Nephrocare Health Services IPO: डायलिसिस सेवा मुहैया कराने वाली देश की सबसे बड़ी चेन, नेफ्रोकेयर हेल्थकेयर सर्विसेज भी अब शेयर बाजार में आने की तैयारी कर रही है। मनीकंट्रोल को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, कंपनी अपने इनीशियल पब्लिक ऑफर (IPO) के लिए इस महीने के अंत तक डॉक्यूमेंट्स जमा करा सकती है। आईपीओ का साइज करीब 2,000 करोड़ रुपये हो सकता है। अगर यह आईपीओ आता है तो, यह देश की तेजी से बढ़ती डायलिसिस सेक्टर का पहला मेनबोर्ड आईपीओ होगा।
सूत्रों ने बताया कि कंपनी इस IPO से जुटाई गई रकम का इस्तेमाल ऑपरेशसं बढ़ाने, खासकर भारत और फिलीपींस में मिड-साइज डायलिसिस कंपनियों के अधिग्रहण में करेगी।
नेफ्रोकेयर हेल्थकेयर सर्विसेज का कंसॉलिडेटेड रेवेन्यू जून तिमाही में सालाना आधार पर 39 फीसदी बढ़कर 749.4 करोड़ रुपये रहा। वहीं EBITDA मार्जिन बेहतर होकर 22.5 फीसदी रहा। कंपनी का नेट लीवरेज घटकर 0.40x रहा और इंटरेस्ट कवरेज बढ़कर 8.04x पर पहुंच गया।
प्राइवेट इक्विटी फर्म क्वाड्रिया कैपिटल ने 2024 से नेफ्रोप्लस में 850 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इस निवेश के दौरान क्वाड्रिया कैपिटल ने इन्वेस्टकॉर्प, बेसेमर वेंचर पार्टनर्स, IFC और IIFL प्राइवेट इक्विटी से शेयर खरीदे थे।
कंपनी हर साल भारत में 70–75 नए सेंटर और फिलीपींस में 16 सेंटर जोड़ने की योजना पर काम कर रही है। कंपनी के पास सऊदी अरब में 51% हिस्सेदारी के साथ एक जॉइंट वेंचर भी है और यह इस इलाके में नए प्रोजेक्ट्स के लिए बोलियां भी लगा रही हैं।
सूत्रों ने बताया कि IPO को ICICI सिक्योरिटीज, IIFL कैपिटल सर्विसेज, नोमुरा, और एंबिट कैपिटल मैनेज करेंगे।
भारत का डायलिसिस बाजार 6.5% CAGR की दर से बढ़ रहा है और इसके साल 2030 तक $870 मिलियन तक पहुंचने का अनुमान है। NephroPlus संगठित डायलिसिस सेक्टर में 50% से अधिक बाजार हिस्सेदारी रखती है। कंपनी के पास लंबी अवधि के PPP कॉन्ट्रैक्ट्स और मैक्स हेल्थकेयर, फोर्टिस, मेंदाता जैसे हॉस्पिटल नेटवर्क के साथ साझेदारी है।
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