Licious IPO: ऑनलाइन मीट और सीफूड बेचने वाली कंपनी लिशियस (Licious) की भी शेयर बाजार में जल्द ही एंट्री हो सकती है। कंपनी अपना इनीशियल पब्लिक ऑफर (IPO) लाने की तैयारी में जुट गई है। कंपनी का आईपीओ अगले साल 2026 में आ सकता है। आईपीओ से पहले कंपनी खुद को मुनाफे में लाने की कोशिशों में है। ब्लूमबर्ग ने एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। लिशियस में टेमसेक होल्डिंग्स सहित कई दिग्गज इनवेस्टमेंट फर्मों ने निवेश किया हुआ है।
लिशियस को चलाने वाली मूल कंपनी का नाम डीलाइटफुल गोरमेट प्राइवेट (Delightful Gourmet Pvt) है। कंपनी के सीईओ और को-फाउंडर विवेक गुप्ता ने बताया कि वे इस समय अधिक से अधिक ऑफलाइन स्टोर खोलने और क्विक कॉमर्स कंपनियों से मुकाबला करने के लिए डिलीवरी में तेजी ला रहे हैं। उन्होंने कहा कि कंपनी EBITDA के स्तर पर अगस्त तक मुनाफे में आने का लक्ष्य लेकर चल रही है। उन्होंने कहा, "हम अगले 12 महीनों में IPO के लिए तैयार कंपनी बनना चाहते हैं।"
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि लिशियस अपना आईपीओ 2 अरब डॉलर (करीब 17,300 करोड़ रुपये) से अधिक के वैल्यूएशन पर लाना चाहती है। ट्रैक्सन टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के डेटा से पता चलता है कि लिशियस ने आखिरी फंडिंग 2023 में उठाई थी और उस दौरान इसका वैल्यूएशन 1.5 अरब डॉलर लगाया गया था।
भारत के IPO मार्केट पिछले कुछ समय से काफी हलचल देखने को मिल रही है। 2024 का साल लिस्टिंग के लिए एक शानदार साल रहा था और इस दौरान कंपनियों ने आईपीओ के जरिए 20 अरब डॉलर से अधिक की रकम जुटाई थी।
बेंगलुरु मुख्यालय वाली लिशियस ने साल 2015 में शुरुआत की थी। कंपनी के निवेशकों में एवेंडस कैपिटल प्राइवेट और कोटक इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स भी शामिल हैं। गुप्ता और को-फाउंडर अभय हंजूरा ने आईपीओ प्रक्रिया के दौरान कंपनी की वैल्यूएशन के लक्ष्य पर कोई टिप्पणी नहीं की।
लिशियस की भारत के 20 शहरों में मौजूदगी है। यह चिकन, मटन, मछली और सीफूड्स के अलावा मसाले, स्प्रेड और रेडी-टू-ईट आइटम्स भी बेचती है।
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