Tata Capital IPO: टाटा कैपिटल लिमिटेड अपने बहुप्रतीक्षित IPO की तैयारी कर रही है। शुरुआती संकेत बताते हैं कि इसका प्राइस बैंड मौजूदा अनलिस्टेड वैल्यूएशन से काफी नीचे रह सकता है। फिलहाल कंपनी के अनलिस्टेड शेयर करीब ₹775 पर ट्रेड कर रहे हैं। लेकिन एक्सपर्ट का अनुमान है कि असल आईपीओ प्राइस इससे कम तय हो सकता है।
HDB फाइनेंशियल, NSDL की मिसाल
हाल के कुछ बड़े IPO में भी यही ट्रेंड देखने को मिला है। उदाहरण के लिए, HDB फाइनेंशियल सर्विसेज का अनलिस्टेड प्राइस ₹1,550 था। लेकिन, उसका IPO प्राइस बैंड केवल ₹700-740 तय हुआ। इसी तरह, NSDL का ग्रे मार्केट प्राइस ₹1,275 था, लेकिन आईपीओ बैंड सिर्फ ₹700-800 रखा गया।
टाटा कैपिटल का मामला इसलिए और अहम है क्योंकि कंपनी का आखिरी राइट्स इश्यू मात्र ₹343 प्रति शेयर पर हुआ था, जो अनलिस्टेड प्राइस से आधे से भी कम है। यह इश्यू 18 जुलाई 2025 को आया था, ठीक उसी समय जब कंपनी ने अपना अपडेटेड Draft Red Herring Prospectus (DRHP) दाखिल किया।
Tata Capital IPO का स्ट्रक्चर
टाटा कैपिटल ने 4 अगस्त को SEBI के पास अपडेटेड DRHP फाइल किया है। टाटा कैपिटल का आईपीओ 17,000 करोड़ रुपये से अधिक का हो सकता है।
टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस की यह सहायक कंपनी आईपीओ में करीब 21 करोड़ नए शेयर जारी करेगी। इसके साथ ही 26.58 करोड़ शेयर ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए बेचे जाएंगे। OFS में टाटा संस 23 करोड़ शेयर और इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन (IFC) 3.58 करोड़ शेयर बेचने की योजना बना रही है।
टाटा कैपिटल का बहुप्रतीक्षित IPO सितंबर 2025 से पहले बाजार में आने की संभावना है। दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सितंबर 2022 में टाटा कैपिटल को अपर लेयर NBFC (नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी) का दर्जा दिया था।
नियमानुसार, इस श्रेणी में आने वाली सभी NBFC को तीन साल के भीतर शेयर बाजारों में लिस्ट होना अनिवार्य है। ऐसे में कंपनी को सितंबर 2025 से पहले ही IPO लाना होगा।
मैक्वेरी की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, भले ही टाटा कैपिटल अपने अनलिस्टेड प्राइस से 60% डिस्काउंट पर लिस्ट हो, तब भी यह अपने कई NBFC साथियों से ऊंचे वैल्यूएशन पर ट्रेड करेगा।
भारत की तीसरी सबसे बड़ी NBFC टाटा कैपिटल का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) ₹2.3 लाख करोड़ है। यह लिस्टिंग मुख्य रूप से Tier-I कैपिटल बढ़ाने और RBI की अपर-लेयर नॉर्म्स को पूरा करने के लिए ला रही है। हाल ही में इसका टाटा मोटर्स फाइनेंस लिमिटेड (TMFL) के साथ विलय हुआ है, जिससे रिटर्न रेशियो पर दबाव आया है।
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