पीएल कैपिटल ने केनरा रोबेको एसेट मैनेजमेंट कंपनी के शेयरों को कवर करना शुरू किया है। उसने शेयरों को खरीदने की सलाह दी है। एएमसी के शेयर 16 अक्टूबर को स्टॉक मार्केट में लिस्ट होंगे। ब्रोकरेज फर्म ने शेयर के लिए 320 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है। इसका मतलब है कि इश्यू प्राइस से यह स्टॉक 20 फीसदी से ज्यादा चढ़ सकता है।
ब्रोकरेज फर्म ने शेयरों को खरीदने की दी सलाह
PL Capital ने कहा है कि उसने Canara Robeco AMC के शेयरों को कवर करना शुरू किया है। उसने इस शेयर को खरीदने की सलाह दी है, क्योंकि उसे कंपनी के लिए बेहतर कारोबारी संभावनाएं दिख रही हैं। इक्विटी में इसका प्रदर्शन बेहतर रहा है। इक्विटी की 90 फीसदी हिस्सेदारी है, जिससे इसकी कोर अर्निंग्स ज्यादा रह सकती है। टेलीस्कोपिंग प्राइसिंग का इक्विटी यील्ड पर सीमित असर पड़ेगा।
प्रतिद्वंद्वी एएमसी के मुकाबले बेहतर अर्निंग्स ग्रोथ
ब्रोकरेज फर्म ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, "FY25-28 के दौरान कोर अर्निंग्स की सीएजीआर 17 फीसदी रहने की उम्मीद है। यह दूसरी लिस्टेड एएमसी से बेहतर है। केनरा रोबेको के शेयरों के 266 रुपये के अपर बैंड से इसकी वैल्यूएशन सितंबर 2027 की कोर ईपीएस का 19.6 गुना आती है। यूटीआई एएमसी की वैल्यूएशन 16.7 गुना और आदित्य बिड़ल सनलाइफ एएमसी की 22.7 गुना है। यह एनएएम में 42.5 फीसीद डिस्काउंट है। हमारे 24 गुना मल्टीपल के अनुमान से टारगेट प्राइस 320 रुपये आता है।"
केनरा बैंक की सब्सिडियरी होने से मिलते हैं कई फायदे
ब्रोकरेज फर्म ने यह भी कहा है कि केनरा रोबेको एएमसी केनरा बैंक की सब्सिडियरी है। इसे केनरा बैंक के बड़े ब्रांच नेटवर्क का फायदा मिलता है। केनरा बैंक के रिटेल कस्टमर बेस का भी फायदा मिलता है। इससे एएमसी को देशभर में अपने म्यूचुअल फंड्स प्रोडक्ट्स बेचने में आसानी होगी। लिस्टिंग से पहले ग्रे मार्केट में केनरा रोबेको के शेयरों पर करीब 6 फीसदी प्रीमियम चल रहा था। यह दिन पहले चल रहे 4 फीसदी प्रीमियम से ज्यादा है। लेकिन आईपीओ खुलने से पहले चल रहे 13 फीसदी प्रीमियम से कम है।
आईपीओ को मिला था निवेशकों का अच्छा रिस्पॉन्स
केनरा रोबेको एएमसी के आईपीओ में निवेशकों ने अच्छी दिलचस्पी दिखाई थी। यह आईपीओ 9 अक्टूबर को खुला था। यह 13 अक्टूबर को बंद हो गया। इसका प्राइस बैंड 253-266 रुपये था। यह इश्यू करीब 10 गुना सब्सक्राइब हुआ था। 1,326 करोड़ रुपये का यह इश्यू पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) था। इसका मतलब है कि आईपीओ से मिला पैसा कंपनी के पास नहीं जाएगा। यह कंपनी के प्रमोटर्स के पास जाएगा। इस एएमसी में केनरा बैंक की 51 फीसदी हिस्सेदारी है। बाकी हिस्सेदारी ओरिक्स कॉर्पोरेशन की है।