Tata Capital IPO: टाटा ग्रुप ने अपनी फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी टाटा कैपिटल के 15,000 करोड़ रुपये से अधिक के IPO के लिए 10 इनवेस्टमेंट बैंकों को फाइनल किया है। यह बात मनीकंट्रोल को मामले की जानकारी रखने वालों से पता चली है। टाटा कैपिटल एक एनबीएफसी है और टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस की सब्सिडियरी है। सोर्सेज में से एक ने कहा, "कोटक महिंद्रा कैपिटल, सिटी, जेपी मॉर्गन, एक्सिस कैपिटल, ICICI सिक्योरिटीज, HSBC सिक्योरिटीज, IIFL कैपिटल, BNP पारिबा, SBI कैपिटल और HDFC Bank को इस बड़े सौदे के लिए इनवेस्टमेंट बैंकों के तौर पर नियुक्त किया गया है।"
एक व्यक्ति ने कहा कि टाटा कैपिटल गोपनीय प्री-फाइलिंग रूट के माध्यम से मार्च के अंत या अप्रैल की शुरुआत तक ड्राफ्ट पेपर दाखिल कर सकती है। यह रूट कंपनियों को लिस्टिंग पर अंतिम फैसले पर पहुंचने तक गोपनीयता की सुविधा देता है। अगर जरूरी हो तो वे बाद में बाजार की स्थितियों के आधार पर महत्वपूर्ण जानकारी का खुलासा किए बिना ड्राफ्ट को वापस भी ले सकती हैं। कॉन्फिडेंशियल प्री-फाइलिंग कंपनियों को सेंसिटिव बिजनेस डिटेल्स या फाइनेंशियल मेट्रिक्स और रिस्क्स को गोपनीय रखने की इजाजत देती है, खासकर कॉम्पिटीटर्स से। दूसरी ओर स्टैंडर्ड DRHP (ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस) फाइलिंग के बाद एक पब्लिक डॉक्युमेंट बन जाता है।
टाटा संस और निवेशक IFC कम कर सकते हैं हिस्सेदारी
एक अन्य व्यक्ति ने मनीकंट्रोल को बताया कि IPO में प्रमोटर टाटा संस और निवेशक IFC अपनी हिस्सेदारी कम कर सकते हैं। टाटा कैपिटल के IPO में नए शेयरों के साथ-साथ प्रमोटर्स और कुछ मौजूदा शेयरहोल्डर्स की ओर से OFS (Offer for Sale) भी होगा। टाटा कैपिटल को IPO के लिए अपने बोर्ड की मंजूरी इस साल फरवरी में मिली थी। IPO के तहत 2.3 करोड़ नए शेयर जारी किए जाने की बात कही गई है।
अपर लेयर NBFC है टाटा कैपिटल
टाटा संस के पास टाटा कैपिटल में 92.83 प्रतिशत हिस्सेदारी है। टाटा कैपिटल को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से अपर लेयर NBFC (नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी) का दर्जा दिया गया है। RBI के आदेश के अनुसार, अपर लेयर NBFC के लिए यह मान्यता मिलने के 3 साल के अंदर शेयर बाजारों में लिस्ट होना जरूरी है। टाटा कैपिटल को सितंबर, 2022 में अपर लेयर NBFC के रूप में क्लासिफाई किया गया था।