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Tata Capital IPO: 6 अक्टूबर से इंतजार खत्म, क्या लगाने चाहिए पैसे? जानें 10 बड़ी बातें

Tata Capital IPO: कंपनी नए शेयरों को जारी कर हासिल होने वाले पैसों का इस्तेमाल प्राप्त भविष्य की पूंजी जरूरतों को पूरा करने के लिए करेगी। इन जरूरतों में उधार देना भी शामिल है। टाटा कैपिटल को अप्रैल-जून जून 2025 तिमाही में 1040.9 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ

अपडेटेड Oct 05, 2025 पर 3:46 PM
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Tata Capital IPO में 8 अक्टूबर तक पैसे लगाए जा सकेंगे।

Tata Capital IPO: नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) टाटा कैपिटल के पब्लिक इश्यू के लिए इंतजार सोमवार, 6 अक्टूबर को खत्म हो रहा है। यह साल 2025 का सबसे बड़ा IPO रह सकता है। टाटा कैपिटल के कुल ग्रॉस लोन जून 2025 तक 233,400 करोड़ रुपये के थे। कंपनी भारत की तीसरी सबसे बड़ी डायवर्सिफाइड NBFC होने का दावा करती है। इसका फोकस रिटेल और SME कस्टमर्स पर है। आइए जानते हैं इस IPO से जुड़ी कुछ अहम बातें...

इश्यू का साइज

Tata Capital का मकसद अपने IPO से 15,511.87 करोड़ रुपये जुटाने का है।


प्राइस बैंड

IPO में बोली लगाने के लिए प्राइस बैंड 310-326 रुपये प्रति शेयर है। लॉट साइज 46 शेयर है।

लिस्टिंग डेट

IPO में 8 अक्टूबर तक पैसे लगाए जा सकेंगे। अलॉटमेंट 9 अक्टूबर को फाइनल होगा, जिसके बाद शेयर BSE, NSE पर 13 अक्टूबर को लिस्ट हो सकते हैं।

कितने शेयर होंगे जारी

अपर प्राइस बैंड पर IPO में लगभग 6846 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी होंगे। वहीं ऑफर फॉर सेल (OFS) लगभग 8,665.87 करोड़ रुपये का होगा। IPO में 47.58 करोड़ शेयर रहेंगे। इनमें से 21 करोड़ नए शेयर होंगे। मौजूदा शेयरहोल्डर OFS में 26.58 करोड़ शेयरों को बिक्री के लिए रखेंगे। OFS में टाटा संस 23 करोड़ शेयर बेचने की योजना बना रही है। वहीं इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन 3.58 करोड़ शेयर बेचने की तैयारी में है।

एंकर बुक

कंपनी ने IPO से पहले 135 एंकर इनवेस्टर्स से 4,641.8 करोड़ रुपये जुटाए। एंकर इनवेस्टर्स को 326 रुपये प्रति शेयर के भाव पर 14.23 करोड़ शेयरों का एलोकेशन फाइनल किया गया। LIC सबसे बड़ी एंकर इनवेस्टर रही। इसने 700 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। LIC को 2,14,72,386 शेयर एलोकेट हुए हैं।

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IPO के पैसों का कैसे होगा इस्तेमाल

टाटा कैपिटल, टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस की सहायक कंपनी है। Tata Capital अपने IPO में नए शेयरों को जारी कर हासिल होने वाले पैसों का इस्तेमाल प्राप्त भविष्य की पूंजी जरूरतों को पूरा करने के लिए करेगी। इन जरूरतों में उधार देना भी शामिल है। टाटा कैपिटल में टाटा संस के पास 92.83 प्रतिशत हिस्सेदारी है। कोटक महिंद्रा कैपिटल, बीएनपी पारिबा, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इस IPO के बुक रनिंग लीड मैनेजर्स में शामिल हैं। रजिस्ट्रार MUFG Intime India Pvt.Ltd है।

क्या आपको लगाने चाहिए पैसे?

