SEBI: बड़े आईपीओ में रिटेल इनवेस्टर्स का कोटा घट सकता है, जानिए क्या है सेबी का प्लान

SEBI: सेबी ने बड़े आईपीओ के स्ट्रक्चर में बदलाव का प्लान बनाया है। उसने इस बारे में 31 जुलाई को एक प्रस्ताव पेश किया है। इसे रेगुलेटर की वेबसाइट पर पब्लिश किया गया है। इस प्रस्ताव पर 21 अगस्त तक राय दी जा सकती है

अपडेटेड Aug 01, 2025 पर 10:34 AM
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सेबी ने एंकर इनवेस्टर्स की तय संख्या बढ़ाने का भी प्रस्ताव दिया है।

सेबी ने बड़े साइज के आईपीओ के स्ट्रक्चर में बदलाव का प्लान बनाया है। रेगुलेटर ने इस बारे में 31 जुलाई को एक प्रस्ताव पेश किया। इसमें संस्थागत इनवेस्टर्स के लिए ऐलोकेशन लिमिट बढ़ाने और रिटेल इनवेस्टर्स के लिए ऐलोकेशन लिमिट घटाने का भी प्रस्ताव शामिल है। रेगुलेटर ने आईपीओ से जुड़ी गतिविधियां बढ़ने के बीच यह प्लान बनाया है।

यह प्रस्ताव सिर्फ बड़े आईपीओ के लिए

SEBI ने यह पाया है कि जहां आईपीओ का औसत साइज बढ़ रहा है, लेकिन रिटेल पार्टिसिपेशन पिछले तीन साल से स्थिर बना हुआ है। यह ध्यान में रखना जरूरी है कि सेबी का यह प्रस्ताव सिर्फ बड़े आईपीओ के लिए है। 5000 करोड़ रुपये से ज्यादा के आईपीओ को बड़ा आईपीओ माना गाया है।


बड़े आईपीओ में नहीं बढ़ रहा रिटेल इनवेस्टर्स का पार्टिसिपेशन

SEBI के मुताबिक, खासकर बड़े साइज के आईपीओ में रिटेल पार्टिसिपेशन में इजाफा देखने को नहीं मिला है। रेगुलेटर ने इस बारे में एक कंसल्टेशन पेपर अपनी वेबसाइट पर पब्लिश किया है। इसमें कहा गया है कि 5,000 करोड़ रुपये से ज्यादा अमाउंट के IPO में रिटेल इनवेस्टर्स के लिए ऐलोकेशन की लिमिट घटाकर 25 फीसदी की जा सकती है। अभी यह लिमिट 35 फीसदी है। दूसरी तरफ संस्थागत खरीदारों के लिए ऐलोकेशन लिमिट बढ़ाकर 60 फीसदी की जा सकती है। अभी यह लिमिट 50 फीसदी है। यह बदलाव चरणबद्ध तरीके से लागू होगा।

रिटेल कैटेगरी में औसत अप्लिकेशन साइज 20,000 रुपये

सेबी ने यह बताया है कि साल 2020 से आए 280 कंपनियों के आईपीओ के डेटा को देखने से पता चलता है कि रिटेल ऐलोकेशन के वर्तमान तरीके में रिटेल कैटेगरी में अप्लिकेशन का औसत साइज करीब 20,000 रुपये है। इसका मतलब है कि 5000 करोड़ रुपये के आईपीओ में रिटेल कैटेगरी के भरने यानी कम से कम एक गुना सब्सिक्रिप्शन के लिए 7-8 लाख अप्लिकेशन जरूरी होंगे। अगर आईपीओ 10,000 करोड़ रुपये का है तो 17.50 लाख अप्लिकेशंस जरूरी होंगे।

एंकर इनवेस्टर्स की संख्या बढ़ाने का भी प्लान

सेबी ने एंकर इनवेस्टर्स की तय संख्या बढ़ाने का भी प्रस्ताव दिया है। इससे कई फंड्स मैनेज करने वाले बड़े फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स का पार्टिसिपेशन आईपीओ में बढ़ेगा। इसके अलावा एंकर इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व कैटेगरी में म्यूचुअल फंड्स के अलावा इंश्योरेंस कंपनियों और पेंशन फंडों को भी शामिल किया जा सकता है। एंकर इनवेस्टर कैटेगरी में इंश्योरेंस कंपनियों, पेंशन फंडों और घरेलू म्यूचुअल फंडों के रिजर्वेशन को 30 फीसदी से बढ़ाकर 40 फीसदी किया जा सकता है। इसमें से एक तिहाई-हिस्सा म्यूचुअल फंडों के लिए रिजर्व रहेगा। 7 फीसदी हिस्सा इंश्योरेंस कंपनियों और पेंशन फंडों के लिए होगा।

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सेबी के प्रस्ताव पर 21 अगस्त तक दी जा सकती है राय

सेबी के इस प्रस्ताव पर 21 अगस्त तक राय दी जा सकती है। यह ध्यान में रखना जरूरी है कि सेबी ने अभी सिर्फ प्रस्ताव पेश किया है और इस पर मसले से जुड़े लोगों की राय मांगी है। सेबी प्रस्ताव पर राय मिलने के बाद उन पर विचार करेगा। फिर, इस बारे में फाइनल रूल्स एंड रेगुलेशंस पेश करेगा। सेबी पर सेकेंडरी मार्केट और प्राइमरी मार्केट के लिए नियम और शर्तें तय करने की जिम्मेदारी है।

Rakesh Ranjan

Rakesh Ranjan

First Published: Aug 01, 2025 9:30 AM

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