Lenskart IPO: डी-मार्ट (D-Mart) की पैरेंट कंपनी एवेन्यू सुपरमार्ट्स (Avenue Supermarts) के फाउंडर राधाकिशन दमानी (Radhakishan Damani) और एसबीआई म्यूचुअल फंड (SBI Mutual Fund) आईवियर रिटेलर लेंसकार्ट में निवेश कर सकते हैं। मनीकंट्रोल को यह जानकारी सूत्रों के हवाले से मिली है। जानकारी के मुताबिक दोनों आईपीओ लाने की तैयारी में जुटी लेंसकार्ट में ₹100-₹100 करोड़ डाल सकते हैं। यह निवेश सेकंडरी शेयर पर्चेज के जरिए होगा। एसबीआई म्यूचुअल फंड के लिए अर्बन कंपनी (Urban Company) के बाद यह दूसरी बार होगा, जब यह नए दौर की कंज्यूमर इंटरनेट कंपनी में निवेश करेगा।
लेंसकार्ट के आईपीओ की बात करें तो इसे बाजार नियामक SEBI की मंजूरी मिल चुकी है। इसके तहत ₹2150 करोड़ के नए शेयरों को जारी करने की योजना है और साथ ही करीब 13.2 करोड़ शेयरों की ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत बिक्री हो सकती है। जानकारी के मुताबिक नए शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल कंपनी अपने खुद के नए स्टोर्स खोलने, टेक्नोलॉजी इंफ्रा अपग्रेड करने, ब्रांड मार्केटिंग मजबूत करने और अधिग्रहण में करेगी।
मार्की निवेशकों को क्यों भा रहा Lenscart?
दमानी और एसबीआई म्यूचुअल फंड की लेंसमार्कट में निवेश की योजना से संकेत मिल रहा है कि मार्की इंवेस्टर्स यानी कि हाई-प्रोफाइल इंवेस्टर्स को लेंसकार्ट में दिलचस्पी बढ़ रही है। यह देश की उन कुछ कंपनियों में से एक है जो इंटरनेट पर आधारित कंज्यूमर कंपनियों में मुनाफा कमा रही हैं और अब लिस्ट होने की तैयारी कर रही हैं। एसबीआई म्यूचुअल फंड के लिए बात करें तो इसका निवेश देश की डिजिटल-फर्स्ट कंज्यूमर इकोसिस्टम में बढ़ते एक्सपोजर को मजबूत करता है और दमानी का निवेश आईपीओ से पहले लेंसकार्ट के शेयरहोल्डर्स में दिग्गज निवेशक का नाम जोड़ेगा।
कैसी है लेंसकार्ट की वित्तीय स्थिति?
अमेरिका की इंवेस्टमेंट फर्म फिडेलिटी ने हाल ही में अपने पोर्टफोलियो अपडेट में लेंसकार्ट का वैल्यूएशन बढ़ाकर करीब $610 करोड़ कर दिया। यह पिछले जून 2024 में इसके करीब $500 करोड़ के वैल्यूएशन से 22% अधिक है जब सेकंडरी ट्रांजैक्शन में फिडेलिटी ने इसके शेयर हासिल किए थे। इसमें सॉफ्टबैंक, टेमासेक, केकेआर और अल्फा वेव जैसे निवेशकों ने पैसा लगाया हुआ है। पिछले वित्त वर्ष 2025 में लेंसकार्ट सालाना आधार पर ₹10 करोड़ के शुद्ध घाटे से ₹297 करोड़ के शुद्ध मुनाफे में आ गई। इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू 23% बढ़कर ₹6,652 करोड़ पर पहुंच गया। इस दौरान ग्रास मार्जिन भी करीब 500 बेसिस प्वाइंट्स सुधरकर 69% पर पहुंच गया। अभी देश भर में इसके 2 हजार स्टोर्स हैं। वहीं देश के बाहर करीब 650 आउटलेट्स हैं, खासतौर से दक्षिणपूर्व एशिया और मिडिल ईस्ट में।