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Haryana Crisis: कांग्रेस को इस शर्त के साथ समर्थन देगी JJP, हरियाणा में BJP सरकार पर संकट बढ़ा! समझें पूरा नंबर गेम

Haryana Political Crisis: गौर करने वाली बात ये है कि नायब सैनी कैबिनेट में विधायक रहे रणजीत चौटाला को छोड़कर किसी भी निर्दलीय को जगह नहीं मिली। चौटाला खट्टर सरकार में भी मंत्री थे। अभी रणजीत चौटाला ने विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। दुष्यंत चौटाला बीजेपी सरकार के अल्पमत में आने का दावा कर रहे हैं

अपडेटेड May 08, 2024 पर 3:29 PM
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Haryana Crisis: कांग्रेस को इस शर्त के साथ समर्थन देगी JJP, हरियाणा में BJP सरकार पर संकट बढ़ा! समझें पूरा नंबर गेम

हरियाणा में नायब सिंह सैनी सरकार के साथ मंगलवार के दिन बड़ा अमंगल हुआ और अब उसके सामने एक बड़ा संकट आ खड़ा हुआ है। मंगलवार को राज्य की BJP सरकार से तीन निर्दलीय विधायकों ने अपना समर्थन वापस ले लिया। इतना ही नहीं इन विधायकों ने अब कांग्रेस का साथ देने का ऐलान कर दिया और लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस के लिए प्रचार करेंगे। इससे भी बड़ी समस्या सैनी सरकार के लिए तब खड़ी हो गई, जब पूर्व उपमुख्यमंत्री और जननायक जनता पार्टी (JJP) नेता दुष्यंत चौटाला ने बुधवार को कहा कि वो विपक्ष के नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा का समर्थन करेंगे। हालांकि, उन्होंने कांग्रेस के सामने भी एक शर्त रख दी कि अगर वो राज्य सरकार को गिराने के लिए कदम उठाती है, तो ही वो हु्ड्डा को अपना समर्थन देंगे।

हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों पर लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) के पांचवें चरण में 25 मई को मतदान होगा। तीन विधायकों - सोमबीर सांगवान, रणधीर गोलेन और धर्मपाल गोंदर ने हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को पत्र लिखकर कहा कि वे सैनी के नेतृत्व वाली सरकार से अपना समर्थन वापस ले रहे हैं।

दुष्यंत चौटाला ने कांग्रेस के सामने रखी ये शर्त


इसके एक दिना बाद ही चौटाला ने कहा, "बीजेपी सभी 10 लोकसभा सीटें और करनाल उपचुनाव की एक सीट जीतने की बात कर रही है, लेकिन तीन विधायकों का समर्थन वापस लेना दिखाता है कि बीजेपी कितनी कमजोर हो गई है। मैं विपक्ष के नेता से यह भी कहना चाहूंगा कि आज संख्या के गणित के अनुसार, अगर चुनाव के दौरान इस सरकार को गिराने के लिए कोई कदम उठाया जाता है, तो मैं उन्हें (हुड्डा) बाहर से समर्थन देने पर विचार करूंगा। अब यह कांग्रेस को सोचना है कि क्या वो बीजेपी सरकार को गिराने के लिए कोई कदम उठाएगी।"

उन्होंने आगे कहा, “तीन विधायकों ने समर्थन वापस ले लिया है और मनोहर लाल खट्टर (करनाल से लोकसभा उम्मीदवार) और रणजीत सिंह (हिसार से उम्मीदवार) समेत दो विधायकों ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया है। इससे उसके पांच विधायक विधानसभा से बाहर हो गए। इससे साबित होता है कि बीजेपी सरकार साधारण बहुमत हासिल करने में विफल रही है। मैं मांग करता हूं कि मुख्यमंत्री नैतिक आधार पर इस्तीफा दें। तीनों निर्दलियों ने अपना समर्थन वापस लेने का प्रस्ताव राज्यपाल को भेज दिया है। हम राज्यपाल से भी आग्रह करेंगे और राज्य सरकार को बहुमत साबित करने का निर्देश देने के लिए उन्हें लिखित रूप से भी भेजेंगे।"

हरियाणा में क्या है नंबर गेम?

दुष्यंत चौटाला बीजेपी सरकार के अल्पमत में आने का दावा कर रहे हैं। उनके इस दावे के उलट एक हरियाणा विधानसभा में नंबर गेम को समझना भी काफी जरूरी है।

हरियाणा में कुल 90 विधानसभा सीट हैं, जिसमें से अभी 88 सदस्य हैं और बहुमत का आंकड़ा 45 है। वर्तमान में बीजेपी के 40, कांग्रेस के 30 और JJP के 10 विधायक हैं। इसके अलावा 6 निर्दलीय और एक हरियाणा लोकहित पार्टी के गोपाल कांडा हैं।

BJP के पास कितना है आंकड़ा

सबसे पहले बात करते हैं बीजेपी कि, तो उसके पास दो निर्दलीय- पृथला से नयनपाल रावत और बादशाहपुर से राकेश दौलताबाद और एक गोपाल कांडा को मिला कर कुल 43 विधायक हैं। इस हिसाब से देखा जाए, तो पार्टी बहुमत से दो अंक दूर है।

हालांकि, बीजेपी का दावा है कि उसके पास दिुष्यंत चौटाला की JJP के 5 से 7 विधायकों का समर्थन है और असली आंकड़ा 47 के करीब है, इसलिए उसकी सरकार सुरक्षित है। हालांकि, दलबदल विरोधी कानून के कारण जेजेपी विधायकों ने समर्थन की घोषणा नहीं की है।

कांग्रेस-JJP के सामने क्या रास्ता?

अब जैसा कि दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि वो कांग्रेस के अपना समर्थन दे सकते हैं, तो लिहाज से कांग्रेस के अपने 30, तीन निर्दलीय और JJP के 10 मिलाकर भी ये आंकड़ा 43 तक ही पहुंच रहा है। इसका मतलब है कि उसे भी सरकार बनाने के लिए दो विधायक तो चाहिए ही।

उधर विधानसभा में एक इंडियन नेशनल लोकदल के एक विधायक अभय सिंह चौटाला भी हैं। इसके अलाव महम से एक और निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने अभी तक अपनी स्थिति साफ नहीं की है।

राज्यपाल को पत्र लिख कर सरकार बर्खास्त करने की मांग

इस बीच कांग्रेस ने हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार के विधानसभा में अल्पमत में आने के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने और चुनाव कराने की बुधवार को मांग की। पार्टी ने कहा कि वो हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को पत्र लिखकर बीजेपी सरकार को बर्खास्त करने की मांग करेगी।

पार्टी ने जननायक जनता पार्टी (JJP), इंडियन नेशनल लोक दल (INLD) और निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू से कहा कि वे भी इसी तरह राज्यपाल को पत्र लिखकर BJP का विरोध करने के अपने दावे के बारे में उन्हें जानकारी दें।

हरियाणा कांग्रेस प्रमुख उदय भान ने कहा, "हम राज्यपाल को पत्र लिखकर सूचित करेंगे कि तीन निर्दलीय विधायकों ने समर्थन वापस ले लिया है और उन्होंने हमारी पार्टी को समर्थन दिया है... सरकार अल्पमत में है और उसे बरकरार रहने का कोई अधिकार नहीं है। हम सरकार को बर्खास्त करने, राष्ट्रपति शासन लगाने और नए सिरे से चुनाव कराने की मांग करेंगे।”

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