SBI Securities के एनालिस्ट्स ने इस आईपीओ की कुछ प्रमुख खासियतों को लेकर सिफारिश की है। इन खासियतों में शामिल हैं- कंपनी का टाटा समूह की कंपनी होना, डायवर्सिफाइड प्रोडक्ट ऑफरिंग्स, ओम्नी-चैनल डिस्ट्रीब्यूशन मॉडल, स्थिर एसेट क्वालिटी और डायवर्सिफाई लायबिलिटी प्रोफाइल के साथ हाई क्रेडिट रेटिंग। अपनी ग्रोथ स्ट्रैटेजी को लेकर टाटा कैपिटल ने कहा है कि वह प्रोडक्ट्स की पेशकश को बढ़ाकर और डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क को मजबूत करके ग्रोथ के रास्ते पर आगे बढ़ रही है। कंपनी टॉप टैलेंट्स को आकर्षित कर रही है, उन्हें अपने साथ बरकरार रख रही है। साथ ही उधारी लागत को ऑप्टिमाइज करने के लिए क्रेडिट रेटिंग और डायवर्सिफाइड लायबिलिटी मिक्स को मेंटेन किए हुए है। खासियतों के साथ-साथ एनालिस्ट्स ने टाटा कैपिटल को लेकर एसेट क्वालिटी रिस्क, असुरक्षित कर्ज में जोखिम, लिक्विडिटी रिस्क सहित प्रमुख जोखिमों का भी जिक्र किया है।

क्या हैं रिस्क?

टाटा कैपिटल के पोर्टफोलियो में पिछले तीन वर्षों से अनसिक्योर्ड लोन की हिस्सेदारी 20% से अधिक बनी हुई है। इसके अलावा टाटा कैपिटल से जुड़ा एक अहम रिस्क ये है कि इसके खिलाफ अभी 283 आपराधिक मामले चल रहे हैं। हालांकि इनमें से सभी मामले गंभीर नहीं हैं लेकिन कुल मिलाकर ये ₹765 करोड़ की आकस्मिक देनदारी के बराबर हैं। अब वैल्यूएशन को लेकर बात करें तो आईपीओ के अपर प्राइस बैंड के हिसाब से इसके शेयर पिछले 12 महीने की कमाई के मुकाबले 33 गुना और बुक वैल्यू के 4.2 गुना पर हैं। इस प्रकार पियर्स के औसतन 27.2x P/E और 3.6x P/B के मुकाबले इश्यू महंगा दिख रहा है।

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GMP

ग्रे मार्केट में टाटा कैपिटल के शेयर का भाव गिर रहा है। investorgain.com के मुताबिक, ग्रे मार्केट प्रीमियम फिलहाल 7.5 रुपये है, जो प्राइस बैंड की घोषणा के बाद 28 रुपये था। ग्रे मार्केट एक अनऑथराइज्ड मार्केट है, जहां किसी कंपनी के शेयर उसकी लिस्टिंग तक ट्रेड करते हैं।

Tata Capital की वित्तीय स्थिति

टाटा कैपिटल को अप्रैल-जून जून 2025 तिमाही में 1040.9 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ। यह एक साल पहले से 120.4 प्रतिशत ज्यादा है। जून 2024 तिमाही में कंपनी ने 472.2 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा दर्ज किया था। जून 2025 तिमाही के दौरान ऑपरेशंस से रेवेन्यू 7664.8 करोड़ रुपये रहा। यह पिछले साल की समान तिमाही के 6546.3 करोड़ रुपये से 17 प्रतिशत अधिक है। कंपनी की शुद्ध ब्याज आय (NII) सालाना आधार पर 16.8 प्रतिशत बढ़कर 2866.2 करोड़ रुपये हो गई। जून 2024 तिमाही में यह 2454 करोड़ रुपये थी।

वित्त वर्ष 2025 में कंपनी की कुल इनकम 56 प्रतिशत की बढोतरी के साथ 28,369.87 करोड़ रुपये दर्ज की गई। एक साल पहले यह 18,198.38 करोड़ रुपये थी। शुद्ध मुनाफा 10 प्रतिशत बढ़कर 3,655.02 करोड़ रुपये हो गया, जो वित्त वर्ष 2024 में 3,326.96 करोड़ रुपये था।

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