Swiggy IPO GMP: फूड डिलीवर करने वाली कंपनी स्विगी का आईपीओ 6 नवंबर को सब्सक्रिप्शन के लिए खुलने वाला है। आईपीओ से ठीक पहले नेगेटिव मार्केट सेंटीमेंट के बीच इसके ग्रे मार्केट प्रीमियम यानी GMP में सुस्ती देखने को मिल रही है। कंपनी का इरादा पब्लिक इश्यू के जरिए 11327 करोड़ रुपये जुटाने का है। इश्यू के लिए प्रति शेयर 371-390 रुपये का प्राइस बैंड तय किया गया है। निवेशकों के पास इसमें 8 नवंबर तक निवेश का मौका रहेगा। एंकर निवेशकों के लिए यह आईपीओ 5 नवंबर को खुलेगा।
Swiggy IPO का लेटेस्ट GMP
स्विगी आईपीओ को ग्रे मार्केट में कुछ खास रिस्पॉन्स नहीं मिल रहा है। आईपीओ खुलने से पहले आज 4 नवंबर को यह पब्लिक इश्यू महज 20 रुपये के प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा है। इस हिसाब से कंपनी के शेयरों की लिस्टिंग 410 रुपये के भाव पर हो सकती है। अगर ऐसा होता है तो निवेशकों को 5.13 फीसदी की मुनाफा होगा। हालांकि, ध्यान रहे कि ग्रे मार्केट की स्थिति लगातार बदलती रहती है।
Swiggy के आईपीओ का 75 फीसदी हिस्सा क्वालिफाईड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB), 15 फीसदी नॉन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स और 10 फीसदी खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित रहेगा। आईपीओ के तहत शेयरों का अलॉटमेंट 11 नवंबर को फाइनल होगा। फिर BSE और NSE पर 13 नवंबर को एंट्री होगी। इश्यू का रजिस्ट्रार लिंक इनटाइम है। इस आईपीओ के तहत 4,499.00 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी होंगे। इसके अलावा 6,828.43 करोड़ रुपये के शेयरों की ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत बिक्री होगी।
ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत एस्सेल इंडिया, अपोलेटो एशिया, अल्फा वेव वेंचर्स, Coatue पीई एशिया, डीएसटी यूरोएशिया, एलीवेशन कैपिटल, इंस्पायर्ड एलाइट इंवेस्टमेंट्स, एमआईएच इंडिया फूड होल्डिंग्स, नॉर्वेस्ट वेंचर पार्टनर्स और टेनसेंट क्लाउड यूरोप शेयर बेंचेगे। प्रोसुस की सहयोगी कंपनी एमआईएच इंडिया फूड होल्डिंग्स इसकी सबसे बड़ी शेयरहोल्डर है और इसके पास 30.93 फीसदी होल्डिंग है।
इसके अलावा सॉफ्टबैंक ग्रुप के SVF II SONGBIRD (DE) LLC की 7.75 फीसदी, एस्सेल इंजिया की 4.71 फीसदी और टेनसेंट क्लाउड की 3.64 फीसदी हिस्सेदारी है। कंपनी के एमडी और ग्रुप सीईओ श्रीहर्ष मजेती की इसमें 5.36 फीसदी के साथ-साथ को-फाउंडर और पूर्णकालिक निदेशक, हेड ऑफ इनोवेशन लक्ष्मी नंदन रेड्डी ओबुल की 1.75 फीसदी हिस्सेदारी है।
स्विगी और जोमैटो में कौन सा शेयर बेहतर?
स्टॉक्सबॉक्स की रिसर्च एनालिस्ट आकृति मेहरोत्रा के मुताबिक, साइज, प्रॉफिट और बेहतर ग्रोथ इंडिकेटर्स के मामले में जोमैटो की स्थिति बेहतर है। उन्होंने कहा, ' जोमैटो की मार्केट में बड़ी हिस्सेदारी है और उसकी ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू सीएजीआर 23 पर्सेंट है, जबकि स्विगी का यह आंकड़ा 15.5 पर्सेंट है। हालांकि, स्विगी में विस्तार के लिए गुंजाइश है, लेकिन यह साफ नहीं है कि जोमैटो की बराबरी करने के लिए वह अपने संसाधनों का किस तरह इस्तेमाल करेगी।'
मेहरोत्रा का मानना है कि मीडियम टर्म में जोमैटो निवेश के लिए ज्यादा आकर्षक विकल्प है। हालांकि, स्विगी सफलतापूर्वक IPO की अपनी प्रक्रिया पूरी करती है और सही ग्रोथ स्ट्रैटेजी पर चलती है, तो वह जोमैटो के लिए चुनौती पैदा कर सकती है। एक और एक्सपर्ट अंशुल जैन के मुताबिक, प्रॉफिट के मामले में जोमैटो की स्थिति ज्यादा बेहतर है। उन्होंने निवेशकों को स्विगी के IPO के बजाय जोमैटो के शेयरों को चुनने की सलाह दी।
कैसा है स्विगी का फाइनेंशियल
कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो वित्त वर्ष 2024 में इसका घाटा 4,179.3 करोड़ रुपये से गिरकर 2,350.2 करोड़ रुपये पर आ गया। इस दौरान कंपनी का ऑपरेशनल रेवेन्यू 36 फीसदी बढ़कर 11,247.4 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। चालू वित्त वर्ष की बात करें तो जून तिमाही में कंपनी का घाटा सालाना आधार पर 564 करोड़ रुपये से बढ़कर 611 करोड़ रुपये पर पहुंच गया लेकिन रेवेन्यू 35 फीसदी बढ़कर 3,222.2 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।