Loksabha Elections 2024: बुलंदशहर पश्चिम उत्तर प्रदेश का एक जिला है। इसी नाम से लोकसभा सीट भी है। इस शहर ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान रखने वाला कारोबार दिया है। राष्ट्रीय स्तर पर मशहूर नेता दिए हैं। वहीं दिल्ली-एनसीआर समेत आसपास के इलाकों को छोटी काशी के रूप में अनूपशहर भी दिया है। इस लोकसभा सीट को भारतीय जनता पार्टी का गढ़ कहा जाता है। इसमें सपा-बसपा या फिर कांग्रेस सेंध लगाने की फिराक में हैं। मौजूदा समय में यहां से भोला सिंह सांसद हैं। साल 2014 के चुनाव में भी भोला सिंह को आम जनता ने सांसद चुना था।
जिले का बड़ा हिस्सा बुलंदशहर लोकसभा क्षेत्र (SC) में आता है। जबकि कुछ हिस्सा गौतमबुद्धनगर यानी नोएडा लोकसभा क्षेत्र में लगता है। इससे आप समझ सकते हैं कि ये जिला लगभग दिल्ली-NCR की हद में ही आता है। बुलंदशहर जिले में 7 विधानसभा सीटें हैं। बुलंदशहर में दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान होंगे।
बुलंदशहर लोकसभा सीट पर BJP का दबदबा
साल 1991 के चुनाव में बीजेपी का इस सीट से पहली बार खाता खुला था। बीजेपी के प्रत्याशी छत्रपाल ने कांग्रेसी प्रत्याशी को हराकर जीत हासिल की थी। इसके बाद 1996, 1998, 1999 में भी भाजपा के छत्रपाल ने लगातार चार बार विपक्षी प्रत्याशियों को धूल चटाते हुए शानदार जीत दर्ज की। 2004 में भाजपा की ओर कल्याण सिंह इस सीट पर चुनाव लड़े और बड़े अंतर से जीत हासिल की थी। इस लोकसभा क्षेत्र में भाजपा की यह लगातार पांचवीं जीत रही। इसके बाद 2014 और 2019 में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर भोला सिंह सांसद बने। इस बार के चुनाव में बीजेपी ने फिर से भोला सिंह को मैदान में उतारा है।
ये उम्मीदवार ठोंक रहे हैं ताल
बुलंदशहर लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद और भाजपा प्रत्याशी डा. भोला सिंह, इंडिया गठबंधन प्रत्याशी शिवराम वाल्मीकि, नगीना के सांसद और बसपा प्रत्याशी गिरीश चंद्र, ऋषिवादी कर्मशील युवा परमार्थी पार्टी के राजेश तुरैहा समेत निर्दलीय उम्मीदवार सोनम भारती और प्रदीप कुमार चुनाव मैदान में डटे हुए हैं।
बुलंदशहर से निकले कई दिग्गज नेता
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का नाता भी बुलंदशहर से रहा है। वो यहीं पैदा हुए और यहीं से अपनी राजनीति का आगाज किया। 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर आरिफ मोहम्मद खान स्याना सीट से चुनाव जीते थे। इनके अलावा, यूपी के पूर्व सीएम बाबू बनारसी दास जैसे दिग्गज नेताओं का नाता भी बुलंदशहर जिले से रहा है।
जानिए बुलंदशहर लोकसभा सीट में जातीय और राजनीतिक समीकरण
1 - बुलंदशहर लोकसभा क्षेत्र की साक्षरता दर 58.06 फीसदी है।
2 – बुलंदशहर संसदीय सीट पर SC मतदाताओं की संख्या लगभग 352,927 है, जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 19.8 फीसदी हैं।
3 – बुलंदशहर संसदीय सीट पर ग्रामीण मतदाताओं की संख्या करीब 1,365,365 है जो 2011 की जनगणना के मुताबिक, करीब 76.6 फीसदी है।
4 – बुलंदशहर संसदीय सीट पर साल 2019 के संसदीय चुनाव के अनुसार कुल 1782461 मतदाता हैं।
बुलंदशहर में पॉटरी का कारोबार
बुलंदशहर जिले के खुर्जा का कनेक्शन तैमूर वंश से रहा है। तैमूर की सेना के कुछ मिट्टी के शिल्पकार यहां रह गए थे। जिसके चलते धीरे-धीरे यहां पॉटरी का कारोबार बढ़ता चला गया। आज खुर्जा का पॉटरी कारोबार पूरी दुनिया में मशहूर है।
बुलंदशहर, का प्राचीन नाम बरन था। इसका इतिहास लगभग 1200 वर्ष पुराना है। इसकी स्थापना अहिबरन नाम के राजा ने की थी। बुलंदशहर, अनूपशहर, खुर्जा, स्याना, डिबाई, सिकंदराबाद और शिकारपुर इसके प्रमुख नगर हैं। बुलंदशहर, नगर इसका मुख्यालय है। इस शहर के पास से काली नदी बहती है।