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स्विगी बनाम जोमैटो: क्या आपको स्विगी के IPO के लिए अप्लाई करना चाहिए?

ऑनलाइन फूड एंड ग्रोसरी डिलीवरी कंपनी स्विगी की शेयर बाजार में एंट्री 6 नवंबर को होगी। कंपनी का इरादा IPO के जरिये तकरीबन 11,327.43 करोड़ रुपये जुटाना है। स्विगी के IPO में 4,499 करोड़ रुपये के 11.54 करोड़ इक्विटी शेयर होंगे, जबकि ऑफर फॉर सेल (OFS) के तहत 6,828.43 करोड़ रुपये के शेयरों 17.51 करोड़ शेयरों की बिक्री की जाएगी

अपडेटेड Nov 04, 2024 पर 5:32 PM
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स्विगी के IPO का प्राइस बैंड 371 रुपये से 390 रुपये प्रति शेयर है।

ऑनलाइन फूड एंड ग्रोसरी डिलीवरी कंपनी स्विगी की शेयर बाजार में एंट्री 6 नवंबर को होगी। कंपनी का इरादा IPO के जरिये तकरीबन 11,327.43 करोड़ रुपये जुटाना है। स्विगी के IPO में 4,499 करोड़ रुपये के 11.54 करोड़ इक्विटी शेयर होंगे, जबकि ऑफर फॉर सेल (OFS) के तहत 6,828.43 करोड़ रुपये के शेयरों 17.51 करोड़ शेयरों की बिक्री की जाएगी।

स्विगी के IPO का प्राइस बैंड 371 रुपये से 390 रुपये प्रति शेयर है और इस हिसाब से कंपनी के IPO की वैल्यू 11.3 अरब डॉलर है, जो 2022 में कंपनी के फंडिंग के दौरान की वैल्यूएशन से थोड़ा सा ज्यादा है। शेयर बाजार पर नजर रखने वाले एक्सपर्ट्स स्विगी और उसकी लिस्टेड इकाई जोमैटो की तुलना कर रहे हैं। जोमैटो की लिस्टिंग जुलाई 2021 में हुई थी और उस वक्त उसका मार्केट कैपिटल 13 अरब डॉलर (तकरीबन 1.07 लाख करोड़ रुपये) था। लिस्टिंग के बाद से जोमैटो का मार्केट कैपिटल दोगुने से भी ज्यादा बढ़ गया है और नवंबर 2024 में यह 25 अरब डॉलर (2.14 लाख करोड़ रुपये) पर पहुंच गया।

जोमैटो मार्केट में अपना दबदबा स्थापित कर मुनाफे में आ चुकी है, जबकि स्विगी को पिछले तीन वित्त वर्ष से नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। वैल्यूएशन के मामले में भी जोमैटो की स्थिति बेहतर है और फूड डिलीवरी सेगमेंट में एवरेज ग्रॉस वैल्यू (AOV), ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू (GOV) और मुनाफे के मामले में यह स्विगी से आगे है।


अब निवेशकों को यह लग सकता है कि उन्हें स्विगी के IPO के लिए अप्लाई करना चाहिए या जोमैटो के शेयर खरीदने चाहिए, जिसने हाल में काफी बेहतर परफॉर्मेंस रही है।

स्विगी बनाम जोमैटो: क्या खरीदें?

स्टॉक्सबॉक्स की रिसर्च एनालिस्ट आकृति मेहरोत्रा के मुताबिक, साइज, प्रॉफिट और बेहतर ग्रोथ इंडिकेटर्स के मामले में जोमैटो की स्थिति बेहतर है। उन्होंने कहा, ' जोमैटो की मार्केट में बड़ी हिस्सेदारी है और उसकी ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू सीएजीआर 23 पर्सेंट है, जबकि स्विगी का यह आंकड़ा 15.5 पर्सेंट है। हालांकि, स्विगी में विस्तार के लिए गुंजाइश है, लेकिन यह साफ नहीं है कि जोमैटो की बराबरी करने के लिए वह अपने संसाधनों का किस तरह इस्तेमाल करेगी।'

मेहरोत्रा का मानना है कि मीडियम टर्म में जोमैटो निवेश के लिए ज्यादा आकर्षक विकल्प है। हालांकि, स्विगी सफलतापूर्वक IPO की अपनी प्रक्रिया पूरी करती है और सही ग्रोथ स्ट्रैटेजी पर चलती है, तो वह जोमैटो के लिए चुनौती पैदा कर सकती है। एक और एक्सपर्ट अंशुल जैन के मुताबिक, प्रॉफिट के मामले में जोमैटो की स्थिति ज्यादा बेहतर है। उन्होंने निवेशकों को स्विगी के IPO के बजाय जोमैटो के शेयरों को चुनने की सलाह दी।

जोमैटो स्टॉक प्राइस

जोमैटो के शेयरों में हाल में काफी दबाव देखने को मिला है। हालांकि, इसने लिस्टिंग के बाद से बेहतर रिटर्न दिया है। पिछले एक महीने में कंपनी के शेयरों में 11 पर्सेंट से ज्यादा की गिरावट है। हालांकि, इस साल अब कंपनी के शेयरों में 95% से ज्यादा का उछाल है।

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