NSE के आईपीओ में आखिर क्यों हो रही देर, कब तक आएगा इंडिया के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज का इश्यू?

NSE ने पहली बार दिसंबर 2016 में SEBI को आईपीओ के लिए अप्लिकेशन भेजा था। लेकिन, अगले साल मई में सेबी ने इस आईपीओ पर ब्रेक लगा दिया। एनएसई की लगातार कोशिशों के बावूजद सेबी ने उसके आईपीओ को मंजूरी नहीं दी है

अपडेटेड Jun 03, 2025 पर 3:00 PM
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एनएसई के शेयर NSE पर लिस्ट नहीं होंगे। सेबी के नियमों के मुताबिक, किसी स्टॉक एक्सचेंज के शेयर खुद अपने एक्सचेंज पर लिस्ट नहीं हो सकते।

इनवेस्टर्स काफी समय से नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के आईपीओ का इंतजार कर रहे हैं। एनएसई भी जल्द आईपीओ पेश करने के लिए पूरी कोशिश कर रहा है। अनलिस्टेड मार्केट में एनएसई के शेयरों की कीमतों में तेजी देखने को मिली है। लेकन, सेबी जब तक पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हो जाएगा, वह एनएसई के आईपीओ को मंजूरी नहीं देगा। सेबी की एक बड़ी चिंता एनएसई से जुड़ा को-लोकेशन का मामला रहा है। यह मामला काफी समय से पेंडिंग है। इसके अलावा सेबी एनएसई के टेक्नोलॉजी से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर चिंता जता चुका है। इसके अलावा ऑपरेशन और गवर्नेंस से जुड़े मसलों का भी अभी समाधान नहीं हो पाया है।

को-लोकेशन मामले की चल रही जांच

NSE के को-लोकेशन मामले की जांच अब भी चल रही है। सीबीआई, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट और सेबी इस मामले की जांच कर रहे हैं। इस मामले में एनएसई के कुछ अधिकारियों और कुछ ब्रोकरेज फर्मों की भूमिका की जांच की जा रही है। सेबी की दूसरी चिंता एनएसई के टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी है। रेगुलेटर बार-बार होने वाली तकनीकी गड़बड़ी को लेकर फिक्रमंद है। वह जानना चाहता है कि एनएसई इन गड़बड़ियों को दूर करन के लिए क्या कर रहा है।


क्लियरिंग फर्म को स्वतंत्र बनाना चाहता है सेबी

सेबी का यह भी मानना है कि क्लियरिंग फर्मों को स्वतंत्र रूप से ऑपरेट करना चाहिए। उसका मानना है कि एनएसई को अपनी क्लियरिंग इकाई के इकोनॉमिक स्ट्रक्चर की जांच करनी चाहिए। इसके अलावा सेबी एनएसई में एक पूर्ण-कालिक बोर्ड चेयरमैन की नियुक्ति के पक्ष में है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि जब तक इन मसलों का समाधान नहीं हो जाता है, सेबी के आईपीओ को मंजूरी देने की उम्मीद कम है। हालांकि, एनएसई भी इन मसलों का जल्द समाधान चाहता है।

एनएसई ने पहली बार 2016 में भेजा था अप्लिकेशन

NSE ने पहली बार दिसंबर 2016 में SEBI को आईपीओ के लिए अप्लिकेशन भेजा था। लेकिन, अगले साल मई में सेबी ने इस आईपीओ पर ब्रेक लगा दिया। उसने 2019 में एनएसई की अप्लिकेशन वापस कर दिया। उसने एनएसई को को-लोकेशन मामले के समाधान के बाद ही आईपीओ के लिए नया अप्लिकेशन फाइल करने को कहा। तब से एनएसई आईपीओ के लिए सेबी की मंजूरी हासिल करने की कोशिश कई बार कर चुका है। उसने इस साल भी 28 मार्च को इस मामले में सेबी को एप्रोच किया।

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सिर्फ BSE में लिस्ट होंगे एनएसई के शेयर

सवाल है कि आखिर NSE का शेयरों की लिस्टिंग कब होगी? पहली बात यह कि एनएसई के शेयर NSE पर लिस्ट नहीं होंगे। सेबी के नियमों के मुताबिक, किसी स्टॉक एक्सचेंज के शेयर खुद अपने एक्सचेंज पर लिस्ट नहीं हो सकते। इसका मतलब है कि एनएसई के शेयर BSE पर लिस्ट होंगे। BSE एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है। यह बीएसई की प्रतिद्वंद्वी भी है। इस बीच लिस्टिंग की उम्मीद में एनएस के शेयरों में अच्छी तेजी आई है। एनएसई लिस्ट होने के बाद इंडिया की सबसे बड़ी 10 कंपनियों में शामिल होगा।

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