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लोकसभा चुनाव के लिए केजरीवाल को मिलेगी बेल? अंतरिम जमानत पर विचार कर सकता है SC

Delhi Lok Sabha Elections 2024: शीर्ष अदालत ने 15 अप्रैल को ED को नोटिस जारी किया था और केजरीवाल की याचिका पर जवाब देने को कहा था। इससे पहले 9 अप्रैल को शीर्ष अदालत ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को बरकरार रखते हुए कहा था कि यह गैरकानूनी नहीं है

अपडेटेड May 03, 2024 पर 5:50 PM
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Arvind Kejriwal arrested News: ED ने केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार कर लिया था। वह इस समय तिहाड़ जेल में हैं

Delhi Lok Sabha Elections 2024: सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर विचार कर सकता है। शीर्ष अदालत ने शुक्रवार (3 मई) को प्रवर्तन निदेशालय (ED) से कहा कि वह दिल्ली में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में AAP प्रमुख अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका पर दलीलें सुनने को लेकर विचार करेगा।

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने ED के वकील से कहा कि वह मंगलवार (7 मई) को मामले की सुनवाई करते समय इस पहलू पर तैयार होकर आएं। पीटीआई के मुताबिक, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने ED की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू से कहा कि गिरफ्तारी के खिलाफ केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई में समय लगने की संभावना है। इसलिए, अदालत उन्हें अंतरिम जमानत देने पर जांच एजेंसी का पक्ष सुनने पर विचार कर रही है। इस पर राजू ने कहा कि वह केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने का विरोध करेंगे।

'जमानत दे भी सकते हैं और नहीं भी...'


पीठ ने कहा, "हम कह रहे हैं कि हम अंतरिम जमानत पर सुनवाई करेंगे। यह नहीं कह रहे कि हम अंतरिम जमानत देंगे। हम अंतरिम जमानत दे भी सकते हैं और नहीं भी दे सकते।" शीर्ष अदालत ने राजू से 7 मई को अंतरिम जमानत याचिका पर दलीलों के लिए तैयारी के साथ आने को कहा।

सुप्रीम कोर्ट ED द्वारा केजरीवाल को गिरफ्तार किए जाने के खिलाफ उनकी याचिका पर सुनवाई कर रही है। आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री 21 मार्च को गिरफ्तारी के बाद से न्यायिक हिरासत में यहां तिहाड़ जेल में बंद हैं।

सुप्रीम कोर्ट से लग चुका है झटका

शीर्ष अदालत ने 15 अप्रैल को ED को नोटिस जारी किया था और केजरीवाल की याचिका पर जवाब देने को कहा था। इससे पहले 9 अप्रैल को शीर्ष अदालत ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को बरकरार रखते हुए कहा था कि यह गैरकानूनी नहीं है। केजरीवाल को बार-बार जारी समन की अवहेलना करने और जांच में शामिल नहीं होने के बाद ED के पास बहुत कम विकल्प बचा था। यह मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की अब रद्द हो चुकी उत्पाद शुल्क नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित है।

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