Lenskart IPO: आईवियर रिटेलर लेंसकार्ट सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड (Lenskart) नवंबर 2025 की शुरुआत में शेयर बाजार में लिस्ट होने की तैयारी में है। कंपनी की नजर 9 अरब डॉलर की वैल्यूएशन पर है। ब्लूमबर्ग के मुताबिक, लेंसकार्ट के IPO से इसके फाउंडर पीयूष बंसल डॉलर टर्म में अरबपति बनने के करीब पहुंच सकते हैं। या हो सकता है कि वह अरबपति बन ही जाएं। बंसल ने लिंक्डइन पर मिले पार्टनर्स की मदद से 15 साल पहले इस कंपनी को शुरू किया था। अब इसका अरबों डॉलर का बिजनेस है।
ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के मुताबिक, IPO में अपने शेयरों का एक छोटा सा हिस्सा बेचने के बाद पीयूष बंसल को लगभग 80 करोड़ डॉलर मिलेंगे। अगर लेंसकार्ट के शेयर शुरुआत में ही लगभग 25% बढ़ जाते हैं, तो यह अमाउंट 1 अरब डॉलर (करीब 8793 करोड़ रुपये) को पार कर सकता है। लेंसकार्ट को साल 2008 में पीयूष बंसल, अमित चौधरी, नेहा बंसल और सुमीत कपाही ने शुरू किया था। पीयूष बंसल, रिएलिटी शो शार्क टैंक इंडिया में जज के तौर पर देखे जा चुके हैं।
Lenskart भारत का सबसे बड़ा ओम्नी-चैनल आईवियर ब्रांड
लेंसकार्ट भारत के सबसे बड़े ओम्नी-चैनल आईवियर ब्रांड के रूप में विकसित हुई है। यह ऑनलाइन तो मौजूद है ही, साथ ही मार्च 2025 तक इसके भारत भर में, मध्य पूर्व और दक्षिण पूर्व एशिया जैसे बाजारों में 2,723 स्टोर थे। लेंसकार्ट ने भारत में रोबोटिक प्रोडक्शन के जरिए अपनी एक अलग पहचान बनाई है। इसके लिए जर्मनी से इंपोर्ट की गई मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है। लेंसकार्ट ने रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (RoC) के पास जमा की गई रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा था कि IPO के तहत 2150 करोड़ रुपये (लगभग 25 करोड़ डॉलर) के नए शेयर जारी होंगे। साथ ही मौजूदा निवेशक ऑफर फॉर सेल के जरिए शेयरों को बेचेंगे।
FY25 प्रॉफिट वाला पहला साल
वित्त वर्ष 2024-25 में कंपनी ने पहली बार फुल ईयर प्रॉफिट देखा। लेंसकार्ट में जापान के सॉफ्टबैंक के पास 15% हिस्सेदारी है। इस साल की शुरुआत में निवेशक फिडेलिटी मैनेजमेंट एंड रिसर्च ने लेंसकार्ट की वैल्यूएशन 6.1 अरब डॉलर आंकी थी। लेंसकार्ट अपने प्रोडक्ट्स के लिए फ्रेम, मोल्ड और कच्चे माल जैसी चीजों के लिए एक-तिहाई से ज्यादा खरीद के लिए चीन पर निर्भर है। इस निर्भरता के कारण कंपनी चीन की सप्लाई-चेन में उतार-चढ़ाव से प्रभावित हो सकती है। टैरिफ या निर्यात प्रतिबंध डिलीवरी को प्रभावित कर सकते हैं और मार्जिन को कम कर सकते हैं।
पीयूष बंसल कनाडा के मॉन्ट्रियल में स्थित मैकगिल यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट हैं। भारत लौटने से पहले उन्होंने वॉशिंगटन में माइक्रोसॉफ्ट कॉरपोरेशन में अपने करियर की शुरुआत की थी। उनका पहला वेंचर स्टूडेंट हाउसिंग प्लेटफॉर्म था। बाद में हरियाणा के फरीदाबाद में एक छोटे से ऑफिस से उन्होंने और लिंक्डइन पर मिले 3 सहयोगियों ने लेंसकार्ट को शुरू किया। कंपनी अब लेंस डिजाइन और निर्माण से लेकर लास्ट-माइल डिलीवरी तक, अपनी वैल्यू चेन की लगभग हर कड़ी को कंट्रोल करती है।
IPO के पैसों का कैसे होगा इस्तेमाल
लेंसकार्ट अपने IPO में नए शेयरों को जारी कर हासिल होने वाली इनकम का इस्तेमाल भारत भर में नए स्टोर खोलने, टेक्नोलॉजी और आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस क्षमताओं में निवेश करने, खरीद करने और सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्यों के लिए करेगी। लेंसकार्ट साउथ ईस्ट एशिया में विस्तार कर रही है। अब कंपनी के रेवेन्यू का लगभग 40% हिस्सा भारत के बाहर से आता है। इसका अगला बड़ा दांव स्मार्ट आईवियर हैं।