Tolins Tyres IPO: केरल की रबर और टायर कंपनी टॉलिन्स टायर्स का 230 करोड़ रुपये का आईपीओ आज सब्सक्रिप्शन के लिए खुल गया है। इस आईपीओ को खुदरा निवेशकों का शानदार रिस्पांस मिल रहा है और उनके लिए आरक्षित हिस्सा फटाफट पूरा भर गया। अब ग्रे मार्केट में बात करें तो इसके शेयर आईपीओ के अपर प्राइस बैंड से 25 रुपये यानी 11.06% की GMP (ग्रे मार्केट प्रीमियम) पर हैं। इश्यू खुलने से पहले यह 30 रुपये की जीएमपी पर था। हालांकि मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक ग्रे मार्केट से मिले संकेतों की बजाय कंपनी के फंडामेंटल्स और फाइनेंशियल्स के आधार पर ही निवेश से जुड़ा फैसला लेना चाहिए। इससके आईपीओ के लिए प्राइस बैंड ₹215-₹226 है।
कैटेगरीवाइज सब्सक्रिप्शन की स्थिति
क्वालिफाईड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB)- 0.12 गुना
रिटेल इनवेस्टर्स- 3.16 गुना
(सोर्स: बीएसई, 09 Sep 2024)
Tolins Tyres IPO की डिटेल्स
टॉलिन्स टायर्स का ₹230.00 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 11 सितंबर तक खुला रहेगा। इसके आईपीओ में ₹215-₹226 के प्राइस बैंड और 66 शेयरों के लॉट में पैसे लगा सकते हैं। आईपीओ के तहत शेयरों का अलॉटमेंट 12 सितंबर को फाइनल होगा। फिर BSE और NSE पर 16 सितंबर को एंट्री होगी। इश्यू का रजिस्ट्रार कैमियो कॉरपोरेट सर्विसेज है। इस आईपीओ के तहत 200.00 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी होंगे। इसके अलावा 5 रुपये की फेस वैल्यू वाले 13,27,434 शेयरों की ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत बिक्री होगी। ऑफर फॉर सेल का पैसा तो शेयर बेचने वाले शेयरहोल्डर्स को मिलेगा। वहीं नए शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल कर्ज चुकाने, लॉन टर्म वर्किंग कैटिल की बढ़ी हुई जरूरतों को पूरा करने, पूर्ण मालिकाना हक वाली टॉलिन रबर्स में निवेश और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में होगा। इसकी सब्सिडियरी आईपीओ के पैसों से कर्ज चुकाएगी।
वर्ष 2003 में बनी टॉलिन्स टायर्स टायर बनाती है जिसकी बिक्री न सिर्फ भारत में होती है बल्कि 40 से अधिक देशों को निर्यात भी होता है। इसके कारोबार को दो भागों में बांटा जा सकता है- एक तो टायर बनाने का और दूसरा ट्रीड रबर बनाने का। मार्च 2024 तक के आंकड़ों के मुताबिक देश भर में इसके 8 डिपो और 3737 डीलर्स हैं। इसकी तीन मैनुफैक्चरिंग फैसिलिटीज हैं जिसमें से दो तो केरल में हैं और तीसरा यूएई में। टायर कैटेगरी में इसके पास 163 स्टॉक कीपिंग यूनिट्स (SKUs) और ट्रीड रबर कैटेगरी में 1003 एसकेयूज हैं। कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो वित्त वर्ष 2024 में इसे 26.01 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा और 228.69 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल हुआ। इस पर 78.77 करोड़ रुपये का कर्ज है। कंपनी के रेवेन्यू में निर्यात की हिस्सेदारी करीब 5 फीसदी है और ट्रीड रबर बिजनेस की 75 फीसदी है।
आईपीओ पर एक्सपर्ट्स का क्या है रुझान?
एसएमसी ग्लोबल का कहना है कि जो निवेशक अधिक रिस्क उठा सकते हैं, वे इस कंपनी की तेज ग्रोथ की गुंजाइश को देखते हुए पैसे लगा सकते हैं। ब्रोकरेज का कहना है कि टायर मैनुफैक्चरिंग इंडस्ट्री को नेचुरल रबर और कार्बन ब्लैक जैसे कच्चे माल के सीमित सप्लायर के चलते चुनौतियां का सामना करना पड़ रहा है। प्राइस बैंड के अपर प्राइस के हिसाब से यह इश्यू वित्त वर्ष 2024 के EPS (प्रति शेयर कमाई) ₹8.48 के मुकाबले 26.64 गुने भाव पर है।
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