डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद 2024 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने नॉमिनेशन फाइल करने के बाद अपना नाम वापस ले लिया है। गुलाम नबी आजाद ने जम्मू-कश्मीर की अनंतनाग सीट से अपना नामांकन दाखिल किया था। आजाद ने 2022 में कांग्रेस छोड़ दी थी।
उन्होंने कांग्रेस के साथ अपने पांच दशक लंबे जुड़ाव को समाप्त करते हुए डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) बनाई थी। इससे पहले आजाद ने 2014 का लोकसभा चुनाव उधमपुर संसदीय क्षेत्र से लड़ा था और वह बीजेपी नेता जितेंद्र सिंह से चुनाव हार गए थे।
डीपीएपी (DPAP) के प्रांतीय अध्यक्ष, कश्मीर, मोहम्मद अमीन भट ने कहा कि पार्टी ने अब अपने नेता मोहम्मद सलीम पार्रे को इस सीट से मैदान में उतारने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, 'आजाद के साथ हुई बैठक में फैसला लिया गया कि वकील सलीम पारे अनंतनाग-राजौरी सीट के लिए डीपीएपी के उम्मीदवार होंगे।'
डीपीएपी नेता ने उन कारणों का खुलासा किए बिना कहा कि आजाद के पास चुनाव न लड़ने के कुछ कारण हैं। भट्ट ने कहा, 'उन्होंने (बैठक में) कुछ कारण बताए और फिर हमने पार्रे को सीट से मैदान में उतारने का फैसला किया।'
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद को चुनौती दी कि वह 'कैमरे के पीछे छिपने' और उनकी पार्टी को निशाना बनाकर बयान देने के बजाय उनके खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ें। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री आजाद को अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट से डीपीएपी उम्मीदवार के रूप में नॉमिनेट किया गया था, लेकिन उन्होंने बाद में कहा कि वह अपनी उम्मीदवारी को लेकर निश्चित रूप से नहीं बता सकते क्योंकि पार्टी ने उनसे इस बारे में सलाह नहीं ली थी।