और प्राइवेट बैंक, फिनटेक फर्म और सरकारी विभाग शामिल हैं। इसकी मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटीज वीजा, मास्टरकार्ड और यूरोपे की ओर से सर्टिफाइड हैं। इतना ही नहीं इसका थाईलैंड में चैन वानिच सिक्योरिटी प्रिंटिंग और कोलंबिया में थॉमस ग्रेग एंड संस के साथ ग्लोबल टेक्निकल टाईअप है।
इससे पहले अप्रैल में खबर आई थी कि प्रमोटर एंटिटीज- मणिपाल टेक्नोलोजिज लिमिटेड और मणिपाल मीडिया नेटवर्क्स लिमिटेड ने MPISL में मिलकर 6 प्रतिशत हिस्सेदारी नुवामा को बेच दी। इसके अलावा 1.5 प्रतिशत हिस्सेदारी फैमिली ऑफिसेज के एक ग्रुप को बेची गई। इस हिस्सेदारी बिक्री से मिले पैसों से ब्लैकरॉक और हांगकांग स्थित एसेट मैनेजर SC Lowy का बकाया विदेशी मुद्रा कर्ज चुकाया जा रहा है।
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